Editor: Vinod Arya | 94244 37885

देश की अखण्डता और आत्मनिर्भरता के उद्घोष का राष्ट्रीय पर्व है गणतंत्र दिवस- कुलपति

देश की अखण्डता और आत्मनिर्भरता के उद्घोष का राष्ट्रीय पर्व है गणतंत्र दिवस- कुलपति 



सागर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में गौर प्रांगण में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया और उमंग, उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की माननीया कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने ध्वजारोहण किया. राष्ट्रगान के पश्चात उन्होंने एनसीसी कैडेट्स की सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया.  
उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं उपस्थित सभी नागरिकों को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस की बधाई दी. इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 26 जनवरी हमारे देश की अखण्डता और आत्मनिर्भरता के उद्घोष का राष्ट्रीय पर्व है। सम्पूर्ण राष्ट्र आज के


 दिन को जनतांत्रिक मूल्यों के महापर्व के रूप में मनाता आया है। भारत-भूमि के अनेक अमर सेनानियों, कर्मशील नेताओं और भारत की महान जनता ने अपना सर्वस्व अर्पित कर इस देश को आजाद कराया। 15 अगस्त भारतीय जनता की स्वाधीन-चेतना का जयघोष है तो 26 जनवरी उस चेतना की अमरता का दिन है। आज का दिन हमें याद दिलाता है कि, ‘सबसे ऊपर देश, उससे ऊपर कुछ भी नहीं।’ 

समता, समानता और आत्मनिर्भरता भारतीय संविधान की आत्मा है। जो हमें सर्व अधिकार सम्पन्न नागरिक होने की गरिमा और पूर्णता प्रदान करता है। आज हमारा सम्पूर्ण राष्ट्र अपने संविधान के उजाले में निरन्तर प्रगति-पथ पर अग्रसर है। विज्ञान, अनुसंधान, चिकित्सा, तकनीकी, कला, रक्षा, स्पेस कार्यक्रमों के साथ आज जल-थल-नभ के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में हमारा देश वैश्विक स्तर पर एक श्रेष्ठतम प्रतिस्पर्धी के रूप में उभर कर सामने आया है। 


उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रनिर्माताओं के महान स्वप्नों को अपनी आँखों से देखने और अपने उद्यम से साकार करने का अवसर मिला है। आज उल्लास का दिन है, उत्सव का दिन है, उड़ान और अभियान का दिन है, तो वहीं यह उस विराट संकल्प को याद करने और रखने का भी दिन है, जिसे आजादी के लाखों दीवानों ने समय के ललाट पर अपने स्वाभिमान की स्याही से लिखा था। हमारा यह पुनीत कर्तव्य है कि हम अपने आचार-व्यवहार से मनुष्यता के उस महान स्वप्न, संकल्प के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, देश की सम्प्रभुता के प्रति आदर व्यक्त करें और देश की एकता एवं अखण्डता के प्रति सजग रहें। हम अपने देश से प्रेम करें, एक संवेदनशील मनुष्य एवं सचेत नागरिक बने। मैं समझती हूँ कि यही सबसे बड़ी देश-भक्ति है। 


उन्होंने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारा विश्वविद्यालय डॉ. सर हरीसिंह गौर का जीवंत संकल्प है। गौर साहब ने इस विश्वविद्यालय को स्थापित कर सागर, बुन्देलखण्ड और देश के शैक्षणिक-मानचित्र को हमेशा-हमेशा के लिए बदल दिया था।  विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर शैक्षिक नवाचार, प्रशासनिक दक्षता एवं अकादमिक दृढ़ता के साथ कार्य कर रहा है। पारम्परिक ज्ञान, भारतीय-बोध के साथ ही विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में हम वैश्विक स्तर की तकनीक से अपने विद्यार्थियों के बहुआयामी व्यक्तित्व को रच रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रमों, नवीन भवनों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उच्च स्तरीय मानदण्डों के सफल क्रियान्वयन के साथ हमारा विश्वविद्यालय नये समय, नयी जरूरतों और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नयी क्षमताओं के साथ उन्नयन की राह पर बढ़ चला है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे यहाँ से शिक्षित-दीक्षित विद्यार्थी खुदमुख्तारी की नयी कहानी लिखेंगे। उन्होंने वर्ष भर की अकादमिक-सह शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों एवं उपलब्धियों को भी साझा किया.


उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की अकादमिक श्रेष्ठता उसके शिक्षकों की ज्ञानात्मक चेतना से निर्मित होती है। हमारा विश्वविद्यालय अपने विद्वान शिक्षकों के हितों, अधिकारों एवं गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों से सम्बन्धित दूसरे प्रकरणों का भी निस्तारण करने जा रहे हैं। साथ ही विश्वविद्यालय में विभिन्न कैडर के रिक्त पदों के भरने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जायेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. गौर की विरासत और उनके यादों के उजाले को सहेजने के लिए ‘गौर पीठ’ की स्थापना का जिक्र करते हुए इस हेतु मिल रहे अपार जन-सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम अपने विश्वविद्यालय को देश-दुनिया के शैक्षिक मानचित्र पर प्रत्येक स्तर पर एक परिवर्तनकारी एवं अग्रणी संस्थान के रूप में विकसित कर सकें। 

आज के दिन हमारे देश का सौभाग्य जाग्रत हुआ इसलिए हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम निजी हित और स्वार्थ से ऊपर उठ कर अपने प्यारे देश और प्यारे देशवासियों के आत्म उन्नयन में सहभागी बनें।  
समारोह के दौरान पूरा गौर प्रांगण भरा हुआ था. विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी और नागरिकगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे. 
गौर भवन में हुआ ध्वजारोहण 
गौर भवन में सुबह 8 बजे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने ध्वजारोहण  किया एवं राष्ट्र गान हुआ । इस अवसर पर कुलसचिव संतोष सोहगोरा, कुलानुशासक प्रो. चन्दा बेन, एन एस एस एवं एन सी सी के छात्र सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. 

विद्यार्थियों ने दी देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति 

विश्वविद्यालय के संगीत विभाग एवं सांस्कृतिक परिषद् के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी. यह प्रस्तुति विश्वविद्यालय के नवीन सभागार’ अभिमंच’ में दी गई. विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. 


_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Archive