श्री जानकी रमण मंदिर की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया महंत ने
▪️मेरा व मेरे परिवार का मंदिर की जमीन से कोई लेना देना : हीरा सिंह राजपूत, जिंप अध्यक्ष
सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के श्री जानकी रमण मंदिर स्थित ग्राम बरखेड़ा महंत की जमीन को खुर्दबुर्द करने का आरोप मंदिर के प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत, हीरासिंह पर लगाया है। दूसरी तरफ इस मामले को जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह ने निराधार बताया।
मंदिर के अयोध्या द्वारा नियुक्त किए गए प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने आज पत्रकारों को बताया कि मंदिर की बरखेड़ा महंत एवं ग्राम चकेरी में जमीन है। पूर्व में कुछ असमाजिक तत्वो द्वारा जमीन हड़पने का प्रयास किया गया था। बात न्यायालय तक पहुंची सिविल न्यायालय द्वारा आदेश किया गया कि जानकी रमण मंदिर बरखेरा यह मंदिर श्री वशिष्ट भवन आयोध्या धाम का हैं। न्यायालय आदेश ब्राह्मऋषि पूज्य 1008 श्री राम विलास वेदांती जी के नाम बर्षान्त नामांतरण रिकार्ड में पंजीबद्ध किया गया। जिसकी जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह राजबाहदुर सिंह को भी है।
उन्होंने बताया कि जानकी रमण मंदिर की चल एवं अचल संपत्ति एवं सिचाई परियोजना की धनराशि अधीग्रहित जमीन का मुआवजा है । उन्होंने आरोप लगाया कि सभी संपत्ति राशियों एवं जमीन को हड़पने का कार्य मंत्री गोविंद सिंह , एवं उनके भाई हीरासिंह जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है । एवं एसडीएम सपना त्रिपाठी. इनके दबाब में इनके अनुसार कार्य कर रही है एवं पुराने रिकाडों को विलोपित किया गया है । उनका नामातंरण का प्रकरण चल रहा है। यदि 26 जनवरी 2023 तक नहीं किया गया एवं संपत्ति एवं राशियों को इधर उधर करने पर रोक नहीं लगाई गई तो में जगदीश दास प्रबंधक जानकी रमण मंदिर बरखेडा महंत आत्महत्या कर लूंगा ।
मेरा और मेरे परिवार का किसी तरह का कब्जा नही : हीरासिंह राजपूत
इस मामले में जिला पंचायत हीरा सिंह राजपूत ने बताया कि ग्राम बरखेड़ा महंत में देव जानकी रमण मंदिर स्थित है। इसकी लगभग 125 एकड़ जमीन है। परंतु इतनी जमीन होने के बावजूद भी पूजा अर्चना नही हो पाती थी।इसको लेकर बरखेड़ा महंत और आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोगो द्वारा एक धर्म सभा का आयोजन किया गया था। जिसकी सूचना ग्रामवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और जैसींनगर पुलिस के मुझेभी दी गईथी। धर्मसभा की बैठक बरखेड़ा महंत प्रांगण में 11 जून 2021 को आयोजित की गई थी।
जिसमे आसपास के सभी जनप्रतिनिधि सहित 500 से अधिक ग्रामीणजन उपस्थित हुए थे। श्री राजपूत ने कहा कि धर्मसभा में मंदिर के रखरखाव एवं पारदर्शिता रखने के लिए सरकारी देखरेख में एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर एसडीओ राजस्व सागर द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया। जिसके द्वारा मंदिर और उसकी जमीन का कुशल संचालन एवं जमीन से आने वाले आय-व्यय का हिसाब तथा रखरखाव किया जा रहा है। इसका मौके पर जाकर प्रशासनिक तंत्र ,जनप्रतिनिधि सहित आमजन मुआयना कर सकते है।
मेरे या मेरे परिवार का किसी भी तरह से मंदिर की जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं है और किसी तरह से लेना देना नही है। इस तरह के सभी आरोप निराधार मन गढं़त है। राजनीतिक द्वेष के चलते लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं यह लोग सुर्खी में होने वाले विकास से इतना परेशान हो गए हैं कि कुछ भी मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं लेकिन जनता सब जानती है।
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