" भाभी जी घर पर हैं " सीरियल में गिल्ली के लीड रोल में नजर आएंगी सागर की दीक्षा
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सागर,18 जनवरी 2023. बालीवुड में बुंदेलखंड अंचल के कलाकारों को लगातार उपस्थिति बनी है। छोटे – बड़े पर्दे पर अपना कमाल दिखा रहे है। अब
छोटे और बड़े पर्दे पर दिखने वाले सागर के कलाकारों की सूची में एक और नाम शामिल हो गया है। सागर की दीक्षा साहू एंड टीवी के सीरियल "भाभाजी घर पर हैं " में नजर आ रही हैं। सीरियल में इन दिनों नया एपिसोड गिल्ली डंडा चल रहा है, जिसमें दीक्षा लीड रोड गिल्ली की भूमिका में हैं। यह एपिसोड एक सप्ताह तक टेलीकॉस्ट होगा। दीक्षा सीरियल के कैरेक्टर विभूति नारायण की चचेरी बहन बनी हुईं हैं। सागर की बेटी को छोटे पर्दे पर देखकर परिवार के लोगों समेत शहरवासियों में खासा उत्साह है।
दीक्षा वृंदावन वार्ड के अहमद नगर की निवासी हैं। दीक्षा के पिता स्व. गोकुल प्रसाद साहू सेना में थे। वहीं मां दया साहू हैं। दीक्षा एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया है। दीक्षा के एक्टिंग करियर की शुरुआत सागर में नुक्कड़ नाटक से हुई थी।
बहन के साथ कदम से कदम मिलाकर सीखे एक्टिंग के गुर
दीक्षा साहू बतातीं हैं कि एक्सीलेंस स्कूल से 12वीं और सागर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें 2012 में एक नुक्कड़ नाटक करने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने अभिनेता गोविंद नामदेव द्वारा आयोजित एनएसडी वर्कशॉप में हिस्सा लिया और अन्वेषण (अर्थव) ग्रुप के साथ थिएटर की बारीकियां सीखीं। जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग में कैरियर बनाने की ठान ली। मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने के बाद मुंबई विश्वविद्यालय से थिएटर एंड आर्ट्स में मास्टर्स किया और फिर उन्हें दयाबाई नाम की फिल्म में पहला रोल मिला। यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड के लिए भारत से भेजी गई थीं। इसके बाद दो फीचर फिल्म और तीन वेबसीरिज में मुख्य भूमिका अदा की। करीब 10 साल के संघर्ष के बाद उन्हें भाभाजी घर पर हैं जैसे बड़े सीरियल में रोल मिला है। दीक्षा की बड़ी बहन दीपजी साहू भी मुंबई में उनके साथ रहती हैं और एक्टिंग के क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
परिवार और गुरू के सपोर्ट से मिली सफलता
दीक्षा बतातीं हैं कि उनके करियर में सबसे बड़ा सपोर्ट परिवार का रहा है। मिडिल क्लास फैमली को बेटी के लिए मुंबई भेजना आसान नहीं होता। लेकिन उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा था। वहीं थिएटर के करियर में मुझे जो गुरू मिले उन्होंने मेरी मेहनत को देखते हुए मुझे आगे बढ़ने का अवसर दिया, जिसके कारण आज मैं इस मुकाम पर हूं। मेरी सफलता का श्रेय इन दोनों को ही जाता है।
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