Gour Vishwavidyalaya Sagar :The 31thConvocation
गौर विश्वविद्यालय का 31वां दीक्षांत समारोह
▪️बुन्देली पारंपरिक वेश-भूषा में विद्यार्थियों ने प्राप्त की उपाधि
▪️समारोह का यूट्यूब पर हुआ लाइव प्रसारण
▪️नवनिर्मित बालक छात्रावास का हुआ लोकार्पण
सागर,14 मार्च 2023. डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर का 31वां दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में आयोजित किया गया. दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि श्री गोपाल भार्गव, कैबिनेट मंत्री, लोक निर्माण विभाग, कुटीर और ग्रामीण उद्योग, म.प्र. सरकार ने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया. भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली
Association of Indian Universities (AIU) की महासचिव डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और दीक्षांत भाषण दिया. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य के साथ ही वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.
समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने की. अतिथियों द्वारा डॉ. गौर और ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
राष्ट्र के प्रति कर्तव्यपालन का संकल्प लेकर कार्य करें - कुलाधिपति प्रो. जानी
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी राष्ट्रप्रेम को सर्वोच्च स्थान देते हुए भारत के निर्माण में संलग्न हों, ऐसी मेरी कामना है. विश्वविद्यालय भारतीय दृष्टिकोण से विकास कर रहा है। सभागार में मौजूद विद्यार्थियों की पोशाक के माध्यम से बुन्देली अस्मिता के साथ भारतीय अस्मिता को स्थान मिला है। उन्होंने कहा की भारतीय मेधा को बढ़ाने में भारतीय आहार भी अपनी भूमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रारूप निर्माण के लिए डॉ हरीसिंह गौर को उनकी भारतीय सोच के लिए चुना गया था।
प्रो. जानी ने डॉ. गौर के विकट जीवन संघर्षों को याद करते हुए बताया कि डॉ गौर ने ज्ञान को मनुष्य के उन्नति का मूल और भाषा को साधन मानते हुए अपने द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं के अध्ययन-अध्यापन के केंद्र की शुरुआत की. आज नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर भी भाषा की बात की जा रही है। नई शिक्षा नीति अंतरअनुशासनिक पद्धति से सर्वांगीण विकास की तरफ विद्यार्थियों को अग्रसर करती है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से राष्ट्र एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति प्रतिबद्ध रहने का अनुरोध किया जिससे उनके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन से भारत बनेगा विश्वगुरु- डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल
समारोह की विशिष्ट अतिथि भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली (AIU) की महासचिव डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल ने मेडल और उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए बधाई देते हुए कहा कि सांस्कृतिक गतिविधि से लेकर मूक कोर्स के निर्माण तक विवि हर क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने पाँच आयामों की चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को उनके आने वाले समय के अवसरों से परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि यह अवसर इसलिए खास है क्योंकि अमृतकाल महोत्सव मनाया जा रहा है इसके साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वित हो रही है। डिजिटल शिक्षा भी आगे बढ़ रही है और इसके साथ ही भारत जी20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। विद्यार्थियों की भी आकांक्षाएँ बढ़ रही है. वे ‘लाइफ लॉंग लर्नर’ बनने के साथ एक अच्छे इंसान भी बनने के लिए प्रेरित हैं। इन सभी बिंदुओं के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने शिक्षा नीति में नई तकनीक के साथ शिक्षा के पाठ्यक्रम मे बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक को भी अपनी भूमिका में बदलाव लाने की जरूरत है। एक शिक्षक शिक्षा में सहायक के रूप में काम करेगा। डिजिटल कक्षाओं के संचालन से विद्यार्थी उन्ही कोर्स को पढ़ेंगे जिसमें उन्हे अच्छे शिक्षक पढ़ाएंगे। डिजिटल शिक्षा में अपनी सुविधा अनुसार विद्यार्थी आईआईटी के प्रोफेसर से पढ़ सकते हैं इसलिए शिक्षक को अपने पढ़ाने की भूमिका पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में भारत विश्वगुरु बन सकता है और उसे विश्वगुरु बनाने में डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय का भी योगदान रहेगा।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थी चेतना और संवेदना के ध्वजवाहक बनें- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा को विस्तारपूर्वक बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के संकल्पों और आदर्शों पर चलकर यह विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है. विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है. विज्ञान और समाज विज्ञान के शिक्षकों को कई शोध परियोजनाएं अनुदान प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गईं हैं. शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने कई अवार्ड हासिल किये हैं. सांस्कृतिक परिषद् के माध्यम से विद्यार्थियों ने कई पुरस्कार हासिल किये हैं और विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रारम्भ किये गए नए पाठ्यक्रमों, नवीन भवनों और नवाचारी गतिविधियों की जानकारी विस्तारपूर्वक साझा की. विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के साथ उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर भी विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे कार्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम एक श्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में अपनी पहचान बनायेंगे और उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मानक स्थापित करेंगे. उन्होंने पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि विद्यार्थी डॉ. गौर के पदचिन्हों पर चलकर संस्थान और देश का नाम रोशन करें.
दीक्षांत विद्यार्थी के जीवन का गौरवशाली क्षण होता है- गोपाल भार्गव
मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हम सबका छात्र जीवन डॉ. गौर विश्वविद्यालय में बीता है. इसलिए मेरा आत्मीय लगाव है. मेरी इस विश्वविद्यालय से जुडी कई स्मृतियाँ हैं. उन्होंने पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में आगे बढ़ें और राष्ट्र की सेवा में संलग्न होने का संकल्प लेकर कार्य करना आरम्भ करें. डॉ. गौर के सपनों को साकार करने के लिए हम सबका कर्तव्य है कि हम सभी देश को एक नई दिशा दें.
विश्वविद्यालय ध्वज के साथ हुआ दीक्षांत शोभायात्रा का आगमन
समारोह में विश्वविद्यालय ध्वज के साथ दीक्षांत शोभायात्रा का स्वर्ण जयन्ती सभागार में आगमन हुआ. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंत शांतिलाल जानी, कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद् के माननीय सदस्य इस शोभायात्रा में सम्मिलित हुए. शोभायात्रा में कुलसचिव संतोष सोहगौरा ध्वजवाहक रहे.
54 विद्यार्थियों को मिले मेडल, 11 अध्ययनशालाओं के यूजी, पीजी और पी-एचडी के विद्यार्थियों को मिली उपाधि
दीक्षांत समारोह में शामिल सभी 11 अध्ययनशालाओं के यूजी, पीजी और पी-एचडी के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त पंजीकृत विद्यार्थियों को उनकी अनुपस्थिति में भी डिग्री प्रदान की गई. विभिन पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मंचासीन अतिथियों ने मेडल भी प्रदान किया. समारोह में समस्त विद्यार्थियों ने बुन्देली पारंपरिक वेश-भूषा में उपस्थित रहकर उपाधियाँ प्राप्त कीं.
गौर समाधि पर पुष्पांजलि, नवनिर्मित बालक छात्रावास का हुआ लोकार्पण
दीक्षांत समारोह के आरम्भ होने से पूर्व गणमान्य अतिथियों ने गौर समाधि पर पुष्पांजलि दी. इसके बाद सभी अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में विश्वविद्यालय के नवनिर्मित बालक छात्रावास के शिलापट्ट के अनावरण के साथ लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ.
एनसीसी कैडेट्स ने किया सहयोग
दीक्षांत समारोह के पूरे आयोजन में विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने अभूतपूर्व सहयोग किया. कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्थानों पर मौजूद रहकर वे अनुशासन एवं सहयोग में तत्पर दिखे. विश्वविद्यालय के प्रोक्टोरियल बोर्ड एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी सुरक्षा एवं अनुशासन में सहयोग प्रदान किया. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी आयोजन में सहयोग किया. मुख्य समन्वयक प्रो. नवीन कानगो, वरिष्ठ शिक्षक प्रो. पी कठल सहित सभी समन्वयकों एवं उनकी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूरा सहयोग प्रदान किया.
दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ. आशुतोष ने किया और उपाधि प्रदान किये जाने की समस्त कार्रवाई कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने संपन्न कराई. उन्होंने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन भी किया. सम्पूर्ण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण विश्वविद्यालय के ईएमआरसी सागर के यूट्यूब चैनल से किया गया. कार्यक्रम में सागर शहर के गणमान्य नागरिक सहित विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकगण, सेवारत शिक्षक, अधिकारी, जिला प्रशासन के विभिन्न पदाधिकारी, विद्यार्थी, प्रबुद्ध नागरिकगण, सम्माननीय जनप्रतिधि एवं मीडियाकर्मी बंधु उपस्थित रहे.
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