तरूण नायक से सवाल जबाव कर लिया साक्षात्कार
सागर 29 मार्च 2023।सागर एसपी रहे तरुण नायक जो कि डीआईजी के पद पर पदोन्नत हुए हैं, का शासकीय पं.रविशंकर शुक्ल कन्या उ.मा.वि. मोतीनगर की छात्रा माही प्रजापति ने साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार में माही प्रजापति ने बेवाकी से एक मंझे हुए पत्रकार की भांति श्री तरुण नायक से सवाल किए। साक्षात्कार विद्यालय में प्रत्येक माह छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य डॉं.महेन्द्र प्रताप तिवारी के मार्गदर्शन में शिक्षकों के सहयोग से छात्राओं द्वारा एक पत्रिका तैयार की जाती है, जिसके लिए प्रत्येक माह किसी विशिष्ट व्यक्ति का साक्षात्कार विद्यालय की छात्राओं में से किसी एक छात्रा द्वारा लिया जाता है।
माही प्रजापति को श्री तरुण नायक ने साक्षात्कार में प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि एसपी का कार्य अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण व सम्पूर्ण जिले की कानून व्यवस्था को बनाए रखने का है। पूरे जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग का पूरा नेटवर्क होता है, जिसके तहत पूरी व्यवस्था कार्य करती है। विभाग में ऐसे कई सारे कर्मचारी हैं जो कि पूरी मेहनत, लगन व ईमानदारी से दिन-रात बहुत ही कम संसाधनों में काम करते हैं पुलिस विभाग में कार्य करने के फिक्स घण्टे नहीं होते हैं। त्यौहारों पर लोग अच्छे से त्यौहार मना सकें, इसके लिए पुलिस अच्छे से ड्यूटी करती है। कोरोना महामारी के समय जब सभी लोग अपने घरों में थे, उस समय भी पुलिस ने बेहद ही सराहनीय कार्य किया था। जब माही द्वारा यह प्रश्न किया गया कि सफलता और असफलता किस प्रकार महत्वपूर्ण हैं, तो श्री नायक ने कहा कि सफलता व असफलता दोनों ही हमें प्रेरणा देती है। असफलता का मतलब यह नहीं होता है कि अब हम प्रयास करना छोड़ दें, क्योंकि हमारे अनुसार परिणाम नहीं आए। असफलता से हमेशा अपनी कमियों को दूर कर पुनः प्रयास करना चाहिए।
उन्होनें पुलिस विभाग का उदाहरण देते हुए बताया कि चैन सिंग नाम का एक अपराधी था। उसे पकड़ने की कई बार कोशिशें की किंतु हमें असफलता प्राप्त हुईं ।हर बार की गई कुछ गलतियों से हमने सीखा और अंत में हमने उस अपराधी को पकड़ने में सफलता पाई। इसी प्रकार छात्रों को कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए, अपनी कमियों को दूर करते हुए पुनः प्रयास करना चाहिए। सफलता अवश्य मिलेगी। जब उनसे यह प्रश्न किया गया कि शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत टीनएजर्स को नशे की लत से कैंसे दूर रखा जा सकता है? तो उन्होनें कहा कि यह बहुत ही गम्भीर व महत्वपूर्ण मुद्दा हैं इसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल माता-पिता का होता है ।फिर शिक्षक और अंत में पुलिस का । माता-पिता व शिक्षकों को बच्चों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए उनकी काउंसलिंग करते रहना चाहिए व उन्हें बताया जाना चाहिये कि गलत आदतों के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं। यदि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो ध्यान दिया जाये व पता किया जाये कि बच्चे किसके साथ रहते हैं, कहॉं जाते हैं, मोबाइल में किस प्रकार के वीडियो देख रहे हैं। इन सभी बातों का ध्यान में रखते हुए हम बच्चों को नशे जैसी गलत आदतों से बचा सकते हैं।
जब उनसे पूंछा गया कि उप महानिरीक्षक के पद पर आपके लक्ष्य क्या होंगे, तो उन्होंने बताया कि इस पद पद पर पहुंचनें पर सम्पूर्ण पुलिसिंग व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए एवं जो भी कार्य सौंपे जाए उन्हें अच्छे से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि मैं जिस पद पर पदस्थ हूॅं ,उस पद पर कोई भी पहुॅच सकता है बशर्ते कि वो मन लगाकर पूरी लगन व मेहनत से पढ़ाई करे। जब उनसे अपनी उपलब्धियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से बालाघाट जिले में नक्सलियों के विरुद्ध जो कार्यवाही की गई थी ,वो एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। इसके अलावा सागर जिले में सीरियल किलर को पकड़े जाने व जरुआखेड़ा में एक किडनेपिंग व मर्डर के मामले में अपराधियों को डिटेक्ट किए जाने एवं अपने कार्य को पूरी मेहनत, लगन व ईमानदारी से करने को वे अपनी उपलब्धि मानते हैं।
युवाओं को संदेश देते हुए श्री तरुण नायक ने कहा कि युवा जिस क्षेत्र में जो भी करे ,मन लगाकर उत्कृष्ट करें।जिस फील्ड में आपका मन लगता है, उस क्षेत्र में कार्य करें। एक अच्छे नागरिक बनें, सभी नियमों का पालन करें व समाज में चल रहीं अवैध गतिविधयों से दूर रहें। अंत में कु . माही ने एसपी श्री नायक को साक्षात्कार एवं मार्गदर्शन देने हेतु धन्यवाद देते हुए साक्षात्कार समाप्त किया।
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