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Sagar: केंद्रीय जेल में पांच दिवसीय राम कथा का हुआ शुभारम्भ

Sagar:   केंद्रीय जेल में  पांच दिवसीय राम कथा का हुआ शुभारम्भ

सागर।  सागर  केंद्रीय जेल में अयोध्या से पधारी परम पूज्य देवी राज राजेश्वरी जी की अमृतमयी वाणी से पांच दिवसीय राम कथा का शुभारम्भ हुआ।
कैदियों को अध्यात्म से जोड़ने के लिए प्रधान जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में केंद्रीय जेल अधीक्षक श्री दिनेश नरगावे जी एवं केंद्रीय जेल के समस्त स्टाफ द्वारा पांच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन जेल में किया गया। श्री राम कथा के प्रथम दिन प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अरुण कुमार सिंह,नगर निगम सभापति श्री शैलेष केशरवानी, जिला न्यायाधीश मनीष भट्ट जिला रजिस्ट्रार राजकुमार त्रिपाठी, मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट किरण तुमराची,अतिथि के रूप में शामिल हुए।

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श्री राम कथा को सुनाते हुए देवी श्री राज राजेश्वरी जी ने कहा कि भगवान राम जी भगवान विष्णु के 7वें अवतार माने जाते हैं। हमेशा से राम भगवान को एक आदर्श पुरुष माना गया है। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है। भगवान राम के कई सारे ऐसे गुण हैं जिन्हें आप अपने जीवन में अपनाकर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते है। श्रीराम के जीवन में कई ऐसे अवसर आए जब उन्होंने विपरीत माहौल में भी अपनी संयम का बांध नहीं टूटने दिया.


 धनुष भंग के पश्चात भगवान परशुराम द्वारा बार-बार शब्दों की प्रताड़ित झेलने के बाद भी वे गुस्सा नहीं हुए।मेरा आप सभी को कथा सुनाने मुख्य अभिप्राय है कि आप श्री राम कथा को केवल सुनने की अपेक्षा अपने जीवन में उतारे।


इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अरुण कुमार सिंह ने कहा  कि बचपन में एक कहानी सुनी थी. एक डाकू था रत्नाकर, परिवार का पोषण करने के लिए वो लूट-मार करता था।आगे चलकर यही रत्नाकर महर्षि वाल्मीकि बनने और 'वाल्मीकि रामायण' की रचना की. अगर मन में सच्चाई हो और सकारात्मकता हो तो कोई इंसान अपनी ज़िन्दगी बदल सकता है. हर इंसान के अंदर अच्छाई और बुराई दोनों होती है, ये तो वक़्त-वक़्त की बात है, कभी इंसान की अच्छाई हावी होती है और कभी उसकी बुराई. हर शख़्स में सकारात्मक बदलाव आ सकता है, ये बात आप भी सावित कर सकते है। आप सभी बंदी यहां से छूटकर अच्छे कर्म करे।


इस अवसर पर नगर निगम के सभापति शैलेश केशरवानी ने कथावाचक देवी श्री राज राजेश्वरी देवी जी को शॉल श्रीफल भेट किया साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि श्री राम कथा हमे धर्म और सनातन के मार्ग पर चलने की शिक्षा देखती है। और कथा के सुनने मात्र से व्यक्ति के सब दुख दर्द दूर हो जाते हैं। भगवान श्री राम की कथा में वह सब है जिसमें राज ठाठ से लेकर जीवन का संघर्ष तक सिखाता है। 


इस अवसर पर कथा के आयोजक केंद्रीय जेल अधीक्षक श्री दिनेश नागवारे जी ने कहा कि काफी समय से मैं सोच रहा था जो बन्दी अपने अपराध की सजा काट रहे हैं। वह भविष्य में फिर से अपराधी न बने। और वह धर्म और सनातन के मार्ग पर चलें ऐसा कुछ किया जाए तभी मैंने प्रधान जिला न्यायाधीश के समक्ष अपनी बात रख और स्टाफ से बातचीत के दौरान मेरे मन में जेल के अंदर श्री राम कथा कराने का विचार आया जिसकी शुरुआत आज से की गई है मेरा सभी कैदियों से यही आशा है की समस्त कैदी अपने पुराने समय को भूलकर नई शुरुआत करें और भगवान राम की तरह अपना जीवन जिए और उनके आदर्शों का पालन करें। साथ ही में हमारे प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अरुण कुमार सिंह जी का धन्यवाद देता हूं जो उन्होंने हमें मार्गदर्शन दिया और साथ ही केंद्रीय जेल की समस्त स्टाफ को धन्यवाद देता हूं क्योंकि आप सभी के सहयोग से यह कार्य हो पाया। इस अवसर पर अतिथि समाजसेवी गीता शैलेश केशरवानी सहित  अन्य अतिथि गण एवं जेल बन्दी उपस्थित रहे।


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एडिटर: विनोद आर्य
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