MP: धान खरीदी घोटाला, मंडी सचिव सहित छह लोगो को सात साल की सजा
▪️ 5 करोड 76 लाख का किया था घोटाला
जनसम्पर्क अधिकारी भोपाल संभाग श्री मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज गुरुवार को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री संदीप कुमार श्रीवास्तव, के द्वारा आरोपीगण आशीष गुप्ता (धान व्यपारी) निवासी - ए75, सत्यज्ञान नगर, छोलामंदिर, भोपाल , विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव) निवासी म.न. 35, कादम्बनी परिसर बागमुगालिया भोपाल ,राजेश राय, निवासी 105 चौपडा मोहल्ला जिला रायसेन ,रामस्वरूप राय, निवासी - ग्राम खरबई थाना उमरावगंज जिला रायसेन , महेश अग्रवाल, निवासी - मंदाकिनी शिर्डीपुरम कोलार रोड, भोपाल . सुनील गुप्ता को धारा 420, 120बी भादवि में प्रत्येक आरोपीगण को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को 25-25 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया । उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री आशीष त्यागी एवं श्री डी के आर्य द्वारा पैरवी की गई है।
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ये है मामला
अनाज मण्डी करोंद के व्यापारी आशीष गुप्ता मेसर्स सियाराम ट्रेडर्स द्वारा मण्डी क्षेत्र एवं गांव में जाकर किसानों से धान की खरीदी की एवं उनसे खरीदी गई धान का भुगतान न करते हुऐ उन्हें चेक दिये । जो कि बाउंस हो गये। किसानों द्वारा भुगतान न होने की शिकायत करोंद मण्डी में तथा थाना निशातपुरा में की गई। थाना निशातपुरा द्वारा मण्डी सचिव प्रदीप मलिक की शिकायत पर अपराध क्रमांक 411/19 धारा 406, 420, में आशीष गुप्ता के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवचेना की गई। विवेचना के दौरान प्रकरण में अन्य आरोपीगण विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव), राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता, अरविंद परिहार, जीवन सिंह राजपूत, नारायण प्रसाद राजौरिया, रंजीत गौस्वामी, धमेन्द्र गुप्ता की अपराध में संलिप्त्ता पाये जाने से एवं शासकीय कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार संबंधी साक्ष्य आने से कुल 11 आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र धारा 420, 406, 409, 120बी भादवि एवं धारा 7, 13(1)बी, 13(2) भ्र.नि.अ. एवं धारा 49 म.प्र. कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के अपराध के लिए प्रस्तुत किया गया।
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उक्त प्रकरण में आरोपीगण ने किसानों के साथ छल करके कुल 5 करोड 76 लाख का घोटाला करके अपराध कारित किया था । न्यायालय ने विचारण के दौरान कुल 121 साक्षियों का परीक्षण कराया गया, जिसमें से 95 किसानों के द्वारा साक्ष्य दी गई। उपरोक्त साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण के आरोपीगण आशीष गुप्ता (व्यापारी), विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव), राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता को दोषसिद्ध कर सजा सुनाई गई।
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