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भागवत जी भी एक दर्पण है जिसमें हम अपना जीवन देखकर सुधार सकते हैं- पं रसराजदास महाराज


भागवत जी भी एक दर्पण है जिसमें हम अपना जीवन देखकर सुधार सकते हैं- पं रसराजदास महाराज


सागर.  पुलिस लाइन स्थित श्रीराम मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस  कथा व्यास श्री रसराज दास महाराज ने कहा कि भगवान की सभी कथायें मंगलमय होती हैं।  कथा एक दर्पण है और दर्पण में झूठ नहीं दिखता, जो होता है वही दिखता है। उन्होंने कहा कि भागवत जी भी एक दर्पण है जिसमें हम अपने जीवन को देखकर इसमें जो भी गड़बड़ है, उसे सुधार सकते हैं। शनिवार को कथा में सागर विधायक शैलेंद्र जैन पहुंचे और व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया। विधायक ने कहा कि संतों के कारण नई पीढ़ी संस्कृति से जुड़ रही है। यह अच्छी बात है। विधायक ने हनुमानजी मंदिर के लिए 3.50 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस मौके पर पार्षद शिवशंकर यादव व दिनेश दुबे ने उनका स्वागत किया।
 संगीतमय कथा में महाराज ने कहा कि दो बातों को जीवन में नहीं भूलना चाहिए।  एक मौत और दूसरा भगवान को। मनुष्य तन केवल खाने पीने और सोने के लिए नहीं मिला है।  भगवान् के भजन के लिए मिला है l हम सभी को जिज्ञासु होना चाहिए,आज जिज्ञासु लोग कम हैं । कोई भी संत मिल जाए तो हमें उनसे अपने कल्याण के बारे में पूछना चाहिए।  
उन्होंने कहा कि भागवत में शुकदेव जी महाराज कहते हैं कि आज लोगों को अपने कल्याण की चिंता नहीं है। उनका ज्यादातर समय खाने और सोने में जा रहा है।  भगवान् के भजन के लिए समय नहीं निकाल पा रहे । अगर हम सभी को पता हो जाए कि हमारी मौत कुछ ही पल में होनी है तो हम भयभीत हो जायेंगे और मौत के भय से भजन करने लग जायेंगे। भय से भजन नहीं होता है।  भजन की कुछ मर्यादा है। उन्होंने कहा कि  हमारी संगति अच्छी होनी चाहिए।  हमारा भोजन और पहनावा सात्विक तथा वेशभूषा अच्छी होनी चाहिए।  अपनी इन्द्रियों को जीत लो। इन्द्रियों को भोग में न लगाकर भगवान् के भजन में लगाओ तभी जीवन की सार्थकता है।


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