नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को तीन साल की सजा
सागर । नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी रूचि उर्फ यषवंत रैकवार थाना-केातवाली को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये, धारा-354 भा.द.वि. के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(आई) व ंधारा-,3(2)(व्ही-ए) एस.सी./एस.टी.एक्ट 1989 के तहत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 06.09.2019 को दोपहर 2ः30 बजे उसके घर से थोड़ी दूर स्थित दुकान से वह लड्डु लेकर आ रही थी तो अभियुक्त रूचि उर्फ यषवंत ने उसके घर के सामने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया। फरियादिया, अभियुक्त से अपना हाथ छुड़ाकर वहाॅ से अपने घर आ गई और घर आकर पूरी घटना अपनी माॅ को बताई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-कोतवाली द्वारा धारा- 354, भा.द.वि. एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 एवं धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(पप) ,3(2)(व्ही-ए),3(1)(द) एस.सी./एस.टी एक्ट 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया और अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
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