साधक की परीक्षा का फल समाधि : बेलाजी में आर्यिका सर्वश्रेष्ठमति माताजी की समाधि पर डोला निकला

साधक की परीक्षा का फल समाधि : 
बेलाजी में आर्यिका सर्वश्रेष्ठमति माताजी की समाधि पर डोला निकला


सागर 11 फरवरी. दिगंबर जैन गणधर तीर्थ क्षेत्र बेलाजी में आर्यिका सर्वश्रेष्ठमति माताजी के समाधिमरण पर आज शनिवार की सुबह डोला निकाला गया. जिसके पश्चात अंतिम संस्कार हुआ. बेलाजी में विराजमान आचार्य श्री सिद्धांत सागर महाराज से दीक्षित आर्यिका सर्वश्रेष्ठमति माताजी की संलेखना दो दिन पूर्व ही शुरू हुई थी. जहाँ पर कल शुक्रवार की रात में उन्होने देह त्याग दी. बालयोगी आचार्य सौभाग्य सागर महाराज के गृहस्थ जीवन की माँ रेखा जैन को आचार्य श्री सिद्धांत सागर महाराज ने बेलाजी में  दीक्षा दी थी। इस अवसर पर आचार्य श्री सिद्धांत सागर महाराज ने कहा कि साधक की परीक्षा का फल समाधि होता है. जिस प्रकार विद्यार्थी सालभर अध्ययन करने के बाद परीक्षा देकर उत्तीर्ण होता है. कचनेर में विराजमान आचार्य श्री सौभाग्य सागर महाराज ने कहा कि समाधि जीवन का सार है, साधु जीवन का सार समाधि है. आर्यिका समता मति माताजी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। आर्यिका सर्वश्रेष्ठमति माताजी की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर श्रीफल अर्पण किए. मुखाग्नि गृहस्थ जीवन के पति मुकलेश जैन और पुत्र नवोदित जैन कोरबा ने दी. अंतिम यात्रा में दमोह और आसपास के क्षेत्रों सहित दिल्ली, छत्तीसगढ़ से गुरू भक्त और परिजन शामिल हुए.
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