डा गौर विश्वविद्यालय में डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र का शुभारम्भ

डा गौर विश्वविद्यालय में डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र का शुभारम्भ

सागर. डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार एवं अम्बेडकर फाउंडेशन के साथ एमओयू के तहत विश्वविद्यालय में स्थापित डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र का विधिवत शुभारम्भ हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध इतिहासविद एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य प्रो. श्याम बिहारी लाल, विशिष्ट अतिथि के रूप में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो आर. एस. वर्मा उपस्थित रहे. कार्यक्रम का अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की. कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों द्वारा डॉ अम्बेडकर, डॉ गौर और देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ.
केंद्र की समन्वयक प्रो. चन्दा बेन ने स्वागत वक्तव्य देते हुए इस केंद्र के अंतर्गत संचालित किये जाने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए यूपीएससी की नि:शुल्क कोचिंग के उद्देश्यों को बतलाया. सेन्टर की सदस्य डॉ अनुपमा सक्सेना ने डॉ अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र का परिचय प्रस्तुत करते हुए इसके उद्देश्यों एवं संरचना के सन्दर्भ में जानकारी दी.

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विवि में स्थापित डॉ अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र डॉ गौर और डॉ अम्बेडकर के साझा सपने की परिणति है. उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने ज्ञान की ज्योति जलाई थी और हमें उसी ज्योति के प्रकाश से समाज को लाभान्वित करना है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय डॉ अम्बेडकर के आदर्शों और उनके विचारों के अनुरूप योजना एवं उसके

 क्रियान्वयन करते हुए समाज के विकास में महती भूमिका निभा रहा है. यह केंद्र इसी तरह की योजना का हिस्सा है.  केंद्र की गतिविधियाँ विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों के विकास में काफी महत्त्वपूर्ण साबित होगी. उन्होंने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र के अंतर्गत संचालित निःशुल्क कोचिंग में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी एक सपना लेकर आये हैं. सभी विद्यार्थी अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे. 
उन्होंने कहा कि निःशुल्क कोचिंग में प्रवेशित विद्यार्थी विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों में शामिल होकर कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के सभी आयामों को विकसित करें. उन्होंने सभी प्रवेशित विद्यार्थियों को सफल होने के लिए शुभकामनाएं दीं.  
वंचित प्रतिभाओं के आरोहण का रोशन उदहारण बनेगा डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र : प्रो. श्याम बिहारी लाल 

मुख्य अतिथि प्रो. श्याम बिहारी लाल ने कहा कि एक महान दानी और विद्वान् डॉ गौर के द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय में डॉ अम्बेडकर जैसे महापुरुष के नाम पर स्थापित यह केंद्र न्याय और समता के आदर्शों को समाज में फैलाने का कार्य करेगा. दोनों ही महापुरुष समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कई क्षेत्रों में कार्य किया. उन्होंने कहा कि पूर्व में रेमेडियल कोचिंग की व्यवस्था से अलग हटकर सरकार का यह प्रयास समाज के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अध्ययन में कोई शार्टकट नहीं होता. मूल विषयों के अध्ययन के साथ-साथ ज्ञान के सभी अनुशासनों को अपने अध्ययन में शामिल करना चाहिए क्योंकि खंडित ज्ञान मनुष्य की मानसिकता को संकुचित कर देता है.   



सामाजिक न्याय और समता के पुरोधा थे अम्बेडकर- डॉ.वर्मा

विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. एस. वर्मा ने सामाजिक न्याय और समता की स्थापना के लिए डॉ. अम्बेडकर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने विषम परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए अपने अध्ययन को जारी रखा और कई उपाधियाँ हासिल कीं. देश विदेश में उन्हें ‘सिंबल ऑफ़ नॉलेज’ कहा जाता है. उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर मानते थे कि शिक्षा व्यक्ति के विकास का साधन है. डॉ अम्बेडकर ने शिक्षित होने, संगठित रहने और अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहने पर बल दिया. विवि में स्थापित यह केंद्र समता के मूल्यों को स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नशा मुक्ति अभियान पर वाद-विवाद प्रतियोगिता के विद्यार्थी पुरस्कृत


कार्यक्रम में केंद्र द्वारा आयोजित की गई वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों ने स्मृति चिन्ह और प्रमाण प्रत्र प्रदान किया.
कार्यक्रम का संचालन डॉ शालिनी चोइथरानी ने किया और डॉ. सतीश सी. ने आभार ज्ञापन किया. इस अवसर पर प्रो. अशोक अहिरवार, डॉ. कालीनाथ झा, उपकुलसचिव सतीश कुमार, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. आशुतोष, डॉ. बुध सिंह, डॉ विवेक जायसवाल सहित कई शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं सभी नव प्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित थे.
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