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आचार्य पदारोहण महोत्सव, पिच्छिका परिवर्तन समारोह : सागर जैन समाज ने किया मंत्री भूपेंद्र सिंह का नागरिक अभिनंदन▪️ज्ञान का महत्व चरित्र की दृढ़ता के साथ ही है : मंत्री भूपेंद्र सिंह

आचार्य पदारोहण महोत्सव, पिच्छिका परिवर्तन समारोह : सागर जैन समाज ने किया मंत्री भूपेंद्र सिंह का नागरिक अभिनंदन
▪️ज्ञान का महत्व चरित्र की दृढ़ता के साथ ही है : मंत्री भूपेंद्र सिंह


सागर। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आचार्य पद पर आसीन होने के 50 वें वर्ष पर आयोजित पिच्छिका परिवर्तन समारोह के अवसर पर सागर की सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का नागरिक अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने आचार्य श्री की शिष्या आर्यिका रत्न दृढ़मति माता जी के आशीर्वचनों को सुना।
मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भारतीय संस्कृति के उन्नायक और ध्वजवाहक हैं। हम सभी इतिहास के उन सौभाग्यशाली लोगों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी आंखों से आचार्य श्री को देखा और सुना है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आचार्य श्री की काव्य पुस्तक मूकमाटी उनके व्यक्तिगत संग्रह में है और वे अपने जीवन में आचार्य श्री की शिक्षाओं का पालन करने का प्रयास करते हैं।   

     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से खुरई में 3 करोड़ रुपए की लागत से ऐसी गौशाला बनवाने का काम शुरू किया है जिसमें दो हजार गौवंश सुख पूर्वक रह सकता है। लगातार सात वर्षों से गौशाला को सक्रिय आर्थिक सहयोग उनकी ओर से हो रहा है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आचार्य श्री के नाम से अहिंसा चौक, चार एकड़ भूमि में पार्क, धर्मशाला बनवाने का काम खुरई में आरंभ किया है। 

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जैन साधु साध्वियों की पिच्छिका संयम और अहिंसा की प्रतीक होती है जिससे असंख्य जीवों की रक्षा होती है। पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम में ऐसी पवित्र और ऊर्जा से भरी पिच्छिकाएं भाग्यशाली परिवारों को प्राप्त होती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि उनके मन, वचन और कर्म से किसी को भी दुख नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि  ज्ञान के साथ यदि चरित्र की भी दृढ़ता हो तभी ज्ञान का मूल्य होता है अन्यथा चरित्र के अभाव में रावण जैसे ज्ञानी को भी अपयश ही हाथ लगता है।  यह शिक्षा जैन दर्शन से ही मिलती है।पुण्य कर्मों से ही पुण्य की प्राप्ति हो सकती है दूसरा कोई रास्ता नहीं है। 

कार्यक्रम के आरंभ में मंत्री श्री सिंह ने श्रीफल भेंट कर आर्यिका रत्न दृढ़मति माता जी से आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात समाज की ओर से मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह की उपलब्धियों का वाचन करते हुए पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन अवार्ड, श्रीमहाकाल लोक लोकार्पण और सिंहस्थ के सफल आयोजनों, नगरों के चहुंमुखी विकास के लिए आचार्य श्री के परम भक्त मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का नागरिक अभिनंदन किया गया।  मंत्री श्री सिंह ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ताराचंद जैन और माता जी के गृहस्थ आश्रम के पिता श्री गुलाब चंद पटना का शाल श्रीफल से सम्मान किया। 
कार्यक्रम में विधायक शैलेन्द्र जैन, महापौर संगीता सुशील तिवारी, महापौर प्रतिनिधि डा सुशील तिवारी, पूर्व विधायक श्रीमती सुधा जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन, निधि जैन निगम परिषद अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, स्वदेश जैन गुड्डू का सम्मान किया गया। इस मौके पर महेश बिलहरा, नेवी जैन, संतोष जैन घड़ी, सुरेन्द्र जैन मालथौन, प्रमोद जैन वारदाना, लक्ष्मण सिंह, जगन्नाथ गुरैया, मुकेश जैन ढाना, श्रीकांत जैन सहित सैकड़ों जैन श्रद्धालु उपस्थित थे।


शोभायात्रा निकाली
 मंगल दिवस के प्रातः काल मे आर्यिका संघ के सानिध्य में आचार्य भगवन के जीवन पर आधारित झांकियों घोड़े बग्घी, ढोल नगाड़ों, बैंड बाजा के साथ  उदासीन आश्रम से श्रीजी की शोभायात्रा निकाली गई। जो बड़ा बाजार, तीनबत्ती, बाहुबली कॉलोनी, वर्णी कॉलोनी होते नाचते गाते झूमते नृत्य करते हुए म्युनिसिपल स्कूल के बाहर बने पंडाल में श्रीजी के अभिषेक पूजन के साथ सम्पन्न हुई ।
आर्यिका दृढ़मति माताजीकी पुरानी पिच्छिका सर्वतोभद्र जिनालय के ट्रस्टी श्री प्रदीप जैन पड़ा- श्रीमती ज्योति जैन को मिली।

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