ये बाल दिवस नहीं वीर बाल दिवस है जो समाज को एक नई दिशा देगा : शैलेन्द्र जैन
सागर। आप कल्पना कर सकते हैं एक 5 वर्ष 10 माह का बालक और एक 7 वर्ष 11 माह का बालक दीवार मे ज़िंदा चुनवाये जाने के लिए राजी था लेकिन धर्म बदलने के लिए नहीं। यह बाल दिवस नहीं है वीर बाल दिवस है यह आयोजन समाज की नई पीढ़ी को एक नई दिशा देगा। यह बात नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने गर्ल्स डिग्री कॉलेज में वीर बाल दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटों एवं माता गुजरी जी के शहादत दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इसी के चलते शासकीय कन्या उत्कृष्ट महाविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी द्वारा वीर बाल दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विधायक शैलेन्द्र जैन ने विद्यार्थियों को इस घटनाक्रम के इतिहास से अवगत कराते हुए कहा कि आज़ादी हमारा धर्म है, धर्म स्वभाव की तरह है जैसे अग्नि जलाती है जल शीतलता देता है ऐसे ही समाज में भी सबका अपना अपना धर्म है। ऐसे ही हिन्दू सनातन धर्म के बीच से एक समूह अपने पगड़ी, कड़ा व अन्य नियमों के साथ बना। जिसका उद्देश्य लोगों की धर्म की रक्षा करना था इसी उद्देश्य से सिक्ख धर्म अस्तित्व में आया।
सागर में वीर बाल दिवस के उपलक्ष में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि यह पहली बार है कि देश वीर बाल दिवस मना रहा है। यह शौर्य की गाथा यह वीरों की गाथा है जिस दिव्य और भव्य रूप से देश मना रहा है।
इस अवसर पर वीर बाल दिवस के ऊपर रचित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
युवाओं ने देखी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म
गर्ल्स कॉलेज सभागार में सिक्ख गुरु गोविंद सिंह साहिब के पुत्रों - साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को याद किया गया। उनकी शहादत को दर्शाती एक डॉक्युमेंट्री फ़िल्म प्रदर्शित की गई। फ़िल्म में विस्तार से सारी कहानी को दिखाए जाने के दौरान माहौल गमगीन हो गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि शैलेंद्र जैन विधायक सागर, विशिष्ट अतिथि संगीता सुशील तिवारी, कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती अनुश्री शैलेंद्र जैन,नेहा बग्गा प्रदेश प्रवक्ता, डॉ इला तिवारी प्राचार्य, गुरमीत सिंह, जसपाल सिंह, मेघा दुबे, प्रतिभा रामेश्वर चौबे, प्रासुख जैन, अंजना चतुर्वेदी, रश्मि दुबे, अंसारी, गब्बर अजमानी, विकास केशरवानी उपस्थित थे।
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