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हम दो कौड़ी की टीवी में बने रहने के लिए नहीं बोलते हम जो बोलते हैं वह शास्त्र सम्मत ही होता है - बागेश्वरधाम सरकार▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सुनी कथा▪️देखे : वीडियो/फोटो : अद्भुत झलकियाँ श्रीमद भागवत कथा की

हम दो कौड़ी की टीवी में बने रहने के लिए नहीं बोलते हम जो बोलते हैं वह शास्त्र सम्मत ही होता है - बागेश्वरधाम सरकार

▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सुनी कथा

▪️देखे : वीडियो/फोटो :  अद्भुत झलकियाँ श्रीमद भागवत कथा की 









तीनबत्ती न्यूज
सागर,29 अप्रैल ,2023। हम सदैव वही बोलतें हैं जो शास्त्र सम्मत है लेकिन बोलने में बुंदेली का प्रभाव तो रहता है। लेकिन वह मति और भाव हमारे रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि टीवी पर बने रहने के लिए मैं कुछ शब्दों को बोलता हूँ। तो हम दो कौड़ी की टीवी में बने रहने के लिए नहीं बोलते। इस भारत में महावीर को भी लोग पत्थर मारते थे। हम भी किसी अंजाम की चिंता नहीं करते वहीं कहेंगे जो शास्त्रों में लिखा है। लेकिन एक बात तय है जब तक भारत से जातिवाद शून्य नहीं होगा तब तक यह देश हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता।


            बनाया रंगचित्र

 जब शास्त्रों की बात हम ही नहीं कहेंगे तो कौन करेगा। इसलिए सहने की आदत डालो और सत्य पर अड़े रहो। यब बात बागेश्वर धाम सरकार ने सात दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को कही। कथा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भगवान की कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। खचाखच भरे पंडाल के बाहर भी हजारों लोगों की भीड़ उपस्थित रही। भंडारा व्यस्था देख रहे राजा ठाकुर ने बताया कि भंडारे में करीब तीन लाख लोगों ने प्रसादी ग्रहण की । कथा में भगवान के वृंदावन धाम आगमन का  प्रसंग सुनाया। जहां अघासुर और बका सुर का वध किया। ब्रम्हा जी ने सोचा भगवान नियमों का पालन नहीं कर रहे कहीं भी आते जाते हैं। ब्रम्हा जी ने ग्वाल और गायों को गायब कर दिया। 



भगवान समझ गए लेकिन मांगने नहीं गए बल्कि सारी गायों और गोप ग्वाल बनकर प्रकट हो गए। जब एक साल तक भगवान लेने नही आए तो ब्रम्हा जी ने देखा तो हैरान रह गए और भगवान को प्रणाम कर क्षमा मांगी। इसी बीच भगवान ब्रम्हा बनकर ब्रम्हलोक पहुंच गए। जब ब्रम्हा पहुँचे तो द्वारपालों ने बहुरूपिया जानकर रोक लिया और ब्रम्हा बने भगवान कृष्ण के पास ले आए जब वहां याचना की तब उन्होंने ब्रम्हा के अभिमान का दम्भ किया। 

उन्होंने कहा कि कोई कितना भी बड़ा अभिमानी हो भगवान अभिमानियों का अभिमान किसी न किसी तरह से तोड़ देते हैं। शकि का अभिमान हो, ज्ञान का अभिमान हो, धन या पद का अभिमान हो भगवान संतों को भेजकर अभिमान तोड़ते हैं। 

युवाओं को दिया संदेश

बागेश्वरधाम सरकार ने कहा कि दुनिया मे सारा खेल आंखों का है। आप क्या देखते हैं यह निर्णय आपका है। युवाओं के हाथों में आज मोबाइल है। युवा मुझसे कहते हैं कि मन एकाग्र नहीं होते। मैं कहता हूं रात भर मोबाइल पर रील देखते हो तो मन कैसे लगेगा उसका सदुपयोग करो। विद्यार्थियों के लिए एकाग्र मन करने ब्रम्हमुहूर्त में ओम उच्चारण का उपाय बताया। उन्होंने कहा कि सेल्फी का युग है लेकिन मंदिर में आदर सम्मान देते समय सेल्फी पर ही उतना ध्यान मत दे की मूल काम ही बिगड़ जाए। 





हनुमान जी से अच्छा श्रोता नहीं 

बागेश्वरधाम सरकार पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा आरंभ में श्री राम सीता नाम कीर्तन किया। उन्होंने कहा कि हनुमानजी महाराज से अच्छा कोई श्रोता नहीं है, और ना ही उनसे अच्छा कोई वक़्ता है। इसके बाद भजनों पर लोग भक्ति मगन होकर जमकर नाचे और भक्ति रस से पंडाल सराबोर रहा। 



उन्होंने त्रिलोकी नाथ की प्रचलित कथा के माध्यम से भाववान और भक्त के बीच के प्रेम और समर्पण को समझाते हुए कहा कि भक्त के लिए भगवान किसी निर्दयी राजा में सामने भक्त का रूप धारण कर माता लक्ष्मी के आभूषण लेकर चले जाते हैं। जब तक संसार जान पाता है कि वह तो साक्षात भगवान थे जो त्रिलोकीनाथ बनकर आगये तब आंखों में प्रेम अश्रु ही शेष रह जाते हैं।

ये रहे उपस्थित

    कलेक्टर और एसपी ने किए दर्शन

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद राज बहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह, विधायक प्रदीप लारिया, कलेक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी ,अभिषेक भार्गव ,मुख्य, आयोजक भूपेंद्र सिंह बहेरिया, सुरवेंद्र सिंह, शुभम सिंह, सुरेंद्र दुबे सागर शिष्य मंडल और संदीप दुबे सहित प्रभात सिंह, अजीत सिंह चील पहाड़ी, राजा ठाकुर, आदि उपस्थित थे।

दिन रात मिल रहे है बागेश्वर धाम के आचार्य ,सुबह पहुंचे बटालियन स्थित हनुमान मंदिर



बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री से मिलने सागर के पागल भक्तो की भीड़ उमड़ी है।  इस मामले में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री  भी पागलों से मिलने  रात के दो बजे  तक बैठते है।  भक्तो से चर्चाएं करते है।  

उनका सागर में धार्मिक स्थानों पर दर्शन करने जाना बना है। इसकी सूचना मिलते ही  भक्त लोग पहले से ही पहुंच जाते है। आज सागर मकरोनिया 10  बटालियन में पहाड़ी वाले हनुमान जी ओशो का ध्यान केंद्र बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंदिर के दर्शन किए।

पं. धीरेंद्र शास्त्री के हनुमान टेकरी पहुंचने की खबर मिलते ही भक्तों की भीड़ लगने लगी। चारों तरफ जय श्रीराम और बागेश्वर धाम के जयकारे गूंजने लगे। कुछ देर रुकने के बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री कथास्थल के लिए रवाना हुए। यहां बता दें कि हनुमान टेकरी वह स्थान है जहां पर महुआ के पेड़ के नीचे आचार्य रजनीश यानी ओशो को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसे रजनीश (ओशो) हिल्स भी कहा जाता है।


नगरीय विकास मंत्री ने पहनाई पगड़ी


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने बहेरिया में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा स्थल स्थित संत निवास पहुंच कर पूज्य संत बागेश्वर पीठाधीश्वर पं धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया और चर्चा की। इस अवसर पर सांसद श्री राजबहादुर सिंह भी उपस्थित थे।

 बहेरिया में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा आयोजन में पहुंच कर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य संत श्री बागेश्वर पीठाधीश्वर पं श्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री जी की आरती की और आशीर्वाद ग्रहण किया। मंत्री श्री सिंह ने पं शास्त्री जी को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया और उन्हें दानवीर डा हरीसिंह गौर साहब का चित्र भेंट किया। तत्पश्चात उन्होंने कथाश्रवण कर पुण्य अर्जित किया।


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एडिटर: विनोद आर्य
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