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खदान बंद करने के बाद मलबे के ढेर ने उगल दिया 20 लाख का हीरा जरुआपुर में बंद खदान की मिट्टी ने बदल दी तकदीर, एक रात में बन गया लखपति

खदान बंद करने के बाद मलबे के ढेर ने उगल दिया 17 लाख का हीरा 

▪️ बंद खदान की मिट्टी ने बदल दी तकदीर, एक रात में बन गया लखपति 

तीनबत्ती न्यूज.कॉम
Panna, Diamond .   दुनियाभर में  हीरो के लिए मशहूर मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल  का पन्ना लोगो की तकदीर बदलता रहता है। अब राह चलते भी किस्मत चमकती है। पन्ना के इंद्रजीत सरकार की यही कहानी है।  यह युवक जरुआपुर में खदान का पट्टा लेकर हीरे की तलाश करता रहा, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। खदान बंद हो गई, फिर अचानक बीते रोज उस पर किस्मत मेहरबान हो उठी। बंद खदान के पास मासूस टहलते हुए इंद्रजीत को एक चमकीला पत्थर दिखा तो वे उसे उठा लाए। परिजन संग जब हीरा कार्यालय पहुंचे तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा, वह चमकीला पत्थर करीब 17 लाख कीमत का उज्जवल किस्म का हीरा निकला। 


पन्ना की धरती फकीर को अमीर बनाने के लिए पहचानी जाती है। इसे रतनगर्भा और हीरों की धरती कहा जाता है। निराश, मायूस लोगों की झोली में कब यह हीरे डाल दे कहा नहीं जा सकता। शुक्रवार को एक और युवक इंद्रजीत सरकार टहलते—टहलते लखपति बन गए हैं। दरअसल पन्ना जिले के निवासी इंद्रजीत सरकार सुबह जब घूमने निकले तो उन्हें बंदर हीरा खदान में पुराने मिट्टी के ढेर के पास कुछ चमकता हुआ दिखा तो उन्होंने उसे उठाकर देखा तो लगा कि यह हीरा हो सकता है। वे उसे घर ले आए। परिजन ने देखा तो लगा की यह हीरा ही है, जिसे लेकर वह सरकारी हीरा कार्यालय जांच कराने पहुंचे थे। यहां पारखी ने देख तो बताया कि यह हीरा ही है, पारखी ने जब बारीकि से जांच की तो वह उज्जवल किस्म का हीरा जिसका वजन   4.38 कैरेट था, उसकी अनुमानित कीमत 17 से 20 लाख रुपए बताई है। अब इसे आगामी नीलामी में रखा जाएगा। 



पैसे से आधुनिक खेती करने की इच्छा है, उसी में लगाएगा पैसा 

इंद्रजीत सरकार पेशे से किसान है। वह गरीब परिवार से आता है। किस्मत को आजमाने के लिए हीरा खदान का पट्टा लिया था, लेकिन साल भर खुदाई कर मिट्टी में समय गुजारा, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। खदान का पट्टा समाप्त हो गया और खदान बंद कर दी थी। उसी खदान की मिट्टी में अचानक किस्मत पलट गई। अब हीरा की नीलामी में जो पैसा मिलेगा, उससे वह आधुनिक खेती करने की इच्छा जता रहा है। 

हीरा कार्यालय में 10 हीरे जमा, जो चलते—फिरते मिले हैं 
हीरा कार्यालय से दी गई जानकारी अनुसार बीते साल 2022 में 10 ऐसे लोग हीरा जमा कराने सामने आए हैं, जिन्होंने हीरा खदान का पट्टा नहीं लिया था, लेकिन उन्हें रास्ते, पगडंडी पर चलते—चलते, जंगल में लकड़ी बीनते हुए हीरे मिले हैं। हीरा कार्यालय के ​रिकॉर्ड के अनुसार समीर सिंह को 1.41 कैरेट, गेंदा बाई को 4.39 कैरेट, नंदलाल को 2.83 कैरेट, छोटे लाल को 0.85 कैरेट, निरूपाल को 1.30 कैरेट, पन्नालाल कुशवाहा को 2.00 कैरेट, भवानी दीन रैकवार को 2.85 कैरेट, राजकिशोर सिंगरौल को 1.36 कैरेट और वृन्दावन रैकवार को 4.86 कैरेट का हीरे मिल चुके हैं।

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