जनसंत विरंजनसागर जी के सानिध्य में चिकित्सक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित
चिकित्सक पानी के रोगों को ठीक करता है, और संत मन के रोगों को ठीक करते हैं। चिकित्सक नाड़ी पकड़ते हैं और संत जिनवाणी पकड़ते हैं। यदि नाडी और जिनवाणी मिल जाए तो राष्ट्र का कल्याण हो सकता है। यह बात पूज्य जनसंत विरंजनसागर जी महाराज ने चिकित्सक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में गौराबाई दिगम्बर जैन मंदिर ने चिकित्सको को संबोधित करते हुए कही। ज्ञात है कि गौराबाई दिगम्बर जैन मंदिर कमेटी द्वारा मन्दिर परिसर में चिकित्सक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि विधायक शैलेंद्र जैन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत नगर विधायक एवं डॉक्टर अमिताभ जैन,डॉक्टर बी सी जैन द्वारा दीप प्रज्वलन करके की गई। इसके बाद अतिथि चिकित्सको ने अलग अलग विषयो पर व्याख्यान दिए। छाती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अखिलेश जैन द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। डॉ मनीष जैन द्वारा धर्म और आर्युवेद पर व्याख्यान दिया गया। डॉक्टर अरुण सराफ द्वारा जोड़ो के रोग और हड्डी में होने वाले दर्द पर व्याख्यान दिया गया। डॉ मधु जैन जी ने पोषण आहार से संबंधित व्याख्यान दिए। डॉक्टर अमिताभ जैन जी द्वारा बीमारियों से कैसे बचे और खानपान कैसा रखें इस पर अपने व्याख्यान दिए गए। नगर विधायक शैलेंद्र जैन जी ने कहा संतों के सानिध्य में चिकित्सकों का यह सम्मेलन अभूतपूर्व है। मैं सभी सम्मानीय चिकित्सक गणों का सम्मान करता हूं। चिकित्सा और आध्यात्म का यह मिलन निश्चित जन कल्याण करेगा। इसके बाद प्रवचन देते हुए छुल्लक विसौम्य सागर जी ने कहा कि जैन धर्म भाव प्रधान धर्म है। इलाज करते वक्त चिकित्सक की भावना स्वच्छ होनी चाहिए। औषधि के साथ विशुद्धि की भी जरूरत है। दवा और दुआ एक साथ काम करती है।
इसके बाद पूज्य जनसंत विरंजनसागर जी ने कहा कि परमेश्वर जीवन देता है पर चिकित्सक उसे जीवन को सुरक्षित करते हैं। कोरोना काल में संपूर्ण विश्व में इन चिकित्सकों का योगदान देख लिया। उन्होंने कहा डॉ रोग के बाद परहेज बताते हैं मैं रोग के पहले ही परहेज बताता हूं। उन्होंने संपूर्ण चिकित्सकों से अपील की कि वे सभी चिकित्सा के साथ सेवा और धर्म कार्यों से भी जुड़े रहें। गरीब जनों का कम से कम पैसों में इलाज करें। उन्होंने कहा आप धरती के दूसरे भगवान हैं एवं जन जन के सम्मानीय हैं। संत और चिकित्सक में ज्यादा अंतर नहीं होता दोनों लोगों को ठीक करते हैं। मुनि श्री ने यह भी कहा यदि तुम्हें रोग समझ ना आए तो मेरे पास भेज देना और मुझे रोग समझ में ना आया तो मैं तुम्हारे पास भेज दूंगा। उन्होंने कहा जल्दी ही एक प्रदेश स्तरीय चिकित्सक सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। इस संपूर्ण कार्यक्रम में मंदिर के अध्यक्ष संतोष जैन घड़ी,डाक्टर राजेश, डाक्टर महेंद्र, डॉ अखिलेष, डॉ अरुण सराफ, डॉ मनीष जैन, डॉक्टर संतोष, डॉक्टर सर्वेश, डॉ अनिल सिंघई, डॉ दिलीप जैन, डॉक्टर दिनेश जैन, एवं नगर के भारी संख्या में गणमान्य डॉक्टर उपस्थित रहे। कार्यक्रम सफल संचालन राकेश जैन चच्चा जी ने किया। विशेष सहयोगीयों में प्रदीप बिलहरा, संजय सवाई, गायक, रेशू जैन, आदि उपस्तिथ रहे। यह जानकारी चातुर्मास मीडिया प्रभारी कवि अखिल जैन ने प्रेस को प्रदान की
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