Sagar: स्मार्ट सिटी की लापरवाही, सरियों से भरा नाला खुला छोड़ा, डॉक्टर बाइक समेत समा गया , 25 टांके आए पेट में
सागर। स्मार्ट सिटी कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही से एक डॉक्टर मौत के मुंह में पहुंच गया। तिली मार्ग पर निर्माणाधीन नाले और उसमें से निकले सरियों के जाल को खुला छोड़ दिया गया। रात करीब 3 बजे बीएमसी के डॉक्टर बस स्टैंड जा रहे थे, अंधेरे के कारण गड्ढा समझ नहीं आया और बाइक समेत सरियों के जाल पर गिर पड़े, सरिय उनके पेट में घुस गया, हाथ की एक अंगुली कट गई, सिर में भी चोट लगी।
Smart City Sagar बीच सड़क पर मौत का कुंआ, मप्र के सागर में स्मार्ट सिटी कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही के कारण तिली मार्ग पर ग्रेविटी होटल के सामने आधे बने नाले को खुला छोड़ दिया है। जमीन से सरियों का पूरा जाल ऊपर तक तरफ निकला है। बुधवार देर रात बीएमसी से ड्यूटी समाप्त करने के बाद एक डॉक्टर किसी काम से जा रहे थे, बीच सड़क पर मुंह बाये खड़े इस मौत के गड्ढे में वे बाइक सहित समा गए। गनीमत रही कि राह से गुजरते किसी शख्स ने देख लिया और बीएमसी में सूचना दी गई। डॉक्टर के पेट में 25 टांके आए हैं, सिर, हिप्स पैर में भी टांके लगे हैं। हाथ की एक अंगुली कट गई है।
डॉक्टर ने बताया पता ही नहीं चला एक पल में गड़डे में समा गए
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बतौर एसआर पदस्थ डॉक्टर राजेश मीणा रात में बस स्टैंड जा रहे थे, वे अपनी बाइक पर थे, जिला अस्पताल से बस स्टेंड की तरफ ग्रेविटी होटल के सामने सड़क पर स्मार्ट सिटी कंपनी कई महीनों से नाला बना रही है। कंपनी ने आधे नाले को बनाकर आधी सड़क को खुला छोड़ दिया है। सड़क पर कोई बेरिकेट्स या अवरोधक न होने से समझ ही नहीं आया कि सड़क पर मौत मुंह बाये खड़ी है। डॉ. राजेश की बाइक अचानक इस 30 मीटर चौड़े और करीब 20 फीट गहरे नाले में बाइक समेत गिर गए। पूरे नाल में जमीन से लेकर ऊपर तक सरियों का जाल बिछा हुआ है, वे सीधे सरियों पर गिरे और एक सरिया उनका पेट चीरता नीचे से ऊपर की तरफ घुस गया। कई सरिया शरीर में जहां तहां फंस गए। अचानक हुए हादसे के कुछ समय तक वे दर्द का अहसास तक नहीं कर सके। बाद में राह से गुजरते लोगों ने नाले के अंदर से गाड़ी के इंडीकेटर की लाइट और आवाज सुनकर नीचे देख तो दंग रह गए। नाम पता पूछा तो एक व्यक्ति बीएमसी के लोगों को जानता था, उसने करीब सवा तीन बजे फोन लगाकर सूचना दी, डायल 100 को बुलाया।
सरियों के बीच उफनते नाले के अंदर उतरकर डॉक्टर को बाहर निकाला
बीएमसी में हाइट्स कंपनी के सुपरवाइजर नीतेश सोनू चुटिले ने बताया कि रात सवा 3 बजे फोन आया तो उन्होंने तत्काल अपने स्टाफ को सूचना दी। 10 से 15 मिनट में दर्जनभर से अधिक लोग बीएमसी की एंबूलेंस लेकर घटना स्थल पर पहुंच गए थे। उनके सुरक्षाकर्मियों व अन्य स्टाफ ने नाले में उतरकर डॉ. राजेश मीणा को सरियों के बीच से हाथों-हाथ उठाकर बाहर निकाला और बीएमसी लेकर पहुंचे थे। यहां तत्काल उपचार के बाद ओटी में डॉ. के पेट में करीब 25 टांके आए हैं। एक हाथ की अंगुली कट गई है। सिर में भी टांके लगे हैं। भगवान का शुक्र है इतना खतरनाक हादसा होने के बाद उनकी जान बच गई।
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