श्री जानकी रमण मंदिर का मामला:
▪️15 साल से मंदिर में ठीक ढंग से पूजा भी नही होती थी: ग्राम वासी
▪️सुरखी के विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं कुछ लोग: हीरासिंह, जिंप अध्यक्ष
सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के बरखेड़ा महंत स्थित श्री जानकी रमण मंदिर के जमीन के संचालन और रखरखाव को लेकर अब गांववासी और कमेटी के सदस्य सामने आए है। इसकी जमीन के वारिसान को लेकर प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने राजस्व मंत्री और उनके भाई हीरासिंह पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। कमेटी के सदस्यों के अनुसार लंबे समय से मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना नही हो रही थी। उसकी जमीन को भी खुर्दबुर्द किया जा रहा था। इस वजह से सरकारी देखरेख में कमेटी बनाई गई थी। पिछले एक साल से विधिवत काम काज चल रहा है।जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने साधु के सभी आरोपों को निराधार व मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा कि न तो वे उक्त साधु को जानते हैं और न ही उनका और उनके परिवार का मंदिर की कोई जमीन से लेना-देना है। आज मिडिया से मंदिर कमेटी और क्षेत्र वासियों ने चर्चा की।v
मंदिर की जमीन से हमारा लेना-देना नहीं, हम मंदिर से लेने वालो में नही सेवा करने वालो में है: हीरासिंह
इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने कहा कि जो साधु आरोप लगा रहे हैं, मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं। रही बात मंदिर की जमीन की तो मंदिर की जमीन से मेरा और मेरे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। सभी आरोप निराधार है। यदि कोई बात है तो प्रशासन को जांच कराना चाहिए। जांच में जो भी दोषी पाया जाए उस पर कार्रवाई की जाए। मंदिर का काम मंदिर की कमेटी देखती हैे। राजनीतिक द्वेष के चलते कुछ लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। यह लोग सुरखी में होने वाले विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है। हमारा परिवार मंदिर की सेवा करने बना है। उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए नही है। हमारा प्रयास है कि धार्मिक स्थानों पर विधि विधान से हमेशा पूजा अर्चना होती रहे।
15 साल तक मंदिर में नहीं जला दीया
बरखेड़ा महंत निवासी और मंदिर कमेटी के सालकराम ने बताया कि मंदिर में पिछले 15 सालों से दीया तक नहीं जलाया गया था। उसकी जमीन को बेचने की कोशिश होती रही। पूरे मंदिर में गंदगी फैली हुई थी। गांव और क्षेत्र के लोग परेशान थे। दो ट्राली कचरा निकला। मंंत्री और प्रशासन को मामले से अवगत कराया। जिसके बाद मंदिर की कमेटी बनाई गई। कमेटी में 10 गांव के लोगों को शामिल किया गया है। जिसके बाद मंदिर में साफ-सफाई और निर्माण शुरू कराया गया। मंदिर में पूजा-आरती शुरू की गई है। आरोप लगाने वाले जगदीश दास न तो कभी गांव में रहे हैं और न ही किसी ने उन्हें देखा है। वर्तमान में मंदिर क्षेत्र में जीर्णोधार भी कराया जा रहा है।
यहां बता दे जानकी रमण मंदिर के प्रबंधक जगदीश दास ने आरोप लगाया था कि मंदिर की संपत्ति व जमीन को हड़पने का कार्य मंत्री गोविंद सिंह, उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत कर रहे हैं। यदि 26 जनवरी तक नामांतरण नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
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