विद्युत नियामक आयोग के समक्ष विचाराधीन टैरिफ याचिका में सागर के विद्युत पेंशनरों की ओर से सेवांत लाभों और पेंशन को लेकर आपत्ति पत्र भेजा ।
सागर, 13 जनवरी, प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष विचाराधीन टैरिफ याचिका क्रमांक 84/2022 में बतौर हितग्राही म. प्र.विद्युत पेंशनर्स एसोसिएशन,सागर की ओर से आपत्ति पत्र भेजकर सुनवाई का अवसर मांगा गया है । उक्त याचिका वित्तीय वर्ष 2023- 24 की समग्र राजस्व आवश्यकता , खुदरा विद्युत प्रदाय दरों, व्यय प्आरावधानों आदि को लेकर प्रस्तुत और विचाराधीन है । आयोग द्वारा इसके लिए सभी संबंधितों पक्षों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं ।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए विद्युत पेंशनर्स एसोसिएशन,सागर के कार्यवाहक अध्यक्ष के.सी.जैन और सचिव के.एल.कटारिया ने संयुक्त बयान में बताया है कि राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश विद्युत सुधार प्रथम अंतरण नियम 2003 एवं संशोधन दिनांक 13.06.2005 के अंतर्गत पूर्ववर्ती विद्युत मंडल के कर्मियों की पेंशन और सेवांत लाभों के लिए " म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (मंडल तथा उत्तराधिकारी इकाईयों के कार्मिकों को पेंशन तथा सेवान्त प्रसुविधा दायित्वों की स्वीकृति हेतु निबंधन तथा शर्तें) विनियम, 2012 (जी-38,वर्ष 2012) " बनाए गए थे । इन प्रावधानों का राज्य की बिजली कंपनियों द्वारा विगत 10 वर्षों से समुचित पर्याप्त पालन नहीं किया जा रहा है । प्रावधानों के अनार्गत बनाए गए पेंशन एवं सेवांत प्रसुविधा न्यास (टी.बी.टी.फंड) में बिजली कंपनियों द्वारा अंशदान में अनियमितता की जा रही है । इसमें तय राशि जमा नहीं कराई गई है , कमजोर और बिल्कुल अस्थाई व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है ।
गत सितंबर माह में फंड की कमी बता कर पेंशन भुगतान रोका गया । बिजली पेंशनरों को पेंशन के साथ देय महंगाई राहत स्वीकृति और भुगतान में भी विलंब किया जाता रहा है । याचिका में पारित आदेश के अनुसार पेंशनर्स एसोसिएशन, सागर बिजली पेंशनर्स के अधिकारों के लिए राजकोष से पेंशन भुगतान पाने के लिए आगामी रणनीति तय करेगा ।
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