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Sagar:सरकारी,गेरसारकारी संस्थानों, बैंक ,शादीघरो और बड़े प्रतिष्ठानों पर लाखो बकाया▪️कचरा गाड़ी का शुल्क नही भर रहे संस्थान, सात दिन में बकाया जमा करे, होगी सख्ती

Sagar:सरकारी,गेरसारकारी संस्थानों, बैंक ,शादीघरो और बड़े प्रतिष्ठानों पर लाखो बकाया
▪️कचरा गाड़ी का शुल्क नही भर रहे संस्थान, सात दिन में बकाया जमा करे, होगी सख्ती

सागर। नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रषेखर षुक्ला द्वारा आर्थिंक तंगी से निगम की वर्शो से बकाया वसूली को वसूलने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे है, क्योंकि इस बकाया राषि का प्रभाव सीधे निगम की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। आष्चर्य की बात है कि निगम के बकायादारों में बडे-बडे षासकीय एवं अर्द्वषासकीय संस्थायें, प्रतिश्ठान, शादी घर, ट्रस्ट, होटल, रेस्टोरेंट सहित बडे-बडे व्यवसायिक प्रतिश्ठान षामिल है ।जिनके द्वारा निगम बकाया करों को जमा नहीं करने से नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है ।उसका सीधा असर आम जनता को उपलब्ध करने वाली सुविधाओं पर पड़ रहा है।
लेकिन अब ऐसे संस्थानों पर भी ठोस अपषिश्ट प्रबध्ांन की शुल्क (कचरा गाडी) बकाया राशि जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ भी निगम द्वारा सात दिवस के भीतर राषि जमा नहीं करने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी, ऐसे बकायादारों की सूची में रेल्वे, मेडीकल कालेज, जिला चिकित्सालय, बैंक, व्यवसायिक संस्थान, प्रायवेट संस्थान आदि षामिल को सूचीबद्व किया जाकर कार्यवाही के निर्देश दिये गये है।
इस संबंध में निगमायुक्त श्री षुक्ला ने सहायक आयुक्त श्री राजेश सिंह राजपूत, सहायक आयुकत एवं बाजार प्रभारी श्री आनंद मंगल गुरू, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, राजस्व अधिकारी श्री बृजेष तिवारी, एम.आई.एस.एक्सपर्ट श्री गौरवसिंह राजपूत की बैठक लेकर बकाया वसूली कार्य की समीक्षा की।

जिसके अंतर्गत बाजार प्रभारी श्री आनंद मंगल गुरू ने बताया कि बडे षासकीय और अर्धषासकीय प्रतिश्ठानों, व्यवसायिक प्रतिश्ठानों, बैकों, रेल्वे विभाग, षादी घर, ट्रस्ट आदि पर ठोस अपषिश्ट प्रबंधन (कार्य कचरा गाडी का) का लाखों रूपये की बकाया राषि लेना षेश है जो बार-बार सूचना के बाद भी जमा नहीं कर रहे है जबकि नगर निगम द्वारा जनहित को दृश्टिगत रखते हुये सेवायें जारी रखे है।
इस संबंध में निगमायुक्त ने निर्देश दिये कि अब जो भी संस्थान बकाया निगम की राषि 7 दिवस के भीतर राषि जमा नहीं करते है तो उनके विरूद्व म.प्र.नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 174 के तहत् सख्त कार्यवाही की जाये ताकि वर्षो से बकाया चली आ रही राशि को वसूल किया जाये।  इस कार्यवाही हेतु उन्होने सहायक आयुक्त श्री राजेषसिंह राजपूत को जिम्मेदारी देते हुये कहा है कि निर्धारित अवधि में राषि जमा नहीं करने वालों के विरूद्व कार्यवाही करें।
ये है लाखो के बकायादार
ऐसे बकायादारों में पष्चिम सेंट्रल रेल्वे रू. 15 लाख 40 हजार, जिला चिकित्सालय तिली अस्पताल रू. 2 लाख 31 हजार, बुन्देलखण्ड मेडीकल कालेज सागर के रू. 3 लाख 85 हजार, जिला कृशक सब्जी मंडी रू. 7 लाख 70 हजार, आईबीडीआई बैक परकोटा एवं वनवे रोड़ सेंट्रल बैंक आफ इंडिया नमकमंडी एवं चंदा काम्पलेक्स मोतीनगर वार्ड, बैंक आफ महाराश्ट्र, पंजाब नेषनल बैंक परकोटा एवं कटरा, स्टेट बैंक आफ इंडिया द्वारका बिहार कालोनी एवं चमैली चौक, गोपालगंज,नमकमंडी, मुयुट फायनेंस परकोटा, यूको बैंक कटरा, इलाहाबाद बैंक कटरा, आंध्रा बैंक गंगा काम्पलेक्स रामपुरा वार्ड, बैंक आफ बड़ोदरा सहित रू. 77 हजार से अधिक के 90 शासकीय एवं अर्द्व शासकीय प्रतिश्ठान है । जिसमें अधिकाषतः बैंक, मैरिज गार्डन, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, ट्रस्ट आदि शामिल है ।जबकि रू. 38 हजार से अधिक के 184 प्रतिश्ठान है जिनसे ठोस अपषिश्ट प्रबंधन षुल्क की राषि वसूल किया जाना है।
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