नैसर्गिक सम्पूर्णता की वाहक रही हैं महिलाएँ- प्रो. नीलिमा गुप्ता
▪️ प्रथम महिला छात्र संसद : मेयर संगीता तिवारी ,पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव, आनद अहिरवार ने किया संवाद
सागर,16 मार्च ,2023 :डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के तत्वाधान में चल रही प्रथम महिला छात्र संसद के तीसरे एवं अंतिम दिन सदन में प्रश्न उत्तर काल के उपरांत तीन दिवसीय महिला छात्र संसद के समापन समारोह का आयोजन हुआ। तीन दिवसीय महिला छात्र संसद के समापन समारोह में पूर्व सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव, पूर्व सांसद आनंद अहिरवार एवं नगर महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थिति थे. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने समारोह की अध्यक्षता की. समापन समोरह की शुरुआत सरस्वती माँ पर माल्यार्पण से शुरू हुई।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए समस्त आयोजकों को अपने उद्बोधन मे बधाई दी। उन्होंने कहा कि एआईयू के तत्वाधान में इस सफल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उम्मीद से अधिक इसमे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिभागिता आई। सभी प्रतिभागी इस आयोजन की यादें अपने साथ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम आज इतिहास बन चुका है। पहली बार देश में महिला संसद का आयोजन हुआ है जिसमे हमारे विश्वविद्यालय को इसका आयोजक बनने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि महिलाएँ हमेशा से सम्पूर्णता में रही हैं. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
लोकतांत्रिक समाज के निर्माण के लिए संसदीय प्रक्रिया जानना आवश्यक है- डॉ. आनन्द अहिरवार
समाज के समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद आनंद अहिरवार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी हमारे देश का भविष्य हैं. आप छात्र जीवन में ऐसी गतिविधियों से लोकतंत्र के प्रति जागरुक हो रहे हैं और ऐसे ही समाज मे जागरुकता बढेगी. शिक्षा एक आन्दोलन है और यह सभी को निर्भीक बनाते हुए सजग एवं न्यायप्रिय बनाती है. हम सभी इसके द्वारा अच्छे नागरिक बनते हैं. नीतियों के निर्माण मे गलत फैसले से समाज मे विसंगति आ सकती है. समाज के अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए इस प्रक्रिया को समझना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमें आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करते हैं।
छात्र संसद की सीख से आपके जीवन में भी आयेगा लोकतंत्र - लक्ष्मी नारायण यादव
पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा की इस आयोजन से भविष्य के सांसदों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हुई है. भारत में जनपदों के काल से लोकतंत्र जीवित है. आजादी के समय से ही भारतीय संसद मे महिलाओं की प्रतिभागिता रही हैं. उन्होंने अपनी बात समझाते हुए कहा कि महिलाओं में सहनशीलता अधिक होती है जो की लोकतंत्र के लिए आवश्यक है. महिलाओं मे चिंतन एवं तार्किक शक्ति अधिक होती है.
उन्होंने विश्वविद्यालय को इस आयोजन के लिए बधाई दी. ऐसे कार्यक्रम छात्राओं मे वाद प्रतिवाद के कौशल को बढ़ावा देते हैं जोकि संसदीय प्रणालियों का अहम हिस्सा है. बेटियों की इस संसद से संवरेगा देश का भविष्य- संगीता तिवारी शहर की महापौर संगीता तिवारी ने कहा कि इस आयोजन मे सम्मलित होकर उन्हें बहुत अधिक हर्ष का अनुभव हो रहा है. यह एक रचनात्मकता उपक्रम है जो महिला नेतृत्व को तैयार करता है. यह वैश्विक स्तर पर महिला सशक्तिकरण का उदहारण है. ऐसे कार्यक्रमों से छात्राये’ शिक्षा के दौरान ही दृष्टिकोण, विचारों की महत्वपूर्णता और प्रभावी संचार सीखती है. इस आयोजन से सामाजिक सरोकार में और लोकतांत्रिक प्रणाली में एक सकारात्मक प्रभाव का निर्माण हुआ है.
अंतिम दिन रहा महिला छात्र संसद में लोकतांत्रिक वैचारिकता पर जोर
समापन समारोह के पूर्व प्रश्न उत्तर काल मे रक्षा मंत्रालय से विपक्ष ने रक्षा पर खर्च किए जाने वाले घटते बजट, इसमे हो रहे अनुसंधान, विदेशी निर्मित शस्त्रों के आयात, जैविकीय शस्त्रों की तत्कालीन स्थिति आदि से संबंधित प्रश्न पूछे इस पर रक्षा मंत्री ने मेक इन इंडिया जैसी नीति, कोविड काल के चलते आर्थिक परिस्थिति एवं भारत का विस्तारवादी देश न होना जैसी दलीले पेश करते हुए सदन में पूछे गए सवालों के उत्तर दिये।
जैवकीय शस्त्रों से संबंधित प्रश्न पर सत्ता दल ने संयुक्त राष्ट्र की संधि का हवाला दिया और कहा कि इस के अंतर्गत भारत अपनी प्रतिज्ञा पर अटल है और वह कोई जैविकीय हथियार का निर्माण नहीं कर रहा है. भारत जल, थल और वायू तीनों रूप मे सक्षम है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से सवाल पूछते हुए विपक्ष ने मानव तस्करी को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर प्रश्न उठाया साथ ही वैवाहिक बलात्कार की वैधानिकता पर सवाल खड़े करते हुए बलात्कार के आरोपी की उम्र और अपराध पर बनाये जाने वाले कानूनो पर प्रश्न उठाया. जिसपर सत्ताधारी दल ने पक्ष रखते हुए भारतीय संविधान का हवाला देते हुए समानता के अधिकार की बात की और कहा कि वैवाहिक संबंध में जितना अधिकार महिला का होता है उतना पुरुष का भी होता है. हम एक पक्षीय कानून नहीं ला सकते. इसके अतिरिक्त सरकार ने महिलाओं की उन्नती एवं अधिकारों के प्रति बहुत कार्य किए हैं. ग्रामीण विकास मंत्री के लिए विपक्ष ने दीनदयाल अंत्योदय योजना में स्वसहयता समूह कि भूमिका पर सवाल उठाया जिसका उत्तर देते हुए सत्ता दल ने कहा की सरकार सम्पूर्ण देश का विकास चाहती है और वो प्रत्येक नागरिक की भागीदारी इस विकास में चाहती है. देश आगे बढ़ेगा और प्रत्येक नागरिक के अथक प्रयास से बढ़ेगा। सदन में इसके अलावा खेल मंत्रालय एवं मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय से भी विपक्ष ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं खेलो की प्रशासनिक नियुक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाए। दोनों दलों के प्रतिभागियों ने प्रश्न काल की सभा में वास्तविक संसद के रूप में अपनी प्रस्तुति दी।
समापन समोरह में प्रतिभागियों एवं टीम मैनेजर की प्रतिक्रियाओं को सम्मिलित किया गया। कार्यक्रम के आयोजक डॉ राकेश सोनी ने आयोजन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि संसद में विभिन्न मंत्रियों की भूमिका निभायी जिसमें प्रश्न उत्तर काल चला और वास्तविक संसद से ज्यादा प्रथम महिला छात्र संसद के सत्र चले. आयोजन में एक शाम सांसस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ. उन्होने अपनी बात समाप्त करते हुए आश्वासन दिया कि इस महिला छात्र संसद का विस्तृत प्रतिवेदन राष्ट्रपति भवन एवं सभी मंत्रालयों तक पहुँचाया जाएगा.
समापन समारोह के अंत में विजताओं को पुररस्कार वितरित किए गए जिसमे प्रथम स्थान देवी अहिल्या विवि इंदौर ने अर्जित किया। द्वितीय स्थान पर चंडीगढ़ विवि मुहाली, एवं जीवजी विवि ग्वालियर रहे। तीसरा स्थान डॉ हरीसिंह गौर विवि सागर, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर एवं बनस्थली विद्यापीठ राजस्थान ने अर्जित किया। सांत्वना पुरुस्कार संत गाडगे बाबा अमरावती यूनिवर्सिटी, इन्टीग्राल यूनिवर्सिटी लखनऊ, एडम्स यूनिवर्सिटी बारासत एवं एकेएस यूनिवर्सिटी सतना को दिया गया। इसके अतिरिक्त समस्त टीम मैनेजर को भी सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन डॉ शालिनी द्वारा किया गया एवं आभार ज्ञापन डॉ राकेश सोनी द्वारा दिया गया।
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