पांच दिवसीय किड्स पेंटिंग वर्कशॉप ऑन कैनवास का समापन
▪️बच्चों के विकास के लिए इस तरह के आयोजन ज़रूरी हैं : सुशील तिवारी
▪️"चित्रकला बच्चों में संवेदना का विकास करती है : डॉ.सुश्री शरद सिंह
सागर। "बच्चों को चित्रकला सिखाने वालों के साथ वे अभिभावक भी प्रशंसा के पात्र हैं जो बच्चों को कला की विधिवत शिक्षा लेने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। इस तरह का वातावरण बच्चों के समुचित विकास के लिए ज़रूरी है।"
यह बात डॉ. सुशील तिवारी, महापौर प्रतिनिधि ने रंग आर्ट इंस्टीट्यूट द्वारा चंद्रा पार्क में नव वर्ष के प्रथम दिवस पर आयोजित पेंटिंग प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
उन्होंने बच्चों द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक गौरवशाली आयोजन है जिसे भविष्य में बड़े स्तर पर करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्यामलम् अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने कहा कि "रंग के साथी ने सागर नगर में चित्रकला को विशेष ख्याति दिलाई है। यह संस्था आज के बच्चों को चित्रकला सिखाकर भावी कलाकारों को जन्म दे रही है।" अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार एवं कला समीक्षक डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने कहा कि "चित्रकला बच्चों में संवेदना का विकास करती है और संवेदनशील बच्चे बड़े होकर श्रेष्ठ नागरिक बनते हैं। रंग आर्ट इंस्टीट्यूट इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही है।" इसके साथ ही उन्होंने नववर्ष पर अपनी एक कविता भी सुनाई।
इस अवसर पर उन सभी 32 बच्चों को अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र एवं पेंटिंग किट प्रदान किए गए जिन्होंने पांच दिन चले किड्स पेंटिंग वर्कशॉप ऑन कैनवास में शामिल हो कर पेंटिंग करना सीखा तथा अपनी बनाई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई। चंद्रा पार्क में उपस्थित सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम का संचालन किया महिला काव्य मंच सागर की अध्यक्ष डॉ. अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने तथा आभार प्रदर्शन किया रंग के साथी ग्रुप के संचालक सचिव असरार अहमद और अध्यक्ष अंशिता बजाज वर्मा ने। उन्होंने सभी सम्मानीय अतिथियों का आभार माना और आगे इसी तरह के सहयोग की अपेझा की । डॉ. सुजाता मिश्र, रंगकर्मी डॉ. अतुल श्रीवास्तव, दीपाली गुरू, मनीषा पटेरिया, सुमन झुड़ेले, ज्योति विश्वकर्मा, एडवोकेट अमित तिवारी, मनीष वर्मा, डॉ. अभिषेक जैन, विकास तिवारी सहित प्रतिभागी बालक- बालिकाओं के परिजनों आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
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