गौधाम सिद्ध स्थान है, इसके विकास के लिए मंत्री भूपेंद्र जी साधुवाद के पात्रः संत श्री रावतपुरा सरकार
▪️संत श्री रावतपुरा सरकार ने गौधाम झील सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया
मालथौन। यहां का गौधाम सिद्धों की जगह है, अतीत में किसी महासंत ने इसे बनाया था। भूपेंद्र भैया ने इस जगह को इतनी सुंदरता से भर दिया है इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। यह उद्गार विख्यात संत श्री रविशंकर जी रावतपुरा सरकार ने यहां के पुरातन देवस्थल गऊधा धाम के झील संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए।
संत श्री रावतपुरा सरकार ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि गऊधा गौधाम जैसी तपोस्थली एक दिन में निर्मित नहीं हुई है। यहां सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा का समर्पण किया है। तभी ऐसे सिद्ध स्थानों को शक्ति प्राप्त होती है और सभी के मनोरथ पूर्ण होने लगते हैं, दर्शनों से ही शांति आने लगती है। संत श्री ने कहा कि मुझे गौधाम आने पर बहुत अच्छा लगा, यहां प्रवेश करते ही शांति का अनुभव हुआ।
संत श्री रावतपुरा सरकार ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं तीस साल पहले भूपेंद्र भैया से सतना में मिला था और तब भी वे विकास की ही चर्चा कर रहे थे। विगत वर्षों में खुरई और मालथौन से जब भी मैं गुजरता तब यहां की चौड़ी सड़कें और विकास देख कर लगता था कि वे अच्छे जनप्रतिनिधि हैं। संत श्री रावतपुरा सरकार जी ने कहा कि भूपेंद्र जी जैसा जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र के लिए मिलना यह इसी गौधाम की कृपा है। जनप्रतिनिधि ऐसे ही होना चाहिए जो विकास और सेवा में इतने तल्लीन रहें कि उन्हें सुबह और शाम का पता भी न चले। खुरई क्षेत्र के सभी गांवों का विस्तार हो रहा है। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा कि रावतपुरा सरकार से प्रार्थना है कि भूपेंद्र भैया सदैव ही अच्छे रहें ,सरल और नम्र रहें, खूब प्रयास और परिश्रम करते रहें।
मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस देवस्थान के नाम के पीछे की महिमा एक अलौकिक गाय, चरवाहे और इस पावन कुंड से जुड़ी हुई है। यहां रह रहे देवों ने अपनी गाय को चराने की मजदूरी के रूप में चरवाहे को सोने की ईंटें प्रदान की थीं ऐसी कथा यहां के विषय में प्रचलित है। जब मैं यहां पहली बार आया था तभी ऐसी शांति और प्रेरणा का अनुभव हुआ कि इस देवस्थान से सभी को हमारी धर्म, संस्कृति के संरक्षण की प्रेरणा मिले। आज मेरा संकल्प पूरा हुआ जब 4 करोड़ की लागत से यहां की झील के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के कार्य का लोकार्पण पूज्य संत श्री रावतपुरा सरकार महराज जी के पवित्र हाथों से संपन्न हुआ। पूज्य महाराज जी का जीवन धर्म, संस्कृति , मानव कल्याण, शिक्षा, चिकित्सा सेवा के लिए समर्पित है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मैं अपने जीवन को धन्य समझता हूं कि मैंने यह काम किया।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस दिव्य स्थान गौधाम में हनुमान जी व शिवजी के मंदिर हैं। चौबीसों घंटे अखंड रामायण होती है। दोनों मंदिरों को और सुंदर स्वरूप देने के लिए एक करोड़ रुपए की लागत से कार्य होगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब और बढ़ जाएगी। कथा, संस्कार, कन्या भोज जैसे आयोजन होते ही रहेंगे इसके लिए एक विशाल सत्संग भवन बनना आवश्यक है जिसके लिए एक करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। गौधाम में एक गौशाला का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएगा। जब यह सब कार्य होंगे तब यह स्थान भी डोहेला किला जैसा भव्य स्थान बन जाएगा।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आज खुरई के डोहेला महोत्सव की ख्याति देश भर में हो गई है। ऐसे आयोजनों, मेलों से संस्कृति पल्लवित तो होती ही है हजारों छोटे गरीब दूकानदारों को साल भर का रोजगार तीन दिवस में ही मिल जाता है। इस बार भी सैकड़ों की संख्या में डोहेला महोत्सव में दूकानें लगेंगी। मंत्री श्री सिंह ने सभी से तीन दिवसीय डोहेला महोत्सव में आने का निमंत्रण दिया।
लोकार्पण समारोह में मालथौन नगर परिषद अध्यक्ष जयंत सिंह बुंदेला, खुरई नगरपालिका अध्यक्ष नन्हीं बाई अहिरवार, नगरनिगम परिषद अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, डा सुखदेव मिश्रा, विक्रम सोनी, जगन्नाथ गुरैया, समर्थ दीक्षित, श्रीमती इंदू चौधरी, मालथौन नप के समस्त पार्षद गण सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
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