मर्चुरी में चूहों द्वारा शव की आंख नोचने का मामला: सिविल सर्जन सहित 4 डाक्टरों कोकारण बताओ नोटिस
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरी ने जिला चिकित्सालय मर्चुरी में देर रात बिजली गुल होने के कारण चूहों द्वारा शव की आंख नोचने की घटना को गंभीरता से लेकर सिविल सर्जन , जिला क्षय अधिकारी डा सुनील जैन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1 डा. अचला जैन, तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मर्चुरी कक्ष को कार्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए निर्देषों की अवेहलना के मदेदनजर कारण बताओ नोटिस जारी किए है। उक्त सभी चिकित्सकों को अपना स्पष्टीकरण 48 घंटे में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नोटिस में कहा है कि 48 घंटे के भीतर समक्ष में जबाव प्रस्तुत करें। जबाव अप्राप्त रहने या समाधान कारक न होने की स्थिति में कार्यवाही की जाएगी।
पहली घटना के बाद भी नही चेता प्रशासन, सीएमएचओ ने जताया खेद
सिविल सर्जन को जारी नोटिस में कहा गया है कि पूर्व में 5 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव चाहा गया था तथा घटना की पुनवृत्ति न हो इस संबंध में ठोस कदम उठाते हुए सुधार किये जाने हेतु मौखिक रूप से स्पष्ट निर्देश दिये गये थे। किंतु बड़े ही खेद का विषय है कि उक्त घटना घटित होने के उपरांत भी आपके द्वारा आज दिनांक तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया न ही कोई सुधार संबंधी कार्यवाही की गयी। जिस कारण 20 जनवरी को घटना की पुनरावृत्ति हुयी एवं स्थानीय समाचार पत्र में घटना प्रकाशित हुई। जिस कारण संस्था की छवि धूमिल हुयी एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई है। उक्त कृत्य से आपकी कार्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए निर्देशों की अवहेलना किया जाना सिद्ध होता है। क्यों न उक्त संबंध में आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए आपका प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित किया जावे।
इसी तरह जिला क्षय अधिकारी , जिला स्वास्थ्य अधिरकारी-1 और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मर्चुरी कक्ष को लापरवाही के संबंध में जारी नोटिस कर 48 घंटे में जबाव मांगा गया है।
पहली घटना के बाद सुधारी गई थी व्यवस्थाएं : सिविल सर्जन डा ज्योति चौहान
मर्चुरी में चूहा द्वारा शव के आंख नोचने की दूसरी घटना के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है। इस मामले में सिविल सर्जन डा ज्योति चौहान ने बताया कि जब पहली घटना हुई थी तो उसके बाद मर्चुरी की व्यवस्थाएं सुधारी गई थी। घटना के बाद शव को फ्रिजर में रखने के निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए। चूहों को रोकने दो दफा मेडिकल ट्रीटमेंट किया गया । मर्चुरी में दवा का छिड़काव भी हुआ। चूहों को घुसने से रोकने के लिए कुछ अन्य उपाय भी किए गए थे।
उन्होंने कहा कि इस घटना में फ्रिजर के भीतर चूहा दिख रहा है। इसके मद्देनजर अब फ्रिजर को भी चेक कराया जा रहा।
जांच होने तक मेडिकल में होंगे पीएम
मामले की पूरी जांच होने तक अब जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम नही होंगे । उनको मेडिकल कालेज में कराया जाएगा। बताया जाता है कि पहली घटना में जांच रिपोर्ट कयो नही सौंपी गई। यह चर्चा का विषय है। जबकि इस मामले में स्मबंधितो के बयान लिए जा चुके है । तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन डा सुधीर जैन थे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें