Odisha: 28 किलोमीटर पैदल चलकर दुल्हनिया को लेने पहुंचा दूल्हा
ओडिशा के रायगढ़ा जिले में दूल्हे को शादी करने के लिए 28 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। दरअसल हुआ ये कि चालकों की हड़ताल के कारण दूल्हे के परिवार वाले वाहन का इंतजाम नहीं कर सके। इस कारण दूल्हे और उसके परिवार के सदस्यों को पैदल चलकर दुल्हन के गांव पहुंचना पड़ा।
By: Teenbatti News
Odisha Viral News: ओडिशा में एक दूल्हे को अपनी दुल्हनिया को लेने के लिए तकरीबन 28 किमी. पैदल चलना पड़ा. यह मामला रायगढ़ा जिले का है. दरअसल, वाहन चालकों की स्ट्राइक के कारण दूल्हे के परिवार वाले वाहनों का इंतजाम नहीं कर सके. इसके कारण दूल्हे को करीब को 28 किमी पैदल चलकर दुल्हन के घर पर जाना पड़ा. उसके पीछे पूरी बारात भी पैदल गई.
खबरों के मुताबिक, जिले के कल्याणसिंहपुर ब्लॉक के सुनखंडी पंचायत के रहने वाले 22 वर्षीय नरेश प्रस्का की शादी दिबालापाडू गांव की लड़की से तय की गई थी. तय तारीख के मुताबिक गुरुवार (16 मार्च) को बारात पहुंचनी थी. चालकों के हड़ताल पर जाने के कारण उन्हें बारात लेकर जाने के लिए कोई भी वाहन नहीं मिल सका.
बारात 18 किमी पैदल चलकर पहुंची
कोई साधन नहीं मिलने पर पूरी बारात पैदल ही दुल्हन के घर की तरफ निकल पड़ी. दूल्हा पूरी रात चलकर दिबालापाडु पहुंचा, जहां पर शुक्रवार (17 मार्च) को विवाह संपन्न हुआ. दूल्हा और बाराती 28 किमी पैदल चलकर दिबालापाडू गांव पहुंचे, जहां शुक्रवार को शादी हुई. अब बारात के पैदल चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दूल्हा और उसके परिवार के सदस्यों सहित कुछ महिलाएं रात में पैदल चलते हुए दिखाई दे रही हैं.
लौटने के लिए हड़ताल वापसी का इंतजार
दूल्हे के परिवार के एक सदस्य ने बताया, "वाहन चालकों की हड़ताल की वजह से कोई परिवहन का साधन उपलब्ध नहीं हो सका. हम पूरी रात पैदल चलकर गांव पहुंचे. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था." शुक्रवार (17 मार्च) सुबह शादी की रस्म अदायगी की गई, लेकिन दूल्हा और उसके परिवार के सदस्य दुल्हन के घर पर ही रुके रहे और ड्राइवरों के संघ द्वारा हड़ताल वापस लेने का इंतजार किया ताकि वे घर लौट सकें.
90 दिनों के लिए स्थगित हुई हड़ताल
चालक एकता महासंघ ने बीमा, पेंशन, कल्याण बोर्ड के गठन और अन्य सामाजिक कल्याण उपायों की मांग को लेकर बुधवार (15 मार्च) से राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी. ओडिशा में वाणिज्यिक वाहनों के चालकों की हड़ताल शुक्रवार (17 मार्च) को राज्य सरकार की ओर से उनकी सभी मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद 90 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. मुख्य सचिव पीके जेना और डीजीपी एसके बंसक की ओर से हड़ताली चालकों से हड़ताल वापस लेने की अपील करने के कुछ घंटे बाद ही चालक एकता महासंघ ने यह घोषणा की.
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