पाँच दिवसीय हार्टफुलनेस कार्यशाला का समापन
सागर । योग शिक्षा विभाग एवं हार्टफुलनेस संस्था की पाँच दिवसीय कार्यशाला का समापन प्रो. आस्मिता गजभिए की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। प्रो. आस्मिता गजभिए ने कहा कि हार्टफुलनेस तकनीक से ध्यान का अर्थ है हृदय की गहराई में जाकर एकाग्रचित होना । योग में प्रचलित विभिन्न ध्यान की पद्धतियों में हार्टफुलनेस आधुनिक काल में योग में नवाचार है। इस पद्धति को भविष्य में संस्था द्वारा विश्वविद्यालय के योग विभाग से समझौता ज्ञापन कर इसे कौशल विकास पाठयक्रम के अंतर्गत शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रार्थना से आत्म कल्याण और विश्व कल्याण संभव- सचिन दुबे
हार्टफुलनेस ट्रेनर सचिन दुबे ने कहा कि पृथ्वी तत्त्व में जो ऊर्जा का प्रवाह है उसे हम अपने शरीर के प्रत्येक अंग में धारण करते हुए अपने शरीर में नव प्राण का संचार करते हैं। इसके पश्चात एक प्रार्थना के माध्यम से हम आत्म कल्याण और विश्व कल्याण की भावना का प्रसार करते हैं। इससे वातावरण सकारात्मकता अनुभव करने लगते हैं जो धीरे-धीरे हमारी जीवनचर्या को व्यवस्थित बनाती जाती है।
हार्टफुलनेस ध्यान पद्वति समग्र विकास में सहायक प्रो. गणेश शंकर गिरी -
योग शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. गणेश शंकर गिरी ने कहा कि योग में आई जागरूकता ने इस विषय को अनेक नई नई तकनीक और नामों से परिचित कराया है। हार्टफुलनेस उसी प्रकार की एक नवीन ध्यान पद्धति है जो व्यक्ति के समग्र विकास के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध हो रही है। इस तकनीक के माध्यम से हम सभी अपने प्रति जागरूक होने का अवसर प्राप्त हुआ है जो हमारे जीवन का मार्ग करेगी। योग का सामान्य अर्थ ही जोड़ना है समन्वय है। हम इसी समन्वय और सहयोग की भावना से ऐसे सभी योग के अध्येताओं और संस्थाओं को विभागीय विद्यार्थीयों के मार्गदर्शन हेतु इन कार्यशालाओं का आयोजन करते रहते है ताकि सभी को ज्ञानवर्धन हो ।
आत्म निरीक्षण द्वारा सम्पूर्ण व्यक्तित्व का संयोजन संभव - डॉ. नितिन कोरपाल
डॉ. नितिन कोरपाल कहा कि योग अत्यंत गूढ़ और गहराई वाला विषय का संयोजन केवल उपाधी अर्जित करा सकता है वास्तविक ज्ञान तो विषय की अनुभूति और इसे अपनाने से प्राप्त अनुभवों से हमें मिलता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त होने पर व्यक्ति आत्म निरीक्षण द्वारा स्वयं का आत्म विश्लेषण कर अपने अंदर अपरोधों को आत्म परिष्कार द्वारा शोधन कर आत्म विकास माध्यम से अपने सम्पूर्ण व्यक्तित्व का संयोजन करता है और यही योग का मुख्य लक्ष्य है। व्यक्तिव का समग्र विकास
प्रारम्भ में योगासन, प्राणायाम एवं योगिक प्रार्थनों का सामुहिक अभ्यास हुआ। स्नातक स्तर के विद्यार्थीयों ने शानदार योग प्रदर्शन किया। मिस प्राज्ञा साव के निर्देशन में मिस निहारिका ठाकुर एवं मिस मानसी मिश्रा द्वारा कृष्ण वन्दना पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। मिस कृतज्ञा द्वारा हार्टफुलनेस पर एव कविता वाचन हुआ। सत्र का संचालन कृतज्ञा ठाकुर ने तथा आभार ज्ञापन डा० अरूण साव ने माना। हार्टफुलनेस के ट्रेनर श्री आर. के यादव, राजेन्द्र घोष, श्री संदीप शॉडिल्य, डॉ. नितिन कोरपाल, प्रज्ञा साव सहित बहुत संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें