भक्ति, ज्ञान ,वैराग्य और त्याग का मिश्रण है श्रीमद् भागवत कथा : पंडित श्री रसराज दास महाराज
सागर। पुलिस लाइन स्थित श्री राम मंदिर प्रांगण में गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा में मुख्य यजमान सत्यवती संगम लाल पांडे सहित बड़ी संख्या में सिर पर कलश धारण किए हुए महिलाएं चल रही थी। प्रथम दिवस मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज के शिष्य कथा व्यास पंडित रसराज दास जी महाराज ने भागवत कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भक्ति ज्ञान वैराग्य और त्याग का मिश्रण है श्रीमद् भागवत कथा। उन्होंने प्रथम स्कंध के श्लोक का वर्णन करते हुए श्री भागवत कथा का महत्व बताया और कहा कि
भगवान शांतचित्त आनंद स्वरुप है जो पहले भी थे आज भी है और आगे भी रहेंगे जिनका कभी विनाश नहीं होगा। मनुष्य का शरीर नाशवान है जो पल पल बदलता रहता है 15 बर्ष पहले हम जैसे थे लेकिन आज वैसे नहीं रहे और जो आज है आगे वैसे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान् और गुरु के प्रति शरणागति होना बहुत जरुरी है बिना शरणागति के भगवान् और गुरु की कृपा प्राप्त नहीं होती।
यदि हमें शांति चाहिए तो सत्संग करना होगा। सत्संग के आलावा संसार में कहीं शांति नहीं मिलेगी। शुक्रवार को कथा दोपहर 1 बजे से होगी। पत्रकार देवदत्त दुबे, दिनेश दुबे ने श्रद्धालुओं से कथा श्रवण कर पुण्य लाभ लेने की अपील की है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें