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फर्जी दस्तावेजों बनाकर जमीन बेचने वाले आरोपियों को 5 - 5 साल की सजा और 1-1 लाख रुपये जुर्माना▪️फर्जी पिता बनाया और दस्तावेज भी

फर्जी दस्तावेजों बनाकर जमीन बेचने वाले आरोपियों को 5 - 5 साल की सजा और  1-1 लाख रुपये जुर्माना

▪️फर्जी पिता बनाया और  दस्तावेज भी



सागर 08 अप्रैल 2023 :  जिला न्यायालय सागर के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश  दिनेश सिंह राणा की न्यायालय द्वारा थाना गोपालगंज के अंतर्गत आने वाला सत्र प्रकरण 307/2022 में अभियुक्त रवि अहिरवार एवं सहअभियुक्त पप्पू रजनीश को पांच 5- 5 वर्ष का कारावास एक एक लाख का जुर्माना की सजा भारतीय दंड संहिता की धारा 419 420 467 468 और 471 के अंतर्गत सुनाई गई। सभी अपराधों में पृथक पृथक सजा के आदेश हुए लेकिन सजा को एक साथ भुगतने के आदेश के चलते हैं उक्त सजा की अवधि 5 वर्ष हुई।
 प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक दीपक पौराणिक ने बताया कि मामला  गोपालगंज थाना अंतर्गत है जिसमें दिनांक 25.10.2021 को अपराध घटित हुआ और फरियादी गीता पटेल तथा देवेंद्र पटेल द्वारा थाना गोपालगंज में जाकर एफ आई आर कराई गई। 
फरियादियों गीता पटेल द्वारा आवेदन और दस्तावेज थाने में प्रस्तुत किये गए और पुलिस द्वारा  अभियुक्त रवि पिता करन अहिरवार जैसीनगर का निवासी है ओर करने वाला था और सहअभियुक्त पप्पू उर्फ रजनीश जो सोमनाथपुरम मोतीनगर में रहता है के विरुद्ध मामला बना । रवि अहिरवार ने उसके पिता करन के नाम की भूमी का सौदा फरियादिया गीता पटेल से किया और सहअभियुक्त रजनीश  को उसका पिता बताया तथा अपने पिता करन के स्थान पर भू अधिकार ऋण पुस्तिका बंदी में पप्पू की फोटो लगाकर और आधार कार्ड में भी फोटो परिवर्तित करवाके रवि के द्वारा पप्पू के साथ मिलकर प्रतिरूपण किया गया और कूट रचना छल करके जिला पंजीयक कार्यालय सागर में उस बंदी और आधार कार्ड से दिनांक 25.10.2021 को अभियुक्तगण द्वारा मूल्यवान प्रतिभूति की कूट रचना कर फ़रियदिया गीता पटेल के साथ छल करके बेईमानी से रजिस्ट्री कराई गई और उसके एवज में पांच लाख रुपये प्रदान करने के लिए प्रेरित किया,,प्रकरण विवेचना उपरांत न्यायालय के समक्ष आया तथा अभियोजन के द्वारा माननीय न्यायालय में सभी साक्ष्यों गवाहों दस्तावेजों को रखा, माननीय न्यायालय ने विचारण में यह पाया गया कि अभियुक्तों द्वारा अपराध किया गया है तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओ 419 में अभियुक्तों को 3 वर्ष का सश्रम कारावास 467 में 5 वर्ष का कारावास सश्रम तथा ₹80000 जुर्माना 468 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास 10000 जुर्माना,और धारा 471 में 2 वर्ष का कारावास तथा धारा 420 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹10000 जुर्माना किया गया,,अभियुक्त पहले से ही जेल में थे जेल में उनके द्वारा जो अवधि काटी गई उसको मूल सजा में समायोजित करने का आदेश तथा सभी सजा को साथ में चलने का आदेश भी  न्यायालय के द्वारा दिया गया   जिसके चलते दोनों अभियुक् गण पर पांच 5 वर्ष का कारावास और एक  एक लाख रुपये जुर्माना हुआ है। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक दीपक पौराणिक ने की।
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