महाकवि पद्माकर को रंग-गुलाल लगाकर होली मनाई साहित्य कला प्रेमियों ने
सागर,8 मार्च 2023. पिछले की दशकों से शहर के साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े लोग फाग के दिन चकराघाट स्थित महाकवि पद्माकर की प्रतिमा पर एकत्रित होकर प्रतिमा की साफ सफाई कर उनको माला पहनाकर रंग गुलाल लगाते हुए कार्यक्रम की शुरुआत करते है। यहाँ पर कविताएं और गीत गजल भी सुनाते थे। लेकिन इस दफा का नजारा बदला हुआ था। इसकी वजह थी कि येलीवेटेड कारिडोर के निर्माण के चलते एतिहासिक आदमकद की महाकवि पद्माकर की प्रतिमा को हटा दिया गया।
इस दफा साहित्य कला संस्कृति प्रेमियों ने फाग पर अपनी परंपरा को बनाए रखा ।
कवि पद्माकर की लगाया रंग गुलाल
चकराघाट पर रितीकालीन महाकवि पद्माकर जी को रंग-गुलाल लगाकर शहर की साहित्यिक संस्था बुंदेलखंड हिंदी साहित्य संस्कृति विकास मंच सागर ने चकराघाट परिसर में ही कवि सम्मेलन का आयोजन किया। संस्था संयोजक मणिकांत चौबे बेलिहाज के सानिध्य वा सह संयोजक पूरन सिंह राजपूत ने कार्यक्रम आयोजित किया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष के के बख्शी ने सभी साहित्यकारो का स्वागत किया। लगभग दो घंटे चले काव्यपाठ कार्यक्रम में शहर वा बाहर से आये कवियों ने भागीदारी की।
तुलसी साहित्य अकादमी अध्यक्ष अरुण दुबे,लेखक संघ सागर इकाई अध्यक्ष वृंदावन राय सरल, विद्यार्थी की क ख ग संचालक संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी, छिरारी से पधारे कवि ईश्वर दलाल गोस्वामी, वरिष्ठ कवि लोकनाथ मिश्रा मीत,सामाजिक कार्यकर्त्ता शिवनारायण नामदेव,सेवानिवृत्त प्राचार्य महेश दत्त त्रिपाठी,सरस्वती वाचनालय से राजू पाण्डे, श्यामलम संस्था सचिव कपिल बैसाखिया, होली के अवसर पर बुंदेली छरछंद, हास्य-व्यंग्य से गुदगुदाने और काव्य रचना सुनाने वाले कवियों में मुकेश निराला,मुकेश तिवारी,के एल तिवारी अलबेला,अशोक तिवारी अलख, आदर्श दुबे,नईम माहिर,मुकेश सोनी रहबर,अशोक सिंह मिजाज, डा नलिन जैन, पूरन सिंह राजपूत, वृंदावन राय सरल, अरुण दुबे,संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी, मणिकांत चौबे बेलिहाज, डा दिनेश कुमार साहू,क्रांति जबलपुरी, मणिदेव ठाकुर आदि रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि डा.नलिन जैन ने किया। सभी के आयोजन मे उपस्थित होने पर के के बख्शी ने सभी का आभार माना। महाकवि पद्माकर जी के समक्ष सुनील सागर,आर के शास्त्री,प्रासु जैन,स्वपनिल जैन, प्रदीप नामदेव,ऋषभ जैन बैंक वाले,राकेश कुमार,शिव्वु नामदेव एवं आते-जाते लोंगो ने रुककर कार्यक्रम की वाह-वाही की और कविता पाठ सुनने का आनंद उठाया।
प्रतिमा का पुनः लगाने का आग्रह
बुंदेलखण्ड हिंदी साहित्य संस्कृति विकास मंच ने महाकवि पद्माकर जी की प्रतिमा पुनः चकराघाट पर ही लगाये रखने का शासन से आग्रह किया है।
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