चैत्र नवरात्रि पर्व : जाने शास्त्रोक्त नियम
▪️पं. अनिल कुमार पाण्डेय
Teenbatti News
चैत्र नवरात्रि पर्व 22 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहे है। इस बार यह पर्व 09 दिनों का है ।नवरात्रि का पर्वकाल मां दुर्गा देवी जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है । नियमपूर्वक व्रत करने और सही विधि से पूजा करने से ही चैत्र नवरात्रि के व्रत सफल होते हैं । नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा जी के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है ।आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि व्रत के नियमों के बारे में, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो और माता रानी की कृपा आपको मिल सके।
चैत्र नवरात्रि पर्वकाल के नियम
चैत्र नवरात्रि पर्व 22 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहे है, इस बार चैत्र नवरात्रि 09 दिनों की है, नवरात्रि का पर्वकाल मां दुर्गा देवी जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि यदि आप भी इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का व्रत या पूजन रखना चाहते हैं, तो उसके व्रत, पूजन नियमों के बारे में जानना जरूरी है, नियमपूर्वक व्रत करने और सही विधि से पूजा करने से ही चैत्र नवरात्रि के व्रत सफल होते हैं, नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा जी के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है, आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि व्रत के नियमों के बारे में, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो और माता रानी की कृपा आपको मिल सके।
चैत्र नवरात्रि पर्वकाल के नियम
ज्योतिषाचार्य पं. अनिल पाण्डेय
ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कलश स्थापना करना चाहिए । कलश स्थापना के साथ हम मां दुर्गा जी का आह्वान करते हैं । ताकि मां दुर्गा जी हमारे घर पधारें और नौ दिनों तक हम उनकी विधि विधान से पूजा करें।
2:- कलश के पास एक पात्र में मिट्टी भरकर उसमें जौ बोना चाहिए । उसे नियमित जल देना चाहिए । जौ की जैसी वृद्धि होगी, उस आधार पर इस साल के जुड़े संकेत आप प्राप्त कर सकते हैं ।वैसे भी मान्यता है कि जौ जितना बढ़ता है, उतनी मां दुर्गा जी की कृपा होती है।
3:- यदि आप अपने घर पर मां दुर्गा का ध्वज लगाते हैं, तो उसे चैत्र नवरात्रि में बदल दें।
4:-यदि आप नौ दिन व्रत नहीं रख सकते हैं, तो पहले और अंतिम दिन नवरात्रि व्रत रख सकते हैं।
5:-नवरात्रि के समय में कलश के पास मां दुर्गा जी के लिए अखंड ज्योति जलानी चाहिए, उसकी पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
6:- नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें । यदि आप नहीं कर सकते हैं, तो किसी वैदिक ब्राह्मण से कराये।
7:- नवरात्रि में लाल वस्त्र, लाल रंग के आसन का उपयोग करें।
8:-*नवरात्रि पूजा के समय माता रानी को लौंग, बताशे का भोग लगाएं, तुलसी और दूर्वा नहीं चढ़ाएं।
9:- नवरात्रि पूजा में नियमित रूप से सुबह और शाम को मां दुर्गा देवी की आरती करें।
10:- मां दुर्गा जी को गुड़हल (जासौन) का फूल बहुत प्रिय होता है । संभव हो तो पूजा में उसका ही उपयोग करें । गुड़हल न मिले, तो लाल रंग के फूल का उपयोग करें।
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