SAGAR: नाबालिग के अंधे कत्ल और दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास▪️प्रकरण में कोई चश्‍दीद साक्षी नहीं था, डी.एन.ए. रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर हुई सजा

SAGAR: नाबालिग के अंधे कत्ल और दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास
▪️प्रकरण में कोई चश्‍दीद साक्षी नहीं था, डी.एन.ए. रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर हुई सजा

सागर । अंधे कत्ल के जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में नाबालिग की नृशंष हत्या करने वाले आरोपी अमान पिता घनश्याम पटैल थाना-सुरखी को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की घारा-376,(1), 302, भादवि एवं 5 क्यू /6 , 5 आर /6 पाक्सों एक्ट एवं अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(2)(अ)  के तहत आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की । 
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि फरियादी मृतिका के पिता ने थाना चौकी बिलहरा में रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी लड़की को काई व्यक्ति बहला फुसलाकर  ले गया है एवं अमान पटैल नामक व्यक्ति द्वारा उसकी लड़की को भगा ले जाने का संदेह व्यक्त किया। अपहर्ता लड़की के विस्तर के नीचे से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमे उसकी लड़की द्वारा आरोपी अमान पटैल के साथ घर जाने के संबंध में लेख किया था । आरोपी अमान पटैल को दस्तयाब कर पूछताछ पर अपहर्ता लड़की को भगा ले जाना एवं अपने साथी प्रीतम पटैल के साथ मिलकर बारी-बारी से बलात्कार करना एवं कुल्हाड़ी मारकर लड़की की हत्या करना एवं उसके शव को पहाड़ी पर छिपा देना बताया। आरोपी की निशानदेही पर मृतिका का शव बरामद किया गया एवं घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी को जप्त कराया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर चौकी-बिलहरा जिला-सागर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा-452, 354, 294, 323(दो शीर्ष), 506(भाग-2), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 9(उ)/10 (दो शीर्ष) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। प्रकरण में कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था एवं प्रकरण परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा परिस्थतियों की श्रंखला को जोड़  एवं वैज्ञानिक साक्ष्य डी.एन.ए. रिपोर्ट के आधार पर विधिवत रूप से अभियोजन मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया । यहॉ उल्लेखनीय है कि मृतिका 05 माह से गर्भ से थी और आरोपी द्वारा मृतिका के साथ बलात्कार कर बर्बरतापूर्वक पीड़िता का चेहरा कुचलकर हत्या कारित की गई थी एवं उसके कपड़ों को जलाकर  साक्ष्य छुपाया गया था । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने अभियोजन के तर्को से सहमत होकर अभियुक्त अमान पटैल को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है। प्रकरण की विवेचना तत्‍कालीन थाना प्रभारी सुर्खी आर.पी.कुसमाकर एवं सी.एस.पी रवि चौहान के द्वारा की गई एवं प्रकरण के निराकरण में आरक्षक क्र. 1791 पवन पटैल एवं आर.क्र. 252 रामरमन कुर्मी द्वारा विचारण के दौरान विशेष सहयोग प्रदान किया गया।

        
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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