पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव का राज परंपराओं के साथ हुआ अंतिम संस्कार
▪️अंत्येष्टि में शामिल होने आ रहे परिवार का हुआ एक्सीडेंट
▪️छत्रसाल द्वितीय बने राजा ,हुआ राजतिलक
PANNA 31 जनवरी 2023 : पन्ना राजघराने के महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव का लंबे समय से बीमारी के चलते के रविवार को निधन हो गया था। उन्होंने नागपुर के एशियन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही पन्ना में शोक लहर फैल गई ।पन्ना राजघराने की परंपराओं के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार हुआ। सेकडो लोगो नम आंखों से विदाई दी। उधर आज उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आ रहे परिवार जन एक सड़क हादसे में घायल हो गए।
उनकी बड़ी बेटी को जयपुर में अस्पता में भर्ती कराया गया। कुछ सदस्यो को मामूली चोटे आई है। पन्ना राजघराना समूचे देश में मशहूर था। महाराजा छत्रसाल के वंसज और पन्ना रियासत के महाराज राघवेंद्र सिंह जू देव वर्ष 2009 से महाराज के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे। पन्ना राजघराना देश दुनिया में मशहूर रहा है। इस घराने के अकूत धनसंपदा को लेकर विवाद भी सुर्खियों में रहे है।
पन्ना महाराज का पार्थिव शरीर पहुंचा, जनता दर्शन के लिए रखा गया
पन्ना राजघराने के महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव का पार्थिव शरीर नागपुर से एंबुलेंस के जरिए पन्ना पहुंचा। महारानी ज्योति कुमारी महाराज के पार्थिव शरीर के साथ जैसे ही राजमहल पहुंची। वहां पर पहले से मौजूद लोगों ने नम आंखों से अगवानी करते हुए महाराज राघवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर राज महल के दरबार हाल में जनता के दर्शन के लिए रखा। महाराजा राघवेंद्र सिंह जू देव काफी सहज और मृदुभाषी थे।
छत्रसाल पार्क के पास हुआ अंतिम संस्कार
राजपरिवार का मुक्तिधाम छत्रसाल पार्क के पास स्थित है जहां पर महाराज राघवेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। प्रात: 10 महाराज की अंतिम यात्रा राजमहल से शुरू होकर मुक्तिधाम पहुंची। जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में कई राजघराने के सदस्य , जनप्रतिनिधि गण और नागरिक गण शामिल हुए।
एंबुलेंस में बैठकर किए अंतिम दर्शन
इस दौरान एक और मार्मिक तस्वीर सामने आई जब बेटी को अपने पिता के अंतिम दर्शन एम्बुलैंस से करने पड़े । अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए राजस्थान से घर लौट रहे उनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय एवं पुत्रियों,साले और उनके परिजन एक्सीडेंट में घायल हो गए हैं । जिसमें उनकी बड़ी बेटी को गंभीर चोटें आई । इसके बाद उनको इलाज के लिए जयपुर रिफर किया गया।
छत्रसाल द्वितीय का हुआ राजतिलक
महाराज राघवेंद्र सिंह के एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं दोनों राजकुमारी से छोटे राजकुमार जिनका नाम छत्रसाल द्वितीय रखा गया था । उनका राजतिलक महाराज राघवेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा होने से पूर्व परंपरा अनुसार किया गया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय का क्षत्रिय एवं राजशाही परंपरा के अनुसार राजतिलक किया गया । पहले मुख्य दरबार हाल में महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव के शव को रखा गया । इसके बाद सभी लोगों की मौजूदगी में पंडितों परिजनों और क्षत्रियों ने उनके पुत्र का राजतिलक कर राजा घोषित किया । यह एक राजशाही परंपरा है कि जब तक उत्तराधिकारी को राजा घोषित नहीं किया जाता तब तक अंतिम संस्कार नहीं होता। इस कारण उस राजशाही परंपरा के अनुसार पूरी प्रक्रियाओं का पालन कऱ राजतिलक किया गया जिसमे छत्रसाल द्वितीय को राजा घोषित किया गया है।
अनेक राजघराने और जनप्रतिनिधि हुए शामिल
अंत्येष्टि में पन्ना राज परिवार के सभी सदस्य, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, खजुराहो विधायक एवं इनके रिश्ते की भाई विक्रम सिंह नातीराजा, आसपास की रियासतों के प्रतिनिधि, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में पन्ना निवासी शामिल हुए और उन्होंने अपने महाराजा को श्रद्धांजलि दी ।
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