नाट्य समारोह के दूसरे दिन हुई नाटक 'ययाति' की प्रस्तुति
सागर / अन्वेषण थिएटर ग्रुप के 30 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रवीन्द्र भवन में जारी तीन दिवसीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन 26 दिसंबर की शाम गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित नाटक 'ययाति' की प्रस्तुति दी गई नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी बालेंद्र सिंह ने किया। ये नाटक हम थिएटर ग्रुप भोपाल के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित मेयर संगीता तिवारी ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। ययाति नाटक के विषय में बात की जाए तो हर व्यक्ति जैसे दुख और द्वंद का एक भंवर है और फिर वह भंवर एक नदी का हिस्सा भी है, और यह हिस्सा होना भी पुनः एक दुख और द्वंद्व को जन्म देता है। इसी तरह एक श्रंखला बनती जाती है जिसका अंत व्यक्ति की उस आर्त्त पुकार पर होता है कि भगवान, इसका अर्थ क्या है ? ययाति नाटक के सारे पात्र इस श्रंखला को अपनी-अपनी इच्छाओं-आकांक्षाओं से प्रेरित-पीड़ित इस तरह हम जीवन का निर्माण करते हैं राजा ययाति की यौवन लिप्सा, योगिता देवयानी और चित्रलेखा की प्रेमाकांक्षा, असुरकन्या शर्मिष्ठा का आत्मपीड़न और दमित इच्छाएं और पुरु का सस्ता और शक्ति-विरोधी अकिंचन भाव-यह सब मिलकर जीवन की ही तरह इस नाटक को बनाते हैं, जो जीवन की ही तरह हमें अपनी अकुंठ प्रवाहमयता से छूता है। गिरीश कर्नाड का यह नाटक पौराणिक कथाभूमि के माध्यम से जीवन की शाश्वत छटपटाहट को संकेतित करते हुए अपने सिद्ध शिल्प में एक अविस्मरणीय नाट्यानुभव की रचना करता है। सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों ने गंभीर विमर्श पर आधारित इस नाटक का भरपूर और शांतिपूर्वक आनंद लिया। नाटक में मंच पर देवयानी की भूमिका में आरती यादव, स्वर्णलता के किरदार में खुशबू चौबितकर, शर्मिष्ठा के रोल में जूलीप्रिया, ययाति की भूमिका में योगेश तिवारी, पुरू की भूमिका में आदित्य तिवारी और चित्रलेखा के किरदार में समृद्धि असाटी ने अभिनय किया। मंचपरे की ज़िम्मेदारियों में व्यवस्थापक के रूप में सोनू साहा व मुकेश पाचौड़े, वेशभूषा और प्रॉपर्टी के लिए अशी सिंह और सोनू साहा, सहायक के रूप में कंचन, अनिकेत और अंकित ने, संगीत में मोररिस लाज़रस ने, संचालन में अनिकेत राज अवस्थी ने, सहनिर्देशन में अशमी सिंह ने, अनुवाद बी.आर. नारायण आदि ने अपने कार्य किये।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं संस्कृति संचालनालय भोपाल के सहयोग से आयोजित इस तीन दिवसीय नाट्य उत्सव के अंतिम दिन यानी 27 तारीख को अन्वेषण थिएटर ग्रुप का स्थापना दिवस भी है वह 30 वर्ष पूर्ण कर 31 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है अतः इस दिन नाटक 'सुदामा के चावल' की प्रस्तुति के अलावा 30 दीपों का प्रज्जवलन साथ ही लोक संस्कृति व साहित्य मनीषी पद्मश्री कपिल तिवारी का वक्तव्य भी होगा। अन्वेषण थिएटर ग्रुप की ओर से सागर नगर के सभी दर्शकों से अधिक अधिक संख्या में उपस्थित होकर नाटक देखने और स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।
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