SAGAR: मूक बधिर से छेड़छाड़ का मामला, पीड़िता द्वारा राजीनामा करने के बाद भी आरोपी को 03 की सजा

SAGAR: मूक बधिर से छेड़छाड़ का मामला,  पीड़िता द्वारा राजीनामा करने के बाद भी आरोपी को 03 की सजा


सागर । मूकबधिर के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश, श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.दवि की धारा-354 के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-/रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया है मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक(अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन  के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री की मॉ ने रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक-13.05.2019 को सुबह करीब 10 बजे उसका बड़ा लड़का, बहू व लड़की शादी में गॉव गए थे। घर पर वह और उसकी लड़की अभियोक्त्री जो मूकबधिर है, बोलना नही जानती इशारांे में बात करती है, वह घर के अंदर काम कर रही थी तभी उसके देवर का लड़का जो उसी मकान में रहता है, अभियोक्त्री का बुरी नियत से हाथ पकड ़कर सीढ़ियों तरफ ले गया, अभियोक्त्री चिल्लाई तो वह पहुंची तो आरोपी ने बुरी नियत से अभियोक्त्री को पकड़े हुए था जिसे उसने छुड़ाया। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया। दिनांक-15.05.2019 को उसके लड़का, लड़की के वापस आने पर सारी बात बताई ।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376( 2 )(स), 376( 2 )()ि 354 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा धारा 5( द) सहपठित धारा 6, धारा 5( ा) सहपठित धारा 6, धारा 9( द ) सहपठित धारा 10 व धारा 9( ा) सहपठित धारा 10का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, एवं अंतिम तर्क के दौरान न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये और अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । प्रकरण में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अभियोक्त्री द्वारा विचारण के दौरान आरोपी से राजीनामा कर लिया था, अभियोजन द्वारा महत्वपूर्ण न्याय-दृष्टांत पेश कर मामले को प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश, श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुये भा.दवि की धारा-354 के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-/रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। 
                                                                                                

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