गोपाल भार्गव धर्ममयी जनमानस के अनन्य सेवक है:राजेन्द्र दास महाराज
▪️गढ़ाकोटा प्रतिवर्ष होगा प्राकट्य महोत्सव एवं सन्त समागम
सागर। साग़र जिले के गढ़ाकोटा में खेल परिसर में चल रही भक्तमाल कथा के सप्तम दिवस में पूज्य मलुकपीठाधीश्वर सन्त श्री राजेन्द्र दास जी ने व्यास पीठ से प्रवचन के दौरान कहा कि बुंदेलखंड में आते समय सुना था कि एक मंत्री ऐसे है जो कन्याओं के निज विवाह करवाते है,बटुक ब्राह्मणों के विद्यालय का संचालन करते है।गोपाल प्रसाद भार्गव जी के बारे में जितना सुना था उससे बढ़कर पाया।बड़ी प्रसन्नता से उन्होंने इस उत्सव को सफल बनाने में सहभागी बने।गोपाल के अनन्य ऐसे सामाजिक कार्य सुनने में आये जब वह अपने क्षेत्र में जनमानस के मध्य पहुँचकर उनके सुख और दुख के काज में निज सहभागी बनते है।बीमार मरीजों का निज निधि से इलाज करवाते है।धर्म और राजनीति में सही मायनों में समन्वय देखना है तो गोपाल प्रसाद भार्गव से सीख लेना चाहिए।जिनके पुत्र दीपू गोपाल भार्गव के सभी कार्यों की कमान संभाले हुए है।
पूज्य राजेन्द दास जी ने एक शिष्य और पुत्र की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिष्य भी धन्य है जो गुरु को अपने कृतित्व से धन्य कर दे।ऐसे ही वह पुत्र भी सुयोग्य है जिनके सेवा भावी कृतित्व से पिता धन्य होते है।भगवान सब पर कृपा करें।जय जय श्री राधे।
भागवत के निर्देशक रामानुगृह दास जी छोटे सरकार जिनका स्वभाव तो कठपुतली की तरह है जहां खड़े कर दो वहीं रहेंगे।कुशल निर्देशन प्राप्त हुआ है।
कीर्तन और संकीर्तन में क्या अंतर है।प्रेम और करुणा का उच्चारण कीर्तन है।एवं भगवान का नाम श्रवण करते ही रोम रोम खिल उठे,मन प्रफुल्लित हो जाये वह संकीर्तन है.हमारे जीबन में कब ऐसा पल आयेगा जब कंठ गदगद हो जायेगा।शरीर पुल्कित हो जायेगा।मन रोमांचित हो जायेगा।रसस्व भक्ति की यही परिभाषा है।भगबत रसिक जी जहां जन्मे जहां प्रकट हुए थे।उस स्थली को प्रतिदिन प्रणाम करना है।साग़र जिले के गढ़ाकोटा स्थित गोपाल जी खेल परिसर में अंतिम दिवस भगवत भक्तमाल कथा के श्रवण हेतु अपार जनसमूह उमड़ पड़ा।पूज्य राजेन्द्र दास जी ने व्यास गद्दी से उपस्थित श्रोताओं को भक्ति रस के अनेक छंद सुनाये।भगबत रसिक धाम में भगवत रसिक जू को पुनः स्थापित एवं जागृत किया है।छतरपुर में स्थापित कुंजन दर्शन करें।रसिक जी नित्य बिहार में रहते रस लेते रहे।गढ़ाकोटा में प्रतिवर्ष तीन दिन कार्यक्रम होता रहेगा पुजारी वृन्दावन दास ने कुंज में कथा कराई।चंदिया महोत्सव होता है,कनक बेल श्री राधिका श्याम तमिल रही।रसिक जी रस में रहित रही।देह इन्द्रिय हरि सेवा को है।युगल रस केलि में मन रमाओ।भक्ति सर्वोपरी है श्याम श्यामा का दिव्य रास रस का निरन्तर चिंतन से दिव्य रास में प्रवेश मिलेगा।राजेन्द दास ने अन्य स्थानों का वर्णन करते हुए कहा कि रामपुर हरिदास जन्मस्थली धाम का दर्शन करें बुन्देलखण्ड में राम कृष्ण भक्ति के अनेक केन्द्र हैंजो नेत्रों से देखा वही बाणी में लिखा भगवत रसिक जू ने भगवान निमित्त तो बनाते ही हैं।राजेन्द्र दास महाराज ने राजनीति एवं धर्मनीति के सच्चे समन्वय की प्रति निष्ठावान मंत्री पं गोपाल भार्गव जी का अनंत सौभाग्य है।गोपाल भार्गव राजनीति के अनंत उत्कृष्ट नेता हैं जनता की जनार्दन के रूप में सेवा करते हैं.छोटे सरकार सूत्रधार हैं।अत्यंत उत्साहित युवा अभिषेक भार्गव गोरवशाली व्यक्तित्व पूरे सम्पूर्ण कार्य किया वह पुत्र धन्य है जो पिता को निर्भार बना दे अत्यंत संतों की सेवा की है।समस्त उपस्थित अनुपस्थित श्रोता गण तथा सूक्ष्म रूप से समस्त देवताओं एवं रास राधिका जू श्याम सुंदर जू अवश्य सुन रह होंगे।भागवत स्कंध. का 12वां अध्याय अवश्य पढ़ें ..नमः कृष्ण वेधते म ते धर्माय नमः। गाय और ब्राह्मण संत भगवान की विभूति है,भागवत में अनिवार्य है।कीर्तन नाम गायन है।
संकीर्तन भगवन का चरित्र सुनकर गदगद होकर अश्रु युक्त स्मरण है।11वां स्कंध में उद्धव गीता अर्जुन गीता से अधिक प्रभावी है।भरत और उद्धव जी प्रमुख हैं.उद्धव जी कुसुम सरोवर में लता बनकर वास कर रहे हैं
कीर्तन ही कल्याण का प्रमुख उपाय है।अहं ब्रह्म परम परायणम।राधा कृष्ण क्षण क्षण निरन्तर अधिकाधिक सुन्दर स्वरूप धारण करते हैं। शुकदेव जी की जय, भागवत वाणी सेवा.अभिषेक भार्गव भी पिता की तरह सेवा और नेतृत्व करें ऐसा आशीर्वाद दिया।
पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव के आग्रह पर उनके निज निवास गणनायक में आज जगतगुरु पूज्य संत राजेन्द्र दास जी महाराज,परमहंस पूज्य किशोर दास देव जू महाराज के पावन सानिध्य में संतों के चरण रज पड़ने से मंत्री निवास धन्य हो गया।समस्त सन्त समागम ने भोजन ग्रहण किये।अंत मे अभिषेक भार्गव ने सपरिवार संतों की तिलक वंदना कर आशीर्वाद लेते हुए विदाई भेंट की गई।
◆####गढ़ाकोटा में प्रतिवर्ष होगा प्रकाट्य महोत्सव....किशोर दास महाराज
किशोरदास महाराज
परमहंस संत किशोर दास जू महाराज ने अमृत वाणी का रसास्वादन कराते हुए बताया कि संत सेवा इस महोत्सव की विशेषता है।वृन्दावन का अमृत भाव प्रसन्नता गढ़ाकोटा वासियों को मिला।बिहारी जी यहां दौड़े आयेंगे,छवि सेवा एवं रज स्थापित हुई हैं, गढ़ाकोटा अब केवल एक नगर नही रह गया अपितु अब तो यह साक्षात वृन्दावन धाम नजर आने लगा है।हमारो वृन्दावन और भगवत गुरु मिल गये तो भगवान भी मिलेंगे।आप सभी जन प्रतिदिन समाधि स्थल भूमि पर जाकर श्री हरिदास जी की माला करेंगे तो समस्त समस्याएं रोग आदि समाप्त होंगें।सेवा ही भक्ति का अंग है,पूज्य किशोर दास जू आपकी अनंत प्रेरणा से यह महोत्सव प्रकट हुआ।।।।
◆सोमबार को भंडारे प्रसादी का आयोजन.....
सोमवार को हवन एवं भंडारे का आयोजन स्थल खेल स्टेडियम भगवत,भक्तमाल कथा के आयोजन के अंतिम दिवस प्रातःकाल बटुक पंडित हवन पूजन सम्पन्न कराएंगे।इसके उपरांत जिले भर से भंडारे प्रसादी करने भक्तजन को आमंत्रित किया गया है।
◆अभिषेक भार्गव ने जतायाआभार...... भक्ति रुप आयोजन के प्रमुख सहयोगी अभिषेक भार्गव द्वारा सभी संतों को चरण वंदन करते हुए कहा कि भगवत कृपा से अकल्पनीय महोत्सव और संत दर्शन का आयोजन हुआ है।बड़े से बड़े आयोजन आप संतों की उपस्थिति में करेंगे।वृन्दावन में गढ़ाकोटा रसिक धाम की पहचान बनी हैं यह साक्षात बिहारी जी की कृपा है।हम यह वार्षिक आयोजन भव्य रूप से करेंगे।बस अनुरोध यही है गुरुदेव की आपका स्नेह और आशीर्वाद मिलना चाहिए।यह आयोजन न केवल भार्गव परिवार के कारण सम्भव हुआ है अपितु समस्त रहली क्षेत्र के प्रत्येक जनमानस के भाग्य से पूर्ण हो सका है।समस्त विभागीय सहयोगी,अधिकारी,पुलिस प्रशासन,मेरे सभी अनन्य सहपाठी साथियों एवं समस्त नगरवासियों,सन्त समाज, महन्त,मंडलेश्वर आदि का आभार जताया।
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