पश्चिम क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालयी महिला खो-खो प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

पश्चिम क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालयी महिला खो-खो प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ


सागर. 07 नवम्बर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में पश्चिम क्षेत्र अंतर-विश्वविद्यालय महिला खो-खो प्रतियोगिता का उदघाटन समारोह 07 नवम्बर को प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के अब्दुल गनी खान स्टेडियम में हुआ. उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि ख्यातिलब्ध ओलिम्पिक खिलाड़ी एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित श्री अशोक कुमार ध्यानचंद थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की

खेल में जीत-हार होती रहती है लेकिन खेल भावना का होना बहुत जरूरी है- अशोक ध्यानचंद 

मुख्य अतिथि अशोक ध्यानचंद ने सभी प्रतिभागियों, विश्वविद्यालय और कुलपति महोदया के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि खेल प्रतियोगिता हमारे शारीरिक बल को ऊर्जा देती हैं। उन्होंने कहा कि हम दिन प्रतिदिन अपने आप को ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। खेल एक तप है जिसमे जुनून, पागलपन और हद तक जाने की क्षमता होती है। 


उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मुझे मेरे घर से खेलने के लिए अनुमति ना होने के बावजूद भी मेरे अंदर ओलयम्पियन बनने की चाहत थी। मैंने हॉकी ऑब्जर्व करके, बड़े खिलाड़ियों को देख कर सीखा। बीकॉम के फाइनल ईयर का एग्जाम छोड़ कर कलकत्ता क्लब का प्रस्ताव स्वीकार किया। उसी निर्णय के परिणाम स्वरूप मैं आपके समक्ष उपस्थित हूँ। आप सभी भी उसी ऊर्जा के साथ खेलें कि भविष्य में आप भी अपने खेल से देश के लिए मेडल लेकर आयें। खेल में कोई भी जीते-हारे, कोई भी टीम किसी से कमज़ोर नहीं है। 


भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़ा खेल है खो-खो- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता 


अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने सभी खिलाड़ियों और टीमों को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां 69 विश्वविद्यालयों की छात्रायें खेलने के लियी उपस्थित हैं. यह महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि ध्यानचंद जी को यहाँ आमंत्रित करने का उद्देश्य यह है कि आपको एक संदेश और प्रेरणा मिले और आप जान सकें कि खिलाड़ी कैसे होते हैं और विषम परिस्थितियों में भी क्या-क्या हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि खो-खो भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ खेल है. आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा की बात की जा रही है. अध्ययन के साथ खेल का भी जुड़ाव है क्योंकि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. इस खेल के माध्यम से हम स्वास्थ्य के साथ साथ भारतीय परंपरा को भी मजबूती प्रदान कर रहे हैं. भारत में खो-खो खेल दूसरे स्थान पर है। यह आयोजन चुनकर हमारा विश्वविद्यालय भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के कार्य में सहभागी बना है. 

उन्होंने कहा कि हमें खेल भावना को अपनाना चाहिए। खेल में एक अलग लगन, उत्साह होता है जो जीत की ललक बढ़ाता है। खिलाड़ी का व्यक्तित्व ही अलग होता है। जीत सिर्फ मैडल प्राप्त करना नहीं होता बल्कि प्रतिभागिता करना ही जीत होती है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों, टीम मैनेजर और कोच के साथ भारतीय विश्वविद्यालय संघ के प्रति आभार ज्ञापित किया। 

बैंड की धुन के साथ खिलाड़ियों ने किया मार्च-पास्ट, रंग-बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़े गये 

उपस्थित टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपने विश्वविद्यालय के ध्वज के साथ बैंड की धुन पर मार्च-पास्ट किया और सलामी दी. वात्सल्य स्कूल सागर के बच्चों ने बैंड के धुनों का भी प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय टीम की कैप्टन ने सभी खिलाड़ियों को शपथ दिलाई. मुख्य अतिथि और कुलपति ने रंग-बिरंगे गुब्बारों को हवा में छोड़कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया. विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक विभाग द्वारा खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति दी गई. 
कार्यक्रम का संचालन विभाग की सहायक निदेशक डॉ सुमन पटेल ने किया. निदेशक उतसव आनंद ने चार दिवसीय आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की. मुख्य अतिथि का परिचय कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने दिया और अशोक ध्यानचंद जी के खेल जीवन से जुडी कई ऐतिहासिक घटनाओं को भी साझा किया. आभार महेंद्र बाथम ने ज्ञापित किया.



पश्चिम क्षेत्रीय अंतर वि वि खो खो (म) प्रतियोगिता मे आज खेले गए मैच -

सौराष्ट्र वि वि राजकोट v/s विक्रम वि वि उज्जैन के बीच खेला गया जिसमे  सौराष्ट्र वि वि विजयी रही ।

सरदार पटेल वि वि बल्ल्भ विद्यानगर गुजरात v/s एस एन् डी टी मुंबई जिसमे एस एन डी टी विजयी रही।

पुण्यश्लोक होलकर सोलापुर v/s कोटा वि वि के बीच हुआ जिसमे पुण्यश्लोक विजयी रही ।
राष्ट्र संत तुकोजी महाराज नागपुर v/s गुजरात वि वि नव रंगपुरा के बींच ।
जिसमे नवरंगपुरा विजयी ।

एच एन जी वि वि पाटन v/s एस आर टी एम नांदेड़ के बीच ।
जिसमे पाटन विजयी हुआ ।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय सिखावती वि वि सीकर v/s आई आई टी ई गांधीनगर के बींच  हुआ जिसमे सीकर विजयी ।

देवी अहिल्या वि वि इंदौर v/s गोडवाना वि वि गडचिरोली के बींच खेला गया ।
जिसमे गडचोरोली विजयी हुआ ।

एम इस एस यू उदयपुर  v/s एम एस यू बरोड़ा गुजरात के बीच खेला गया जिसमे बरोड़ा विजयी हुई ।

एम डी एस वि वि अजमेर v/s इंदिरा गांधी नेशनल वि वि अमरकंतक के बींच हुआ जिसमे अजमेर विनयी हुई ।

पारुल वि वि गुजरात v/s आर डी व्ही व्ही जबलपुर के बींच खेला गया जिसमे जबलपुर् विजयी हुआ ।

गुजरात विद्यापींठ अहमदाबाद v/s छिंदवाड़ा वि वि के बींच खेला गया जिसमे छिंदवाड़ा विजयी हुआ ।

श्री गोविंद गुरु वि खो गुजरात v/s संत गाडगेबाबा अमरावती के बिच खेला गया जिसमे अमरावती विजयी हुई ।

सावित्री बाई फुले वि वि पुणे v/s भक्त कवि नरसिंह मेहता वि वि जूनागढ़ के बींच हुआ जिसमे पुणे बिजयी रही ।


एम के वी  वि वी गुजरात v/s कच्छ वि वि गुजरात के बींच खेला गया जिसमे एम के वी विजयी रही ।

जीवाजी वि वि ग्वालियर v/s यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान जयपुर के बींच खेला गया जिसमे राजस्थान ऑफ जयपुर विजयी रही ।

कड़ीसर्वा वि वि गांधीनगर v/s कवयित्री बीना बाई जळगाँव के बींच खेला गया जिसमे जळगाँव विजयी रही और अगले राऊंड मे प्रवेश किया ।
                    

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