तबला वादन से हुआ गौर गौरव उत्सव का आगाज़
सागर। डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के स्वर्ण जयंती सभागार में शुक्रवार 18 नवंबर को तबला वादन प्रतियोगिता के साथ 9 दिवसीय गौर गौरव उत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि , प्रभारी कुलपति प्रो. पी.के. कठल, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ए. डी. शर्मा , प्रो. आशीष वर्मा एवं कुलानुशासक प्रो. चंदा बेन की उपस्थिति में हुआ।
सर्वप्रथम तबला वादन प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल द्वारा डॉ गौर एवम सरस्वती पूजन तथा माल्यार्पण के उपरांत प्रतियोगिता आरंभ हुई। निर्णायक मंडल में डॉ. राहुल स्वर्णकार, शैलेंद्र सिंह राजपूत ,एवम पार्थो घोष थे। प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागियों ने अपनी सराहनीय प्रस्तुति दी।
इसके पश्चात मूक अभिनय प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के रूप में रोहित रजक,शुभांगिनी श्रीवास, एवम बालमुकुंद अहिरवार जी उपस्थित रहे। मूकाभिनय में प्रतिभागियों द्वारा बिना किसी संवाद के विचारों की अभिव्यक्ति का शानदार प्रदर्शन किया गया।
इसके साथ ही विवि के कणाद भवन में प्रश्नमंच प्रतियोगिता भी संपन्न हुई जिसमें बुंदेलखंड की विरासत से संबंधित प्रश्न पूछे गए। प्रतियोगिता में डॉ. पंकज सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इसके उपरांत बहुप्रतीक्षित विधा एकल गायन के प्रतिभागियों ने गौर गौरव उत्सव के अफसाने को बरकरार रखते हुए दर्शकों और निर्णायकों को अपनी प्रस्तुति से प्रभावित किया। गायन विधा में डॉ अवधेश तोमर, पार्थो घोष एवम यश गोपाल श्रीवास्तव ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतिभागियों की प्रस्तुति का मूल्यांकन गीत चयन, प्रस्तुति शैली, स्वर, ताल , मंचीय प्रभाव एवम उपरोक्त समस्त बिंदुओं में प्रतिभागी के समन्वयन क्षमता के आधार पर किया गया। मंच पार्श्व के कलाकारों में संगीत विभाग के छात्र रहे।
गौर गौरव उत्सव के पहले दिवस की प्रतियोगिताओं एवम प्रस्तुतियों ने आयोजन को एक अलग उत्साह प्रदान किया जिसके अनुरूप प्रथम दिवस का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस आयोजन के द्वितीय दिवस में आज दिनांक 19 नवंबर शनिवार को स्वर्ण जयंती सभागार में 12 बजे से एकल एवम समूह नृत्यों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
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