Editor: Vinod Arya | 94244 37885

बड़ा बाजार छात्र संघ ने वाहन रैली निकालकर डॉ गौर को किया नमन

बड़ा बाजार छात्र संघ ने वाहन रैली निकालकर डॉ गौर को किया नमन

सागर ।महान  विधि वेता शिक्षाविद एवं दानवीर डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर बड़ा बाजार छात्र संघ ने प्रतिवर्ष अनुसार डॉ गौर की जयंती पर  सुबह वाहन रैली मोती नगर चौराहे से सागर के लोकप्रिय विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया वाहन रैली के साथ  बड़ा बाजार छात्र संघ के पदाधिकारियों ने तीन बत्ती पहुंचकर डॉक्टर गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

 तत्पश्चात बड़ा बाजार छात्र संघ के पदाधिकारियों ने डॉ हरिसिंह गौर की जन्मस्थली बंडा के पास चील पहाड़ी पहुंच कर डॉ गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भजन संध्या का आयोजन कर प्रसाद वितरण एवं  बच्चों को खाद्य सामग्री का वितरण किया अवसर पर बड़ा बाजार छात्र संघ के संरक्षक श्री लालचंद घोषी ने विचार रखते हुए कहा कि बड़ा बाजार छात्रसंघ लगभग 32 वर्षों से डॉ हरिसिंह गौर की जयंती उत्साह के साथ और धूमधाम से मनाते आ रहा है डॉ हरिसिंह गौर ने अपना सर्वस्व निछावर कर शिक्षा रूपी दीप जलाकर संपूर्ण बुंदेलखंड को रोशन करने का कार्य किया है ।जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता सभी को महान व्यक्तित्व के धनी डॉ हरिसिंह गौर से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए श्री घोषी ने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर का विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान है ।उनके योगदान को ध्यान में रखकर भारत सरकार अति शीघ्र डॉ गौर को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करें ।बड़ा बाजार छात्रसंघ डॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग पुरजोर तरीके से समय-समय पर उठाता रहा है डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर आज बड़ा बाजार छात्रसंघ पुनःडॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग  भारत सरकार से करता है । डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर बड़ा बाजार छात्रसंघ की वाहन रैली में प्रमुख रूप से श्री जगन्नाथ गुरैया प्रदीप राजोरिया शंभू खटीक राम कुमार पचौरी प्रभात मिश्रा घोषी समाज के जिला अध्यक्ष राजा घोषी रूप किशोर अग्रवाल रितेश मिश्रा सचिन घोषी अब्बू घोषी मयंक भट्ट बृजमोहन पाठक कौशल घोषी आनंद घोषी कार्तिक साहू दीपांशु साहू गौतम खटीक धीरज विश्वकर्मा यज्ञेश सेन सहित बड़ी संख्या में बड़ा बाजार छात्रसंघ के पदाधिकारी दोनों कार्यक्रम में  उपस्थित रहे।



_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

परिष्कृत उपकरण एवं नैनो प्रौद्योगिकी भवन लोकार्पित किया मुख्यमंत्री ने▪️29 करोड़ 50 लाख की लागत ले बना है भवन

परिष्कृत उपकरण एवं नैनो प्रौद्योगिकी भवन लोकार्पित किया मुख्यमंत्री ने

▪️29 करोड़ 50 लाख की लागत ले बना है भवन


सागर 26 नवम्बर 2022
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शाम डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में डॉ गौर जयंती के अवसर पर 29 करोड़ 50 लाख की लागत से बने परिष्कृत उपकरण एवं नैनो प्रौद्योगिकी भवन का लोकार्पण किया।



भवन की विषेषताएं
इस भवन में वैज्ञानिक शोधों के उच्च स्तरीय उपकरण के साथ प्रयोगशाला संचालित किया जाएगा। आगामी समय योजना अनुसार नैनो टेक्नोलॉजी विषय से संबंधित पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। इस भवन में फायर फाइटिंग, सीसीटीवी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी  अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं। इस भवन के अंतर्गत वैज्ञानिकों एवं उनके शोध के लिए व्यवस्था की गई है। यह भवन विज्ञान के तकनीकी उपकरणों के रख रखाव में उपयोगी साबित होगा।




इस अवसर पर केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलषक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, डॉ. हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, गौरव सिरोठिया, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, कुल सचिव संतोष सोहगौरा, सुबोध जैन, संजय जैन सहित अन्य विषिष्टजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री  और केन्द्रीय राज्य मंत्री ने पुष्प चक्र अर्पित कर किया नमन


प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शाम डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में गौर समाधि स्थल पहुंचकर पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने पूर्व मुख्यमंत्री पं. रविषंकर शुक्ल की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलषक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने भी डॉ. गौर और पं. रविषंकर शुक्ल  की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया। 


इसी क्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया।
इस मौके पर सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, इस अवसर पर डॉ. हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, गौरव सिरोठिया, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, कुल सचिव संतोष सोहगौरा, सुबोध जैन, संजय जैन, सहित अन्य विषिष्टजन उपस्थित थे।  
 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इसीक्रम में डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने भी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।



_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________
                                   


Share:

सहयोग, समर्पण और कर्म से डॉ. गौर के सपनों में रंग भरें-कुलपति▪️तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए

सहयोग, समर्पण और कर्म से डॉ. गौर के सपनों में रंग भरें-कुलपति

▪️तीनबत्ती पर  गौर प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए 


सागर. महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 153 वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने सागर शहर के तीनबत्ती पहुँचकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभा को संबोधित किया. उन्होंने भारतीय मेधा के प्रखर स्तम्भ और बुन्देली पुरुषार्थ के जागतिक पुरूष डॉ. हरीसिंह गौर के जन्मदिवस की सभी को हार्दिक बधाई दी.
उन्होंने कहा कि आज से 153वर्ष पहले सूरज वैसे ही निकला होगा जैसे आज निकला है, हवा में वैसी ही एक गुनगुनी सी ठंडक होगी जैसा आज है। पर उस दिन सूरज के साथ उसके एक ऐसे सहचर ने जन्म लिया था जो आगे चलकर पूरे बुन्देलखंड की आबरू बन गया। उन्होंने कहा कि गौर साहब के संघर्षों से हम सभी परिचित हैं. कितनी कठिन मुष्किलों और अभावों के बीच वे पले और बढ़े जिसका ख्याल और बोध हम सभी को है। सागर में पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बहुत दुःख के साथ उन्हें सागर छोड़ना पड़ा था। अपने उस दुःख को उन्होंने एक महान संकल्प में बदल लिया कि जैसे भी हो सागर में उच्च अध्ययन की व्यवस्था होना ही चाहिए। और उन्होंने अपने उस संकल्प को साकार करके दिखाया भी।
18 जुलाई 1946 को इस धरती पर डॉ. हरीसिंह गौर ने ज्ञान का जो विरवा रोपा था, आज वह ज्ञान के एक विषाल और छतनार कल्पवृ़क्ष में परिवर्तित हो चुका है। प्रगति और उन्नयन की अनेक उपलब्धियाँ विश्वविद्यालय के साथ जुड़ती जा रही हैं। 

उन्होंने बताया कि नये भवनों और नये पाठ्यक्रमों के साथ अपनी अधिरचना में विस्तार करने के साथ ही हमारा विश्वविद्यालय ज्ञान-विज्ञान क्षेत्र में प्रखरतम विद्यार्थी और सचेत एवं संवेदनषील नागरिक तैयार कर रहा है।
उन्होंने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में शुरू किये जा रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी साझा की. उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेस भी खुलने जा रहा है जहां नए-नए पाठ्यक्रम शुरू किये जा रहे हैं. उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में मेरी कोशिष है कि मैं डॉ. हरीसिंह गौर के सपनों को अपने प्रत्येक विद्यार्थी की आँखों में झलकता देखूँ।
उन्होंने कहा कि मैं पूरे गर्व के साथ कहना चाहती हूँ कि आप एक श्रेष्ठ शहर के कृतज्ञ नागरिक हैं। आप सभी गौर साहब के प्रति न सिर्फ श्रद्धा का भाव रखते हैं बल्कि उसे उल्लास के साथ व्यक्त भी कर रहे हैं। 


डॉ. गौर का विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति-पथ पर अग्रसर है। पर अभी इसे और आगे जाना है। समय आ गया है कि अब हम सभी अपने सवालों को सहयोग में, अपनी श्रद्धा को समर्पण में और अपनी निष्ठा को कर्म में रूपान्तरित कर अपने गौर साहब के सपनों में रंग भरें।
कार्यक्रम में सागर शहर के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी, विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक एवं जनसामान्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

डॉ. गौर जयन्ती पर निकली भव्य शोभायात्रा

परम्परानुसार शहर के तीनबत्ती से बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकली जो प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्वविद्यालय पहुँची. इस दौरान शहर के नागरिक, जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी और आमजन इस शोभायात्रा का हिस्सा बने. शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ.

विवि में हुआ मुख्य समारोह आयोजित

महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 153 वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष  एवं उच्च शिक्षा सलाहकार, उप्र. सरकार प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह जी, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संबोधित किया.   


डॉ. गौर सच्चे अर्थों में सामाजिक समता और न्याय के पुरोधा थे- कुलाधिपति
कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कहा कि डॉ गौर ने दासत्व की पीड़ा समझी। वे सह शिक्षा के पक्षधर थे. उन्होंने  बाल विवाह आदि कुप्रथाओं के बारे में सोचा और इसके लिए विधि लेकर आए। उनके जीवन के इस अनेक उदाहरण है जो नारी सशक्तिकरण और नारी चेतना को समझने में मदद करते है। अंतर्जातीय विवाह की संतान को संपत्ति में मान्यता दी। उन्होंने सामाजिक चेतना को बदलने पर ध्यान दिया, कुप्रथाओ को बदला और समाज को बदला।
 नागरिकता को लेकर लड़े। समानता का भाव रखा. आज से कई वर्ष पहले उन्होंने सामुदियक रूप से विकास को महत्व दिया। विधि के आधार पर सभी कुप्रथाओं को तोड़ने का काम किया। जिस तरह अंबेडकर बुद्ध धर्म अधिकार करके बुद्ध वादी बन गए वे भी बने। पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा के अध्ययन की भूमिका बनी। हम उनके जैसे बुद्धिजीवी बनें जिससे राष्ट्र को हम परम वैभव के शिखर पर ले जा सके।
*डॉ. गौर ने बुंदेलखंड का नाम विश्वपटल पर स्थापित किया- प्रो. डीपी सिंह*
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो डी पी सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ गौर सिर्फ सागर ही नहीं बल्कि देश के महान सपूत जिन्होने बुंदेलखंड की मिट्टी का नाम देश और विदेश में रोशन किया।


 हमारे चिंतन में डॉ गौर हमेशा बने रहे ऐसी कामना करते हुए उन्होंने गौर जयंती की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वे सदैव सागर के ऋणी रहेगें, सागर उनकी सांसों में बसता है। उनके शैक्षिक पदो की यात्रा सागर से शुरू हुई थी जिसमें उन्होंने सबसे कम उम्र के कुलपति बनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि डॉक्टर गौर के व्यक्तिव एवं कृतत्व के बारे में सभी जानते है। हम सभी को विवि के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए कि वह कैसे और ऊंचाई पर जाए। देश के विकास में शिक्षा व्यवस्था का योगदान अहम होता है।


 तकनीक और विज्ञान के साथ आज की आवश्यकता अनुसार, व्यवसायिक, कौशल विकास, कंटीन्यूइंग शिक्षा सम्मिलित कर नए सिरे से बनाना चाहिए। सभी शैक्षिक व्यवस्था एवं गतिविधियों को विद्यार्थी केंद्रित बनाना चाहिए। सभी के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो यह भारत सरकार का लक्ष्य है, शिक्षा तक जिसकी पहुंच न हो शिक्षा वहां पहुंचनी चाहिए। विवि को एक्सटेंशन एवं रिक्रूटमेंट जैसे केंद्र की शुरुआत करनी चाहिए। अपनी नेटवर्किंग बढ़ाने के विश्वसनीयता का प्रचार करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि विवि को अपनी प्रोफाइल सशक्त बनानी चाहिए एवं नेक आदि विदेशी रैंकिंग में प्रतिभागिता करनी चाहिए। विवि को अपने आप में अनूठा बनाने का प्रयास करना चाहिए। विवि की विशिष्टता ही उसकी मुख्य ताकत होनी चाहिए। उन्होंने कहा की विद्यार्थियो को डॉ गौर से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की आप चाहे जहां भी रहें एक बाद अपनी जन्म स्थली के लिए लौट कर कुछ करें। डॉ गौर ने बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा का माध्यम चुना। कोठारी आयोग की रिपोर्ट में भी शिक्षा को देश के समूचे विकास से जोड़ा गया था। आज जब नई शिक्षा नीति का क्रियान्वन इस विवि में हो रहा है, यह एक उपलब्धि की बात है। इसके लिए उन्होंने सभी को बधाई दी और यही कामना की इस विवि की उपलब्धियां हर क्षेत्र में उल्लेखित हों। 

डॉ. गौर का जीवन और कर्म हम सभी के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शैक्षिक एवं सामाजिक नवजागरण के अद्वितीय नायक और विश्वविद्यालय के संस्थापक पितृपुरुष डॉ. हरीसिंह गौर जी की 153वीं जयंती सभी को बधाई देते हुए कहा कि हरीसिंह गौर की जयंती हमारे विश्वविद्यालय के लिए, बुन्देलखण्ड के लिए और पूरे देष के लिए ज्ञान की उज्ज्वल चेतना का महापर्व है। आज का यह दिन हमें विश्वास दिलाता है कि मनुष्य की सामर्थ्य से कुछ भी बड़ा नहीं है, हारा वही है जो लड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि घोर अभाव और मुष्किलें जोर आजमाइष करती रहीं पर गौर साहब ने अपने इस्पाती इरादों सेएक सामान्य सी लगने वाली जिन्दगी को असाधारण अफसाने में बदल दिया। सागर के शनीचरी से कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय तक की उनकी यात्रा एक किरदार का किस्से में रूपान्तरित होते जाने की महागाथा है।  गौर साहब का जीवन और कर्म उन सबके के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है जो समाज-हित में कुछ नया और सुन्दर करना चाहते हैं। डॉ. गौर का सम्पूर्ण जीवन मनुष्य के अदम्य पुरुषार्थ की जय-गाथा है। प्रतिकूल जीवन-संदर्भों के बीच अपनी मातृभूमि के उन्नयन के लिए आपने जो सपना देखा था उसे सर्वस्व अर्पण कर पूरा किया। 

उन्होंने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कहना चाहती हूँ कि यह गौर साहब का इस्पाती-इरादा ही था कि उन्होंने अपने सपने को सरोकार में, मिट्टी को चंदन में और अपनी मातृभूमि को ज्ञान के तीर्थ में बदल दिया। मैं विशेष तौर पर अपने विद्यार्थियों को याद दिलाना चाहती हूँ कि आप डॉ. हरीसिंह गौर जैसे आधुनिक युग के दधीचि की तपस्या और त्याग के परिसर में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अध्ययन, शोध और चिन्तन के क्षेत्र में आप सबकी सजगता और उपलब्धियाँ हमारे विश्वविद्यालय के यष में श्रीवृद्धि करेंगी। आज हमारा विश्वविद्यालय अपने श्रेष्ठ शिक्षकों, योग्य अधिकारियों, कर्मठ कर्मचारियों तथा संस्कारी विद्यार्थियों के प्रेरक समन्वय साथ निरन्तर प्रगति की ओर उन्मुख है। हमें इस बात का गर्व है कि हम डॉ. गौर जैसे मसीहा के सपनों के सिपाही हैं। 
उन्होंने कहा कि हम शैक्षिक नवाचार, प्रशासनिक दक्षता एवं अकादमिक दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय षिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन इस अकादमिक सत्र से कर रहे हैं। जिससे कि हमारे विद्यार्थी ज्ञान-विज्ञान की वैष्विक दुनिया और भविष्य की चुनौतियों के समक्ष स्वयं को एक सक्षम विकल्प के रूप में तैयार कर सकें। 


उन्होंने विश्वविद्यालय की अकादमिक उपलब्धियों की लंबी श्रृंखला प्रस्तुत की जिसमें बहुत से शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अकादमिक उपलब्धियां हासिल की हैं और कहा कि हमारे शिक्षक और विद्यार्थी विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ अकादमिक निरन्तरता को जीवंत बनाये रखें हुए हैं. उन्होंने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों-अधिकारियों को बधाई प्रेषित की. 
उन्होंने विश्वविद्यालय में आयोजित किये गए विभिन्न अकादमिक, एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आगामी रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक चर्चा की और कहा कि हमारा विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास हेतु अपनी अकादमिक प्रतिबद्धता और अपने सामाजिक सरोकारों को नये सिरे से मूल्याकिंत, सृजित और विस्तृत कर रहा है।  उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सर्वौच्च हितों के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है। मैं इस विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय के शिक्षकों की गरिमा एवं अधिकारों के प्रति बचनबद्ध हूँ। आज हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम सभी आत्मिक श्रद्धा और समर्पण भाव से अपनी भूमिका का निर्वहन करें जिससे कि शैक्षिक नवजागरण के पुरोधा और बुन्देली आकांक्षा के महासूर्य डॉ. हरीसिंह गौर का स्वप्न पूरे वैभव के साथ इस धरती पर उतर सके।

स्वागत भाषण कुलसचिव  संतोष सहगोरा  ने दिया. गौर उत्सव के मुख्य समन्वयक प्रो सुबोध जैन ने सात दिवासीय गौर उत्सव का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सभी अतिथियों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिंह भेंट किया गया. विभिन्न दानदाताओं के नाम पर पदक एवं पुरस्कारों को प्रदान किया गया. खेल प्रतियोगिताओं में विजित टीम और प्रतिभागियों को भी पुरस्कार प्रदान किये गये. अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थियों द्वारा लिखित कई पुस्तकों का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया. 

गौर पीठ शोध एवं अध्ययन का अनूठा केंद्र बनेगा- कुलपति
विश्वविद्यालय में हुआ गौर पीठ का उदघाटन

तीन बत्ती और मुख्य समारोह में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में गौर पीठ की स्थापना की घोषणा भी और इसमें सहयोग करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि यह केंद्र शोध एवं अध्ययन का अनूठा केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार से मेरी गुजारिश है कि डॉ गौर संग्रहालय स्थापित करने में सहयोग करें ताकि उनके जीवन से जुडी तमाम उन चीजों का संग्रह और प्रदर्शन किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोग उनके जीवन, संघर्ष और उनके विचारों के बारे में जान सकें. उन्होंने जनसहयोग के लिए भी सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. मुख्य समारोह आरम्भ होने के पूर्व अतिथियों की उपस्थिति में गौर पीठ का उद्घाटन भी हुआ. 

गौर प्रांगण स्थित गौर समाधि पर सभी अतिथियों ने पुष्पांजलि दी.

*तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो......*
*गौर जयंती पर विश्वविद्यालय के छात्रों की कौव्वाली, प्रहसन, गीतों की प्रस्तुतियों ने समाँ बांधा* 
सागर. महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 153 वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा गौर गीत,  स्किट  (द शूज), कव्वाली विश्वविद्यालय के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों द्वारा, ताल तरंग  जैसे कई कार्यक्रम विश्वविद्यालय के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गए.
'जूते' स्किट के मंचन पर दर्शकों ने खूब आनंद करते हुए तालियां बजाईं। नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जायेगा..... एकल गीत की प्रस्तुति दी गई। वर्तमान एवं पूर्व छात्रों ने तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी कौव्वाली की शानदार प्रस्तुति दी। विद्यार्थियो ने कई तरह के ताल वाद्य की प्रस्तुति दी। ऑर्केस्ट्रा पर कई शानदार गीतों ने दर्शकों को आनंदित किया। अंत में प्रसिद्ध बुंदेली लोकनृत्य बधाई की शानदार प्रस्तुति हुई।

कार्यक्रम का संचालन ओशी जैन ने किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो बलवंतराय शांतिलाल जानी, कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, एवं विवि के कई शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, विद्यार्थी एवं नगरवासी उपस्थित रहे।



_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

सेवादल कार्यकर्ता गिरफ्तार, थाने में मनाई गौर जयंती

सेवादल कार्यकर्ता गिरफ्तार, थाने में मनाई गौर जयंती  

सागर ।गौर जयंती के शुभ अवसर पर शहर कांग्रेस सेवादल ने मोती नगर थाने में डॉ. गौर के चित्र पर पुष्प माला अर्पित करके गौर साहब को स्मरण किया। इससे पूर्व मोतीनगर पुलिस ने कांग्रेस सेवादल सदस्यों को मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व गिरफ्तार कर थाने मे बिठा लिया।                    
वरिष्ठ कांग्रेसी रामकुमार पचौरी ने कहा कि भाजपा जिले को एक राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय नही दे पा रही है और अब गौरव दिवस मनाने की नौटंकी कर रही है। दो दो निजी विश्वविद्यालय खुलने की अनुमति से आमजन लुटने मजबूर होगा  सागर मे राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना कराये। केन्द्र मे भाजपा राज्य मे भाजपा फिर भी गौर साहब को भारतरत्न दिलाने भाजपा ने कोई प्रयास नही किया। 

शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि गौरव दिवस के नाम पर तीन दिन से शहर के व्यापारियों,स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे, फुटपाथ एवं मध्यम व्यापारी परेशान है,फिर भी भाजपा के नेता  को इस बात से कोई फर्क नही पडता है कि आमजन कैसे इस मंहगाई के दौर मे अपना जीवन यापन कैसे करे।  थाने मे गौर जयंती मनाने में नितिन पचौरी,महेंद्र दुबे, रेवाराम पटेल, अंकुर यादव,लल्ला यादव,आदर्श यादव,कार्तिक नागार्च,लल्ला यादव आदि साथ रहे
Share:

डॉ. गौर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिलाने की पहल होगी▪️मुख्यमंत्री द्वारा सागर की विभूतियां ’सागर रत्न’ से सम्मानित▪️प्रसिघ्द गायक श्री उदित नारायण की स्वर लहरियों से गूंजा सागर


डॉ. गौर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिलाने की पहल होगी

▪️मुख्यमंत्री द्वारा सागर की विभूतियां  ’सागर रत्न’ से सम्मानित

▪️प्रसिघ्द गायक श्री उदित नारायण की स्वर लहरियों से गूंजा सागर

▪️योगाचार्य विष्णु आर्य को मिला सागर रत्न का सम्मान


सागरः 26 नवंबर, 2022। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रख्यात षिक्षाविद और विधिवेत्ता डॉ. हरिसिंह गौर ने सागर को ज्ञान का सागर बनाया है। जन भावनाओं के अनुरूप डॉ. गौर को देष का सर्वोच्च सम्मान दिलाने की  पहल की जाएगी। डॉ. हरिसिंह गौर के कृतित्व और व्यक्तिव से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए उनकी जीवनी को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज सागर में डॉ. गौर की 153 वीं जंयती पर आयोजित सागर गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि सागर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिये राजघाट बांध की ऊँचाई दो मीटर बढ़ाई जायेगी। इस पर लगभग 200 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय आयेगा, जिसका प्रावधान अगले वित्त वर्ष में कर दिया जायेगा। भविष्य में निरन्तर बढ़ रहे सागर में पानी की कमी नहीं होगी।
सागर रत्न






कार्यक्रम में केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण एवं जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद पटेल, लोक निमणि मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवाहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक सर्वश्री शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया, महेष राय, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरासिंह राजपूत, मध्यप्रदेष खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह मोकलपुर, नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार, महापौर प्रतिनिधि डा. सुषील तिवारी, डॉ. हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, गौरव सिरोठिया, संभागायुक्त श्री मुकेष शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक श्री अनुराग, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री तरूण नायक सहित अन्य विषिष्टजन उपस्थित थे।  सागर गौर गौरव दिवस के भव्य कार्यक्रम के सूत्रधार नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह रहे। 

  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गौरव दिवस सरकारी नहीं, जन-जन का आयोजन है। किसी भी शहर, गाँव अथवा क्षेत्र का विकास केवल सरकार नहीं कर सकती, जब तक उसके साथ समाज का पूरा सहयोग न हो। अपने शहर, गाँव, क्षेत्र के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। साथ ही इस पावन दिवस पर पाँच संकल्प लें - अपने जन्म-दिन पर एक पौधा जरूर लगायेंगे, आँगनवाड़ियों में सहयोग देंगे, बेटी के जन्म पर खुशियाँ मनायेंगे, पानी की प्रत्येक बूँद बचायेंगे और शहर को नशामुक्त बनायेंगे।

इनका हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर देष- प्रदेष के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सागर विष्वविद्यालय से उत्तीर्ण सागर रत्नों को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वालों में फिल्म अभिनेता श्री मुकेष तिवारी, श्री अषोक मिश्रा, सेवानिवृत्ति आई.ए.एस. श्री बी.आर नायडू, पदमश्री कपिल तिवारी, उच्च षिक्षा अनुदान आयोग के अध्यक्ष एवं सागर वि.वि. के पूर्व कुलपति श्री डी.पी. सिंह, प्रो. आर.पी. तिवारी, प्रो. जी.एस. वाजपेयी, प्रो. गौरी शंकर पाराषर, पत्रकार  षिवकुमार विवेक, राजेष सिरोठिया, शरद द्विवेदी, अमित जैन, योगाचार्य श्री विष्णु आर्य, पदमश्री रामसहाय पाण्डे, श्री चतुर्भुज सिंह राजपूत, श्री प्रदीप जैन और श्री कैलाश सिघंई शामिल थे।

120 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रिमोट का बटन दबा कर 120 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोर्कापण भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सागर के विकास में सर डॉ. हरिसिंह गौर के सहयोग को भुलाया नहीं जा सकता। अद्भुत थे डॉ. गौर, वे संविधान निर्माण सभा के सदस्य और प्रसिद्ध कानूनविद थे। उन्होंने अपना सारा धन सागर विश्वविद्यालय बनाने के लिये खर्च कर दिया। इस विश्वविद्यालय में आचार्य रजनीश और सुदर्शन जी जैसी अनेक हस्तियाँ पढ़ी हैं। मेरा सागर से गहरा रिश्ता है। मुझे भी कुछ समय सागर विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र की पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी एक वर्ष में सागर में 4770 करोड़ रूपये से अधिक के कार्य कराये जायेंगे। स्मार्ट सिटी योजना में सागर का इंदौर एवं भोपाल नगरों की तरह ही महानगर के रूप में विकास किया जा रहा है। सागर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा चुकी है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक क्रांति हो रही है। प्रदेश में इंजीनियिंरग एवं मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में किये जाने का ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है। मेधावी बेटे-बेटियों की उच्च शिक्षा की पढ़ाई की फीस सरकार भर रही है। प्रदेश में बेटियों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 शुरू की गई है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ बेटियों के साथ गलत कार्य करने वालों को फाँसी की सजा दी जाती है। माफियाओं और अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार गरीबों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के लिये माइक्रो फायनेंस योजना प्रारंभ करने जा रही है, जिसमें 5 हजार रूपये की तुरंत सहायता दी जायेगी। इस राशि को हितग्राही बिना ब्याज के अपनी सुविधानुसार वापस कर सकेगा। तीर्थ-दर्शन योजना में अयोध्या के लिये ट्रेन भी चलाई जायेगी।

गौरव दिवस  एक सराहनीय परिकल्पना : प्रहलाद पटेल


केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हर गाँव, हर शहर का गौरव दिवस मनाने की जो परिकल्पना दी है, वह अत्यंत सराहनीय है। इससे क्षेत्रों का समग्र विकास तो होगा ही, साथ ही हर व्यक्ति क्षेत्र के प्राचीन गौरव को जान सकेगा। श्री पटेल ने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर ने सागर के विकास में अद्वितीय योगदान दिया है। हम उनके बताये मार्ग पर चलें।


सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि डॉ. गौर ने बुंदेलखंड में ज्ञान का दीपक जलाया। डॉ. गौर ने षिक्षा के क्षेत्र में जहां विष्वविद्यालय दिया तो मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज दिया।  विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि डॉ. गौर ने सागर में अषिक्षा के अंधकार को मिटाकर ज्ञान प्रकाष फैलाया। उन्होंने डॉ. गौर को देष के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करवाये जाने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया। डॉ. सुशील तिवारी ने सागर में विकास कार्यो की श्रृंखला प्रारंभ कराने का श्रेय मुख्यमंत्री श्री चौहान को दिया। डॉ. तिवारी ने बताया कि  सागर की जनता की भी भावना है कि डॉ. गौर को भारत रत्न सम्मान मिले।


गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण हुआ
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डॉ. हरिसिंह गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. हरिसिंह गौर के जीवन वृत्त पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर लगभग आधा घंटे तक मनमोहक आतिशबाजी भी की गई। 

राई नृत्य और फिल्मी गानों पर झूमे सागर वासी

पदमश्री श्री रामसहाय पाण्डे और उनके दल द्वारा प्रसिध्द बुंदेलखंडी राई नृत्य प्रस्तुत किया गया। गायक श्री उदित नारायण  एवं अन्य कलाकारों ने कार्यक्रम में आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। श्री उदित नारायण के मनमोहक गीतों और स्वर लहरियां से देर रात तक श्रोताओं ने पूरा आंनद लिया।

विकास कार्यो का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह ने सागर गौरव दिवस के आयोजन में 120 करोड़ 50 लाख  के विकास कार्यो का लोकार्पण किया इन कार्यो में प्रमुख रूप से स्मार्ट रोड (एस आर-2) का निर्माण कार्य 58.78 करोड़ रू., इक्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग 18.04 करोड़ रू. , सिटी स्टेडियम भवन का पुनर्विकास कार्य 13.21 करोड़ रू., कुंआ एवं बावड़ी का जीर्णोद्वार 3.74 करोड़, कामकाजी महिला छात्रावास 2.12 करोड़ रू., 07 महिला सुविधा गृह 1.87 करोड़ रू., 02 हाइजेनिक फूड प्लाजा 77 लाख रू., नजरबाग पैलेस जीर्णोद्वार 39 लाख रू., 05 लीटर पिकर व्हीकल्स 3.80 करोड,़ 36 करोड़ 26 लाख रू. लागत के आर.ओ.बी राजकीय राजमार्ग और 2 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण शामिल है।


                                   
मुख्यमंत्री ने सागर के प्रसिद्ध व्यंजनों की जमकर तारीफ की

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर के गौरव दिवस के अवसर पर गौर मूर्ति, तीन बत्ती पर आयोजित कार्यक्रम में सागर के प्रसिद्ध व्यंजनों की जमकर तारीफ की। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जमुना मिठिया की चिरौंजी की बर्फी जहां पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध है, वही सागर का गुजराती नमकीन प्रदेश एवं दिल्ली तक  धूम मचा रहा है ।उन्होंने कहा कि विजय टॉकीज के जैन की मंगोड़ी एवं तीन बत्ती के नंदू गुप्ता का पान पूरे बुंदेलखंड में प्रसिद्ध है । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहां सागर के व्यंजन से सागर का नाम सुशोभित होता है, वही डॉ.गौर  सागर की भूमि के कण-कण में विराजमान है।
उन्होंने कहा कि जब हम कहीं भी जाते हैं तो जमुना मिठिया की चिरौंजी की बर्फी , गुजराती नमकीन ले जाना नहीं भूलते। उन्होंने मंच पर से ही कहा कि आज मुझे चिरौंजी की बर्फी अवश्य खाना है, जिस पर नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जमुना मिठिया की दुकान मंच के पीछे है, तब उन्होंने कहा कि ठीक है, आज चिरौंजी की बर्फी अवश्य ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार भारत बेक्री की गुलाब बिस्कुट भी सागर की पहचान है। मुख्यमंत्री के मुंह से सागर के व्यंजनों की तारीफ सुनकर हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों ने ताली बजाकर श्री चौहान का अभिवादन किया।
                                  
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मकरोनिया रेलवे ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया



मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान ने गौर जंयती सागर गौरव दिवस के अवसर पर मकरोनिया रेलवे ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया। मकरोनिया में रेलवे गेट नंबर 30 पर बने इस पुल से लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है और इससे लोगों को एक बड़ी सुविधा मिलेगी। इस ब्रिज पर 36 करोड़ 26 लाख रू. की लागत आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल से बुंदेलखंड के लाखों लोगों को परिवहन की सुविधा मिलेगी और पुल का नाम डॉ. हरिसिंह गौर के नाम पर होगा।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया और बडी संख्या में नागरिक मौजूद थे। ब्रिज शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने जमकर आतिषबाजी कर अपनी खुषी जाहिर की।

मेयर के निवास पर गए सीएम शिवराज सिंह
                                


 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सागर आगमन पर महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी के निवास पर पहुंचे। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन सहित मोजूद रहे। इस मौके पर सुशील तिवारी, मुकेश तिवारी  सहित  सभी ने स्वागत किया । मख्यमंत्री ने परिवार जनों से आत्मीय चर्चा की।

मुख्यमंत्री  हुए वैवाहिक कार्यक्रम में  शामिल  



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत आज सागर जैन समाज के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ढाना के निवास पर पहुंचे और उनकी पुत्री मनाली जैन ढाना के विवाह के पूर्व सगाई समारोह में पहुंचकर आशीर्वाद दिया। श्री  चौहान ने परिवारजनों से भेंट की ।इस अवसर पर मुकेश जैन ढाना के पिता श्री योगेशचंद जैन,  श्रीमती संगीता जैन , डॉ नरेश जैन सहित अन्य परिजन मौजूद थे।



_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:
डॉ हरिसिंह गौर का शिक्षा व सामाजिक सुधार में योगदान अतुलनीय - डॉ राधावल्लभ त्रिपाठी
---------------------------------

ग्वालियर, 26 नवंबर/ डॉ हरिसिंह गौर  विधिवेत्ता के रूप में ऐसे अनेक कानूनी सुधारों के जनक हैं जिनसे भारत के वंचित समुदाय को न केवल राहत मिली बल्कि उन्हें बराबरी का दर्जा व सम्मान मिला। शिक्षा व सामाजिक सुधार में उनका योगदान अतुलनीय है ।  उन जैसी विभूतियों के स्मरण से सभी को प्रेरणा मिलती है। 
लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय संस्थान नई दिल्ली के पूर्व कुलपति डा. राधावल्लभ त्रिपाठी ने यह विचार स्थानीय फूलबाग स्थित मानस- भवन में डा. हरिसिंह गौर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक व राजनेता रघु ठाकुर ने की । सारस्वत अतिथि के रूप में आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर के प्रो- चांसलर डा. दौलत सिंह चौहान उपस्थित थे । मानस भवन के अध्यक्ष डॉ अभय पापरीकर भी इस आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित थे । 
डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर चर्चा का यह आयोजन प्रोफेसर रामसिंह तोमर शताब्दी समारोह समिति, 'चर्चामंडल ' व ' देशांतर ' ने किया। 
डॉ हरिसिंह गौर के राष्ट्रीय जीवन में योगदान पर  खचाखच भरे हाल में बोलते हुए डॉ त्रिपाठी ने कहा कि देवदासी प्रथा का अंत, महिलाओं को वकालत का अधिकार, प्रवासी भारतीयों के साथ भेदभाव की समाप्ति डॉ गौर की पहल व प्रयासों का ही फल है । लंदन की ' इंडिया आफिस ' को उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी की दुर्नीतियों का वाहक घोषित करते कहा था कि यह संस्था भारतीयों को हेय दृष्टि से देखती है । नयी प्रयुक्तियों में उनकी रुचि थी जिनके पेटेंट भी उन्होंने कराये । 
डॉ हरिसिंह गौर साहसी व समाज सुधारक के रूप में जाने जाना चाहते थे__ रघु ठाकुर
अध्यक्षीय उद्बोधन में रघु ठाकुर ने बताया कि  डॉ गौर केवल विश्वविद्यालयों के संस्थापक व कुलपति ही नहीं थे, अंतर्जातीय विवाह को कानूनी मान्यता, महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार उन्हीं के कारण मिला। संपत्ति के हस्तांतरण व हिन्दू  विधि के वे सर्वमान्य विद्वान थे। रूढि व बंधन को तोड़ने को ही वे शिक्षा का सबसे बड़ा पैमाना मानते थे। डॉ हरिसिंह गौर के देशप्रेम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें अपनी जन्मभूमि से प्रेम था इसीलिए सागर में विश्वविद्यालय खोलने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। यदि ये विश्वविद्यालय न होता तो बुंदेलखंड हर दृष्टि से कितना पिछड़ा होता इसकी कल्पना करना भी कठिन है । रघु ठाकुर ने कहा कि प्रोफेसर रामसिंह तोमर व डॉ हरिसिंह गौर में यह समानता है कि जो समुदाय शस्त्र के लिए जाने जाते थे उन्हें  शास्त्र या विद्या से जोडकर समय के अनुरूप ढलने के लिए प्रेरित किया।  डॉ  गौर  स्वयं को साहसी व समाज सुधारक के रूप में याद किया जाना पसंद करते थे । रघु ठाकुर ने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर को देशभर में याद किया जाना चाहिए । वे चाहते थे कि जिन पीड़ाओं से वे गुजरे हैं उनसे भावी पीढ़ी का वास्ता न पड़े । नैतिकता को ही वे सबसे बड़ा धर्म मानते थे, हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाये जाने के प्रबल पक्षधर थे जिसे वे लिंक भाषा याने जोड़ने वाली भाषा कहते थे.। चुनावों में साम्प्रदायिकता की समाप्ति के लिए उन्होंने सुझाव दिया था कि प्रत्याशी को क्षेत्र के अल्पसंख्यकों के पचीस फीसदी वोट मिलना अनिवार्य कर देना चाहिए। सहशिक्षा के प्रसार व जातिव्यवस्था उन्मूलन की दिशा में डॉ गौर ने जो प्रयास किये उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। वे स्वदेशी व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के पक्षधर थे। 
आयोजन के सारस्वत - अतिथि डॉ दौलत सिंह चौहान ने शिक्षा के प्रसार में डॉ हरिसिंह गौर के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज समाज की आत्मा का व्यवसायीकरण हुआ है इसलिए समाज के सच्चे आदर्शों को नहीं पहचान पा रहे। अगर हम अमीरी गरीबी के बीच की खाई नहीं पाट सके और हर किस्म की गैर बराबरी  नहीं दूर कर सके तो यह डॉ गौर व देश के सभी नायकों के सपनों पर पानी फेरना होगा। डॉ चौहान ने शिक्षा को गांव और समाज से जोड़ने की जरूरत बताई । 
सुप्रसिद्ध साहित्यकार महेश कटारे, माता प्रसाद शुक्ल, पूर्व विधायक ब्रजेन्द्र तिवारी, कवयित्री रश्मि सबा, अभिमन्यु सेंगर, एडवोकेट शम्भूदयाल बघेल, पूरन सिंह राणा   अभय पापरिकर प्रो काकरान इतिहासकार राजेंद्र सिंह प्रो रजनीश शर्मा नोशे खान रूपेन्द्र् राणा पत्रकार जनमेजय सिंह श्री जैन असगर खान लज्जाराम यादव संजीव राणा  आदि बडी संख्या में लोग उपस्थित थे.. 
कार्यक्रम का संचालन प्रो जयंत सिंह तोमर ने किया
Share:

तीनबत्ती पर जलाए दीप, गौर जयंती– सागर गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर

तीनबत्ती पर जलाए दीप, गौर जयंती– सागर गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर 


सागर।  गौर जयंती और सागर गौर गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर तीन बत्ती पर  गौर प्रतिमा पर दीप जलाए और घर घर रोशनी का आव्हान किया गया। इस मौके पर  कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, सांसद राजबहादुर सिंह,  विधायक शैलेंद्र जैन ,महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी , जिला अध्यक्ष गौरव सीरोठिया,  फिल्म अभिनेता मुकेश तिवारी , निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, नेवी जैन, रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा,  निगमायुक्त चंद्र शेखर शुक्ला,आदि ने  दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम किया और डा गौर अमर रहे के नारे लगाए। 

तीनबत्ती पर गौर प्रतिमा पर दीप जलाने की परंपरा रही है। गौर समिति के अध्यक्ष  स्व राजू भाई गर्ग  इसके आयोजक रहते थे। आज पूर्व संध्या पर पत्रकार सुदेश तिवारी, विनोद आर्य, प्रवीन पांडे, पार्षद शैलेंद्र ठाकुर, राहुल सिलाकारी, लक्ष्मण सिंह, शैलेश केशरवानी, सुकदेव प्रसाद तिवारी,  विवेक तिवारी, जगन्नाथ गुरैया, राजिक अली, नवीन भट्ट, आर के त्रिवेदी, रितेश राज गर्ग, रितेश मिश्रा, गोलू श्रीवास्तव, अजय तिवारी, डा रामानुज गुप्ता वन्दना गुप्ता, राजेश पंडित ,मोहन अग्रवाल, गोविंद राय, डा राजू टंडन, राजीव सोनी, आकाश ठाकुर, आदि ने दीप जलाए। 


_____________________________

एडिटर: विनोद आर्य
________
+91 94244 37885

तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने
  NEW फेसबुक पेज  और ट्वीटर से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे





ट्वीटर  फॉलो करें

वेबसाईट



______________________________

Share:

Archive