PP SIR : नही रहे पुष्पेंद्र पाल सिंह : पत्रकारिता की पाठशाला थे, सीएम ने जताया शोक
भोपाल,7 मार्च ,2023 . मिडिया जगत में पढ़ा लिखाकर लंबी चौड़ी पीढ़ी तैयार करने वाले पीपी सर यानि पुष्पेंद्र पाल सिंह नही रहे। मंगलवार की सुबह मिडिया क्षेत्र से उनके निधन की दुखद खबर आई । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक, 'रोजगार और निर्माण' अख़बार के संपादक प्रोफेसर पुष्पेन्द्र पाल सिंह का मंगलवार सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वह पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया के मप्र चैप्टर के अध्यक्ष भी थे। पुष्पेंद्र पाल अपने छात्रों के बीच 'पी.पी. सर' के नाम से मशहूर थे। अनगिनत छात्रों को उन्होंने पढ़ाई के अलावा उपयुक्त रोज़गार पाने में बहुत मदद की। साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से उनका गहरा लगाव था। मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने5 उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंतिम संस्कार भोपाल के भदभदा घाट पर हुआ। उनके निधन से पूरा पत्रकारिता जगत सदमे में है। उनके पढ़ाए हुए छात्र आज देश दुनिया के सभी प्रमुख पत्रकारिता संस्थानों में अहम पदों पर हैं। कई ने प्रशासकीय सेवा भी ज्वाइन की हुई है।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उनका निधन हिंदी पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी अपने आप में पत्रकारिता का एक संस्थान थे, उन्होंने प्रदेश और प्रदेश के बाहर पत्रकारिता के अनेकों विद्यार्थी गढ़े। विद्यार्थियों के बीच ''पीपी सर'' के नाम से प्रसिद्ध एक योग्य गुरु का जाना स्तब्ध कर गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है
सीएम श्री चौहान ने कहा कि वह अपने कार्यों और विचारों के माध्यम से सदैव हम सबके हृदय में रहेंगे।
पुष्पेंद्र का जाना अविश्वसनीय : रघु ठाकुर
समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर के साथ पीपी सिंह का प्ररिवारिक नाता रहा है। रघु ठाकुर ने कहा कि पुष्पेंद्र का जाना अविश्वसनीय सा है। मेरा तो जैसे बेटा ही था। हर सुख दुख में साथ। जिसके शब्द कोश में न शब्द नहीं था। लगभग 1984से छात्र जीवन से मेरे साथ रहा।
उनके वृद्ध माता पिता का सहारा और सभी का अभिभावक जैसा। नीयति की यह क्या क्रूरता है कि अच्छे लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं। उसे श्रृद्धाञ्जलि लिखते भी विश्वास नहीं हो रहा। श्री वी पी सिंह उनके पिता और माँ को क्या कहूंगा। पुस्पेंद्र तुम जहाँ भी रहो ठीक रहो। जो श्रृद्धाञ्जलि तुम्हें मुझे देना थी वह आज मुझे तुम्हें देना पड़ रही है।
सागर में पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि
डा हरिसिंह गौर विवि सागर के पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्र पीपी सिंह लंबे समय तक सागर में रहे है। उनके पिता सागर में सरकारी नोकरी में थे। उनके निधन पर पत्रकार सुदेश तिवारी, शैलेंद्र ठाकुर, विनोद आर्य, प्रवीन पांडेय, रत्नेश रावत, प्रदीप चतुर्वेदी, अजय तिवारी सहित अनेक पत्रकारों और मित्रो ने श्रद्धांजलि दी।
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