कर्मचारी ही विश्वविद्यालय की वास्तविक कार्य ऊर्जा हैं- प्रो. नीलिमा गुप्ता
◾अधिकारियो एवं कर्मचारियों के साथ कुलपति ने किया 'सीधा-संवाद
सागर, 19 अक्टूबर
डा० हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियो एवं कर्मचारियों के साथ कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के द्वारा 'सीधा-संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम ही शुरूआत विश्वविद्यालय के संस्थापक डा० हरीसिंह गौर एवम् वाकदेवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई ।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा ने सीधा-संवाद कार्यक्रम की आवश्यकता एवं इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि सक्षम प्राधिकारी के साथ अनौपचारिक संवाद एक नई प्रथा की शुरुआत है । इस मंच के माध्यम से कर्मचारी एवं अधिकारी अपने मन के उद्गार से सीधे कुलपति को अवगत करा सकते है.
इस संवाद कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, पुस्तकालय प्रभारी, निदेशक शारीरिक शिक्षा विभाग आदि के साथ विभिन्न कर्मचारियों के द्वारा अपने-अपने प्रभार एवम् सेक्शन की प्रगति एवम् समस्याओं के विषय में अवगत कराया गया ।
कार्यक्रम में अपने अभिभाषण में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय की वास्तविक ऊर्जा उसके कर्मचारी होते है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति में रिक्त पड़े हुए पद सबसे बड़ी बाधा है. कार्य के अत्यधिक दबाव के कारण कर्मचारियों को तनाव से भी गुजरना पड़ता है जिसका असर उनकी कार्य-कुशलता पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए अतिशीघ्र खाली पदों को भरा जायेगा.
मृतकों के आश्रितों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पिछले वर्षों से कर्मचारियों की रुकी हुई क्रमोन्नति, समय वेतनमान आदि विसंगतियों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जायेगा.
प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि सागर विश्वविद्यालय के कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक विश्वविद्यालय के विकास के प्रति समर्पित है. हमें एक परिवार की भांति एक प्रभार से दूसरे प्रभार, एक शाखा से दूसरी शाखा के बीच समन्वय और जवाबदेही के साथ कार्य सम्पादित करने की आवश्यकता है, ऐसा करके ही हम डॉक्टर गौर के सपनों को उत्कृष्ठता के आधार पर पूरा कर पाएंगे.
कार्यक्रम के अंत
कार्यक्रम का सफल सञ्चालन सह-पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. संजीव सर्राफ ने तथा सुश्री ए.लक्ष्मी ने आभार ज्ञापित किया.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें