MP : प्राईवेट स्कूल भी RTI के दायरे में, राज्य सूचना आयुक्त का फैसला▪️संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर लगाया दस–दस हजार का जुर्माना

MP : प्राईवेट स्कूल भी RTI के दायरे में, राज्य सूचना आयुक्त का फैसला

▪️संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर लगाया दस–दस हजार का जुर्माना

भोपाल,23 फरवरी 2023. ( तीनबत्ती न्यूज .कॉम ) मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त राहुल सिंह  के एक अहम आदेश के मुताबिक सभी प्राइवेट स्कूल की मान्यता संबंधित जानकारी को आरटीआई अधिनियम के अधीन माना गया है. आयुक्त ने आदेश जारी कर ये भी स्पष्ट किया है कि सरकार से अनुदान या रियायती दर पर जमीन लेने वाले स्कूलों पर आरटीआई अधिनियम पूरी तरह से लागू होगा. सूचना आयुक्त नेएक मामले में सुनवाई करते हुए यह अहम अहम फैसला दिया है.उन्होंने रीवा के मामले में तत्कालीन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा  और विकासखंड शिक्षा अधिकारी त्योथर जिला रीवा  पर 10 –10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आरटीआई आवेदक ने निजी स्कूल की मान्यता संबंधी जानकारी मांगी थी। लेकिन उसे उपलब्ध नहीं कराई गई। मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी जानकारी को आरटीआई (RTI) के मातहत बताया है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों पर आरटीआई अधिनियम पूरी तरह से लागू है।

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RTI के दायरे में निजी स्कूल

सूचना आयुक्त के निर्णय के मुताबिक आरटीआई  के दायरे में प्राइवेट स्कूल भी आएंगे. वे अपने निजी या तीसरे पक्ष होने का हवाला देकर जानकारी देने से बच नहीं सकते हैं. सभी प्राइवेट स्कूल की मान्यता संबंधित जानकारी को आरटीआई अधिनियम के अधीन माना गया है. आयुक्त ने आदेश जारी कर ये भी स्पष्ट किया है कि सरकार से अनुदान या रियायती दर पर जमीन लेने वाले स्कूलों पर आरटीआई अधिनियम पूरी तरह से लागू होगा. 


निजी स्कूलों के बारे में जानकारी लेना लोगो का हक 

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के मुताबिक प्राइवेट स्कूल की जानकारी आम जनता की पहुंच में आने से अवैध तरीके से चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश लगेगा. यही नहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी. सिंह ने कहा कि “आम नागरिकों और अभिभावकों को यह जानने का हक है कि उनके बच्चे जिस प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं वे शासन द्वारा निर्धारित कानून के तहत संचालित हो रहे हैं या नहीं. शासन-प्रशासन में उपलब्ध प्राइवेट स्कूलों के मान्यता संबंधी दस्तावेजों की पारदर्शिता के मापदंड के अनुरूप आम आदमी को उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि  प्राइवेट स्कूल को संचालित करने वाली प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट सुनिश्चित हो सके.”

सूचना आयुक्त ने कहा कि जानकारी आम जनता तक पहुंचने से शिक्षा विभाग का ही काम आसान होगा. यदि कोई स्कूल नियम अनुरूप नहीं चल रहा है और उसकी जानकारी आरटीआई के तहत आम जनता तक पहुंचती है तो ऐसी स्थिति में गलत तरीकों से चल रहे प्राइवेट स्कूलों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी.प्राइवेट स्कूल के लिए रेगुलेटर है शिक्षा विभाग

मान्यता संबंधी जानकारी शिक्षा विभाग के दायरे में

स्कूलों की मान्यता संबंधी जानकारी सरल एवं सुलभ स्वरूप में शिक्षा विभाग के पहुंच में हैं. इसलिए, कोई भी आम आदमी अगर आरटीआई दायर करके निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी जानकारी मांगता है तो धारा 7 (1) के तहत 30 दिन के अंदर आरटीआई आवेदक को की जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए. सूचना आयुक्त ने साफ़ किया कि अगर मान्यता की जानकारी किसी कारण से विभाग मे उपलब्ध नहीं है तो शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों से जानकारी लें. यदि जानकारी देने में कोई भी प्राइवेट स्कूल मना करें तो विभाग स्कूल के RTE Act 2009 एवं RTE rules 2011 के तहत प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई कर सकते हैं.इस प्रकरण में हुई थी आयोग में सुनवाई


रीवा का है मामला

रीवा  जिले की त्योथार तहसील के एक RTI आवेदक महेंद्र  कुमार तिवारी  ने शिक्षा विभाग से  जानकारी मांगी थी। जिसमे  वहां के निजी स्कूल की मान्यता संबंधी जानकारी मांगी थी. इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पास भेज दिया. लेकिन विकास खंड अधिकारी ने यह कहते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं कराई की निजी स्कूल ने आरटीआई अधिनियम के अधीन ना होने से जानकारी देने से मना कर दिया है. राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सुनवाई के बाद जानकारी को उपलब्ध न कराने के लिए संयुक्त संचालक लोकशिक्ष्ण रीवा संभाग  केपी तिवारी और विकास खंड प्रारंभिक शिक्षा t अधिकारी त्यौंथर  नीरज नयन तिवारी  पर 10000 – 10000 रुपए का जुर्माना लगा दिया.



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एडिटर: विनोद आर्य
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