Sagar.नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी जीजा को 20 साल की सजा
सागर,31 मार्च,2023 । नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म ़करने वाले अभियुक्त/जीजा ़को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-5(एन) सहपठित धारा- 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं आठ हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक(अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज पटैल ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 06.01.21 को षिकायतकर्ता/पीड़िता द्वारा थाना-नरयावली में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 04.01.21 को अभियुक्त के पापा व उसके भाई उसकी बुआ की गंगाजली में सागर आए थे, घर पर वह और उसकी छोटी बहिन अकेले थे, रात को अभियुक्त वापस आ गया था और उन लोगों के साथ रूका था । दिनांक 05.01.21 को सुबह करीब 4 बजे अभियुक्त ने उसे उठाया और उससे पीने के लिए पानी मांगा तो उसने पानी नही दिया और वह बाथरूम जाने लगी तो अभियुक्त ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ा एवं उसे जमीन पर पटक दिया तथा उसका मुंह दबाकर जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया फिर अभियुक्त सुबह घर से चला गया। रात में जब भाई सागर से घर आया तो उसने सबसे बड़ी बहिन को फोन करके घटना बताई जिसने घरवालों को घटना बताई थी तत्पश्चात दिनांक 06.01.21 को अपने पिता व भाई के साथ रिपोर्ट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-नरयावली़ द्वारा धारा- 376(1), 376(2)(एफ) भा.द.वि. एवं 5(एन) सहपठित धारा- 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
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