पांचवी एवं आठवीं को बोर्ड पैटर्न परीक्षा से मुक्त करें : विधायक शैलेंद्र जैन
▪️विधानसभा में विधायक ने ध्यानाकर्षण में उठाया मुद्दा
Teenbatti News
भोपाल,17 मार्च ,2023 । राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा सत्र 2022-23 में कक्षा 5वीं एवं 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न में आयोजित करने के आदेश जारी किये गये है। इसको लेकर विधायक माननीय शैलेंद्र जैन जी ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से शासन से विद्यार्थियों के हितों को देखते हुये सत्र 2022-23 में कक्षा 5 वीं एवं 8 वीं को बोर्ड पैटर्न की परीक्षा से मुक्त कराये जाने का अनुरोध किया, उन्होंने ध्यानाकर्षण के माध्यम से पूछा कि कोरोना का ल्के समय प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत आरटीई के विद्यार्थी जिनके पास संसाधनों का अभाव था ।
वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पाए हैं और उन विद्यार्थियों को एक सीमित समय में ही बोर्ड परीक्षा में बैठने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय सितंबर माह में किया गया। जब तक विद्यार्थियों का आधे से ज्यादा सिलेबस पूर्ण हो चुका था। इसके अलावा सिलेबस में भी विसंगति थी क्योंकि छमाही परीक्षा विद्यार्थियों की किसी और सिलेबस ली गई और वार्षिक परीक्षा के लिए शासन ने दूसरा सिलेबस उपलब्ध कराया है।
ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के संशोधन के अनुसार वर्ष 2019-20 में कक्षा पांचवी एवं आठवीं में शासकीय अनुदान प्राप्त तथा अशासकीय शालाओं में अध्ययनरत छात्रों के लिए प्रत्येक अकादमिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया। जिसके परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2020-21 केवल शासकीय शालाओं में अध्ययनरत छात्रों के लिए बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें कक्षा 5वीं में 8,90,520 छात्र पंजीकृत हुए जिसमें 8,47,838 उत्तीर्ण हुए जिनका प्रतिशत 95.21 प्रतिशत रहा है। इसी प्रकार कक्षा 8वीं में 8,45,416 छात्र पंजीकृत हुए तथा 7,77,792 उत्तीर्ण हुए जिनका प्रतिशत 9200 प्रतिशत रहा।
सत्र 2022-23 बोर्ड पैटर्न परीक्षा शासकीय शाला शासकीय अनुदान प्राप्त शाला, अशासकीय शाला एवं डाईस कोड प्राप्त मदरसों में अध्ययनरत छात्रों के लिए भी आयोजित की जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 की परीक्षा हेतु कक्षा 5वीं के 12,88,626 परीक्षार्थी पंजीकृत हो चुके हैं एवं कक्षा 8वीं 11,93,709 परीक्षार्थी पंजीकृत किए जा चुके हैं। केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष एवं केन्द्र का निर्धारण छात्र सुविधा अनुसार किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र में प्राप्त विभिन माध्यमों के अभ्यावेदन निराकृत किए गए हैं। शिक्षा में गुणवत्ता की दृष्टि से बोर्ड पेटर्न पर परीक्षा आवश्यक है। शासकीय विद्यालयों में पिछले वर्ष से ही यह प्रक्रिया चालू कर अशासकीय विद्यालयों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया गया है, चुकी है विषय काफी विलंब के बाद संज्ञान में आया है अब इस प्रक्रिया को बदला जाना संभव नहीं है।
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