संयुक्त राष्ट्र संघ बैठक में विचार समिति ने गोबर के इस्तेमाल से पर्यावरण का संरक्षण पर दी प्रस्तुति
सगर। विचार समिति अब अंतर्राष्ट्रीय संस्था बन चुकी है। हाल ही में बैंकाक में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में विचार समिति की सचिव आकांक्षा मलैया ने भाग लिया। इसको लेकर आकांक्षा मलैया ने आज मिडिया को बताया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के महत्वपूर्ण सत्रों में से एशिया-प्रशांत क्षेत्र जलवायु फाइनेंस राउंड टेबल में वक्ता की भूमिका निभाई। बैठक में स्वच्छ ऊर्जा निवेश, हरित जलवायु कोष और सीओपी 27 में निवेश से संबंधित प्रमुख चर्चाएं हुईं। जिसमें आकांक्षा ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पर अपने विचार रखते हुए कहा कि फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं स्टॉक मार्केट के जरिए से ग्रीन एनर्जी में इन्वेस्टमेंट बढ़ाए जा सकते हैं। इस इन्वेस्टमेंट के माध्यम से क्लीन एनर्जी पर शोध बढ़ाया जा सकता है और विश्व वहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) की ओर कदम बढ़ा सकता है।
न्होंने बताया कि विचार संस्था गोबर के इस्तेमाल से लकड़ी और मिट्टी का संरक्षण करने का कार्य कर रही है। जिसमें संस्था द्वारा 7 लाख गोबर के दीए बनाकर 258 निर्धन महिलाओं को रोजगार प्रदान किया गया। इससे 250 गौ माताओं का संरक्षण हुआ और करीब 35 हजार किलो मिटटी के अपक्षरण को भी बचाया है। समिति यह संदेश देना चाहती है कि हमें ऐसी निर्माण सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए, जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो सके।
बेठक का आयोजन 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2022 तक किया गया। जिसका विषय एशिया और प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग और एकजुटता के माध्यम से हमारे ग्रह की रक्षा करना था। इस बैठक में थाइलैंड के प्रधानमंत्री और अलग-अलग देशों के मंत्री एवं प्रतिनिधि शामिल हुए। एलेक्स फाउंडेशन द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को बढ़ावा देने वाले 2 संस्थाओं की सदस्यों में विचार समिति को चयनित कर इस बैठक में आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने बताया की बिना सरकारी फंडिंग के संस्था कार्य कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रही है। इस मौके पर सुनीता जैन, लीगल एडवायजर अभिलाषा मोजूद रही।
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