भारतीय परंपरागत चिकित्सा शैली अत्यंत समृद्ध : कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता
विवि में पारम्परिक चिकित्सको का दो दिवसीय शिविर
सागर. डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय सागर के स्वदेशी ज्ञान अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा षिविर का शुभारंभ भूगोल विभाग के प्रांगण में शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत वीणावादिनी सरस्वती एवं डाॅक्टर हरीसिंह गौर की प्रतिमा पर द्वीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर शुरूआत किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो नीलिमा गुप्ता का पुष्पगुच्छ से स्वागत करने के पश्चात शब्द सुमनो से स्वागत
हेतु स्वदेषी ज्ञान अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. के. के. एन. शर्मा द्वारा सभी अतिथियों, चिकित्सको,गणमान्य नागरिको एवं सभा में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. के. के. एन. शर्मा नइस आयोजन के बारे में प्रकाष डाला तथा विगत तीन वर्षो से स्वदेषी अध्ययन केंद्र में संपन्न हुए विभिन्न कार्यक्रमो की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। तत्पष्चात लोक स्वास्थ्य परंपरा संवर्धन अभियान भारत के समन्वयक श्री निर्मल अवस्थी द्वारा पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्था पर विस्तृत प्रकाष डाला गया।
उन्होंने इस पारंपरिक स्वदेषी ज्ञान पर अनुसंधान की आवष्यकता बताई साथ ही इन्होंने बताया कि ऐसा ज्ञान जो एपीआई(इंडियन आयुर्वेद फाॅर्मोकोपिया) में उल्लेख न हो एवं वह ज्ञान जो श्रुति एवं संस्कृति आधारित असाध्य बीमारियों के उपचार हेतु सदियों से उपयोग लाया जा रहा हो। आगे उन्होंने बताया कि भारतीय परंपरागत उपचार पद्वति हजारांे साल से स्थापित है जो आदिम जनजातियो में यह ज्ञान स्थापित है। आज इस विधा का प्रमाणीकरण के साथ-साथ वैज्ञानिक कसौटी पर कसने की जरूरत है जिसे भारत देष में प्रचलित लोक स्वास्थ्य परंपरा की निरंतरता को कायम रखते हुए विलुप्त हो रही वनौषधियों का संरक्षण एवं संवर्धन हो सके।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. नीलिमा गुप्ता ने म.प्र., छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली से आए हुए समस्त वैद्यो एवं चिकित्सको का उत्साहवर्धन करते हुए अपने संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने परंपरागत चिकित्सा शैली इसके आधुनिक स्वास्थ्य लाभों कीे उपयोगिता एवं महत्व बताते हुए वर्तमान समाज से इसको अपनाने के लिए आवाहन भी किया। कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यपक डाॅ आर.बी.अनुरागी एवं आभार प्रदर्षन डाॅ हेमंत पाटीदार ने किया। उद्घाटन सत्र की समाप्ति के पश्चात मुख्य अतिथि प्रो. नीलिमा गुप्ता ने फीता काट कर चिकित्सा शिविर का शुभारंभ किया। साथ ही साथ वैद्यो द्वारा एकत्रित औषधियों एवं उससे निदान होने वाले रोगो की जानकारी भी ली।
कुलपति ने किया ष्पर्यटन के नवीन आयामष् पुस्तक का विमोचन
विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय परंपरागत चिकित्सा शिविर में माननीय कुलगुरु प्रोण् नीलिमा गुप्ता जी द्वाराश्पर्यटन के नवीन आयामष् पुस्तक का विमोचन किया गयाण् यह पुस्तक डॉ आरण् बीण् अनुरागी. सहायक प्राध्यापकए भूगोल द्वारा लिखित हैण्यह पुस्तक भूगोल विषय के स्नातक स्तरीय कोर्स के विद्यार्थियों साथ.साथ मध्य प्रदेश के विविध महाविद्यलयों में संचालित स्नातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम के लिये भी उपयोगी सिद्ध होगीण् आज पर्यटन रोजगार पैदा करनेए विदेशी मुद्रा अर्जित करनेए आपसी सामाजिक. सांस्कृतिक.राजनीतिक भाईचारा स्थापित करनेए स्थानीय स्तर पर जीविका उपलब्ध कराने आदि के लिये विश्व के हर देश अपने यहाँ पर्यटन जैसी गतविधियों को दिन प्रतिदिन बढ़ा रहें हैण् ऐसी स्थिति में यह पुस्तक विद्यार्थियोंए शोधार्थियों एवं शिक्षकों के लिए सार्थक सिद्ध होगी।
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