SAGAR : दुष्कर्म के आरोपी को दस साल की सजा
सागर। न्यायालय सागर में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश दिनेश सिंह राणा के न्यायालय द्वारा बलात्कार तथा आपराधिक गृहअतिचार के प्रकरण में आरोपी को बलात्कार के आरोप में 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा आपराधिक ग्रहअतिचार हेतु 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹ 1000 -1000 जुर्माने की सजा सुनाई ।
सागर में आज प्रकरण क्रमांक 13/2019 के आरोपी सरमन चढ़ार पिता गणेश चढ़ार निवासी ग्राम राजौआ थाना मोती नगर सागर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(1) बलात्संग तथा धारा 450 आपराधिक ग्रह अतिचार का दोषी मानते हुये 10 वर्ष तथा 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 1000-1000 रुपये जुर्माना की का दंडादेश दिया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक दीपक पौराणिक ने बताया कि घटना दिनाँक जब 4/12/2018 की रात्रि की है जब फ़रियादिनी पीड़िता अपने घर में अकेली थी, उसका पति रात्रि 8:30 बजे खेत पर पानी देना चला गया था उस समय आरोपी सरमन पीड़िता के घर में घुसा जिससे उसकी नींद खुल गयी आरोपी उसके और पलंग चढ़ गया और जबरदस्ती करने लगा जब बह चीखी तो पीड़िता के मुंह में साड़ी ठूंस कर उसके सारे कपड़े उतार कर उसके साथ में बलात्कार का अपराध किया लगभग आधा घण्टे तक आरोपी ने पीड़िता के साथ बलात्संग किया जब उसका पति और घटना देखी उसे बचाया जब आरोपी भागने लगा तो लकड़ी टीन इत्यादि से टकराकर बह गिर गया और पीड़िता के पति ने आरोपी को पकड़ा,जिसकी रिपोर्ट म मोतीनगर थाने में कई गयी।
दौरान विचारण प्रकरण में आरोपी सरमन चढ़ार को आपराधिक गृह अतिचार तथा बलात्संग हेतु दोषी पाया गया, और माननीय न्यायालय ने सजा सुनाते हुए आरोपी को धारा 376(1)भारतीय दंड संहिता में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 जुर्माना तथा इसी के साथ प्रकरण में धारा 450 भारतीय दंड संहिता में 5 वर्ष का सश्रम कारावास 1000 रुपये जुर्माना का दंड सुनाया गया।निर्णय में यह भी सम्मिलित किया गया कि उक्त राशि जमा होने पर प्रतिकर के रूप में 2000 रुपये पीड़िता को प्रदान की जाये,आज आरोपी को केंद्रीय जेल भेजा गया,दौरान विचरण आरोपी के जेल में रहने की अवधि की समायोजित( मूल सजा में से उतने दिन हटाने)का आदेश दिया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक दीपक पौराणिक ने पैरवी की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें