SAGAR: दो मासूम बेटियों की हत्या व पत्नी के सुसाइड मामले में युवक को आजीवन कारावास
सागर। दो बेटियों की हत्या और पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कोर्ट ने युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने खुद भी सुसाइड की कोशिश की थी, लेकिन बच गया था। उससे मिले एक सुसाइडनोट में आर्थिक बदहाली के साथ परिवार को खुशियां न दे पाने का जिक्र था। मामला 4 साल पहले मोतीनगर थाना क्षेत्र के बम्होरी रेंगवां का है। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार के न्यायालय ने आरोपी मनोज पटेल को दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास और धारा 306 में 10 साल के सश्रम कारावास की सजा व अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक राजेंद्र नामदेव ने की।
अभियोजन के अनुसार आरोपी मनोज पटेल पर धारा 306, 302, 309 के तहत केस दर्ज हुआ था। उस पर आरोप था कि 6 व 7 नवंबर 2019 की रात्रि में पत्नी पूनम कुशवाहा को आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किया था। जिससे उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसी आरोपी ने अपनी पुत्री सोनम उम्र 9 वर्ष को रस्सी के फंदे से लटकाकर एवं पुत्री जिया उम्र 5 माह का गला दबाकर हत्या कर दी थी। आरोपी ने खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन बच गया था।
मोतीनगर थाने के उप निरीक्षक रामकिशोर ने फरियादी ललिता कुशवाहा के बयान लिए। जिसमें उसने बताया कि उसकी छोटी बहन पूनम की शादी बम्होरी रेंगुवां में हुई थी। दोनों परिवार का खाना एक साथ में बनता है। सोने के लिए अलग-अलग कमरे हैं। उसकी छोटी बहन की 4 लड़कियां हैं। 6 नवंबर 2019 की रात करीब 9 बजे खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गए थे। सुबह 5 बजे जब वह सोकर उठी तो उसे अपने देवर मनोज के कराहने की आवाज सुनाई दी। तब उसने सास द्रोपदी को जगाया। दोनों ने जाकर देखा तो उसका देवर अपने कमरे में जमीन पर पड़ा कराह रहा था। उसकी बहन पूनम तथा बच्चे लोहे के पलंग पर सो रहे थे। सभी कंबल से ढंके थे। उनको जगाने की कोशिश की तो नहीं जागे, जब कंबल हटाकर देखा तो पूनम के मुंह में रुमाल फंसा हुआ था और दोनों लड़कियां बेसुध लेटी थीं। कमरे की छत में लगे पंखे के कुंदे में दो रस्सी तथा एक सफेद तौलिया लटका था।
मनोज, पूनम तथा सोनम के गले में रस्सी की रगड़ लगने के निशान थे। जिया के गले में लाल निशान दिख रहे थे। 108 एंबुलेंस से चारों को अस्पताल भेजा गया। जहां पर डॉक्टर ने पूनम, सोनम एवं जिया को मृत घोषित कर दिया। देवर मनोज को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
घटना स्थल से एक कॉपी में मनोज पटेल द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट जब्त किया गया। जिसमें मनोज ने आर्थिक स्थिति खराब होने से अपने परिवार को खुशियां न दे पाने की बात लिखी थी। इसी के चलते उसने अपनी पत्नी पूनम को आत्महत्या करने तथा पुत्री सोनम एवं जिया की हत्या का उल्लेख किया था। अन्य परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर मनोज के विरुद्ध धारा 306, 302, 309 के तहत केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान नक्शा मौका बनाया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। इस अपराध से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने आरोपी मनोज को धारा 302 के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 306 के अपराध के लिए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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