मंत्री भूपेंद्र सिंह को किसानों ने ओलों से नष्ट फसलें दिखाईं, बताया कि खेतों में कुछ नहीं बचा
सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई विधानसभा क्षेत्र के ओलावृष्टि पीड़ित ग्रामों का दौरा लगातार दूसरे दिन भी जारी रखा। वे आज गजर, बेंचनवारा, सिलापरी, महूना कायस्थ, कजरई, ग्वारी और कौंरासा ग्रामों में गए और फसल नष्ट होने से दुःखी किसानों के बीच उनकी तकलीफ साझा करते रहे। पर्याप्त राहत राशि और फसल बीमा सहित कई योजनाओं से लाभ दिला कर क्षतिपूर्ति करने का भरोसा मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने किसान परिवारों को दिया है।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ओला प्रभावित ग्रामों से गुजरते हुए बड़ी ही बारीकी से खेतों में हुए नुकसान का आकलन करते रहे। चूंकि वे स्वयं भी मूलरूप से किसान ही हैं इसलिए विभिन्न फसलों के विषय में जमीन और मौसम से जुड़े फसल चक्रों को समझते हैं। वे खेतों का अवलोकन करते हुए लगातार अधिकारियों को नष्ट हुए खेतों की किस्म और नुकसान की प्रकृति समझाते गये और नुकसान का आकलन बताते रहे। गजर ग्राम पहुंच कर मंत्री श्री सिंह ने मंदिर प्रांगण में एकत्रित किसानों और उनके परिवार की महिलाओं, बच्चों से बातचीत की। दो दिन पूर्व ओलावृष्टि का मंजर बताते किसानों के चेहरों पर अब भी भय और आशंकाओं को पढ़ा जा सकता है। नुकसान बताते बहुत से किसान रोने लगते हैं। ऐसी स्थिति में मंत्री श्री सिंह उनको परिवार के मुखिया की तरह समझाने लगते हैं और फिर वह ब्यौरा देते हैं कि उनकी राहत के लिए सरकार और मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने स्वयं ने क्या-क्या तय कर दिया है।
चौपालों में ग्रामीणों ने मंत्री श्री सिंह से सभी संभावित प्रश्न पूछे। मनरेगा की मजदूरी, बिजली के बिल, बैंक के कर्जों और ब्याज की अदायगी, बेटियों के विवाह, बकरियों और पक्षियों के मृत होने का मुआवजा, राशन की समस्या जैसे बहुत से सवालों का मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने स्वयं समाधान किया।
मंत्री श्री सिंह से किसानों ने यह भी पूछा कि मंदिर की जमीन ठेके से लेकर बोई थी उसकी राहत राशि का क्या होगा, आशंका जताई गई कि मंदिर की जमीनों की फसल नुकसानी मिलती भी है या नहीं। मंत्री श्री सिंह ने तुरंत एसडीएम से प्रावधान पूछे और बताया कि मंदिरों की जमीनों को भी राहत राशि का प्रावधान है जो कि मंदिर के बैंक खाते में प्रेषित की जाती है। इसी प्रकार अधिया बेटियां ठेके पर ली गई कृषि भूमि के नुकसान का प्रावधान भी मंत्री श्री सिंह ने बताया और कहा कि यदि ठेके पर ली गई खेती की लिखापढ़ी है तब तो बटाईदार को राहत राशि मिलना संभव है। लिखापढ़ी या अनुबंध नहीं होने की स्थिति में भूमि मालिक की सहमति से ही राहत राशि मिलना संभव होगी।
खेतों का अवलोकन कर गांवों में पहुंचे मंत्री श्री सिंह को सभी किसानों ने अपनी बर्बाद फसलों के गट्ठर दिखाए। गेंहू, मसूर, चना, सरसों, अल्सी की फसलों में से एक भी फसल ऐसी नहीं थी जो ओलावृष्टि के इतने भीषण हमले के सामने खड़ी रह पाई हो। किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि के पहले आकाश गहरे काले बादलों से इस तरह ढक गया था कि रात जैसा अंधकार छाया हुआ था। ऐंचनवारा के किसानों ने आज फिर शब्दा के आगे तिराहे पर मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह को रो कर फसलों के गट्ठर दिखाए। मंत्री श्री सिंह ने एसडीएम और तहसीलदार से मौके पर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए।
कजरई ग्राम में अनुसूचित जनजाति की महिलाओं ने अपनी बकरियां ओलों की मार से खत्म हो जाने की जानकारी दी। उन्हें मंत्री श्री सिंह ने बकरियों के मुआवजे की जानकारी दी और इन सभी के लाडली बहना योजना के फार्म भरने के निर्देश राजस्व व जनपद के अमले को दिए। कौंरासा, ग्वारी व महूना कायस्थ ग्रामों में ओलावृष्टि के अलावा भी ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह के समक्ष रखीं जिनका उन्होंने त्वरित निराकरण किया।
अधिकारियों को निर्देश मिले कि सर्वे में फसलों की नुकसानी लिखते समय अधिकारी कर्मचारी संवेदनशीलता और उदारता का परिचय दें, किसी की शिकायत नहीं मिलना चाहिए। सिलापरी में पीएम आवास की सूची से नाम काटे जाने की शिकायत कई ग्रामीणों ने बताई जिसका निराकरण करने का निर्देश एसडीएम मनोज चौरसिया को दिया गया। सिलापरी कुलिया से शब्दा तक और कौंरासा में गांव के भीतर की सड़क का एक हिस्सा बनाने के निर्देश मंत्री श्री सिंह ने दिए। सभी ग्रामों में मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने एकत्रित ग्रामीणों को मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा ओला पीड़ितों को घोषित किए गए राहत पैकेज का ब्यौरा बिंदू वार बताया। मंत्री श्री सिंह का ओला प्रभावित ग्रामों का दौरा गुरूवार को तीसरे दिन भी जारी रहेगा।
दौरे में एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सुमीत केरकट्टा,तहसीलदार इसरार अहमद, जनपद सीईओ मीना कश्यप, विद्युत विभाग के इंजीनियर सहित प्रशासन,राजस्व व जनपद खुरई के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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