सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का जैन समाज ने किया विरोध
सागर/ शाश्वत जैन तीर्थ सिद्धक्षेत्र सम्मेद शिखर जी झारखंड को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का सकल दिगंबर जैन समाज सागर ने विरोध प्रकट करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला पंचायत सीईओ आईएएस क्षितिज सिंघल को सौंपा।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से शिखरजी जैन तीर्थक्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का देशव्यापी विरोध जैन समाज के द्वारा चल रहा है उसी क्रम में सागर जैन समाज के अनेक संगठनों ने एकत्रित होकर कलेक्टर के माध्यम से यह ज्ञापन सौंपा है जैन मिलन सागर, जैन पंचायत सभा सागर, महिला आश्रम सागर, और कई अन्य संगठनों ने अलग-अलग ज्ञापन सौपे हैं। चुंकि जैन समाज का यह तीर्थक्षेत्र श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है और पर्यटन शुरू होने पर तीर्थ क्षेत्र की गरिमा और पवित्रता भी खत्म होगी क्योंकि जैन समाज के द्वारा 27 किमी की वंदना नंगे पैर होती है और पर्यटन होने पर उस क्षेत्र में मांस मदिरा का उपयोग भी होगा जिससे जैन तीर्थ क्षेत्र की गरिमा और पवित्रता समाप्त हो जाएगी। केंद्र सरकार इस पर्यटन क्षेत्र के निर्णय पर पुनः विचार कर तत्काल इसे वापस ले जिससे क्षेत्र की गरिमा सुरक्षित रह सके।
विधायक शैलेंद्र जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन, महेश बिलहरा, मुकेश जैन ढाना, संजय जैन शास्त्री, आनंद स्टील, अनिल जैन नैनधरा, कमलेंद्र जैन, सुरेंद्र जैन मालथोन, कैलाश सिंघई, राजकुमार पड़ेले, एड रश्मि रितु, राजा भैया जैन, देवेंद्र लुहारी, अशोक पिडरूआ, राकेश चच्चा, इंद्र कुमार नायक, प्रकाश जैन, ऋषभ बांदरी, तरुण जैन, मुकेश जैन लिटिल, सौरभ जैन उपकार, अनिल जैन, संदीप बहेरिया, राकेश निश्चय, अंकुश बहेरिया, सुजय जैन, प्रमोद सिंघई एड, प्रभात जैन, अनुराग जैन, कोमल जैन, अशर्फी जैन, सपन जैन, अरुण जैन, अनिल जैन, प्रियंक जैन, अनीता जैन, मंजू सतभैया, अनीता शास्त्री, मनीष जैन, अशोक शाह अरविंद रवि सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें