◾कलेक्टर की पशु पालकों से अपील पशुओं को खुले में न छोडे़
सागर 22 सितंबर 2022।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने गौवंषी पशुओं में होने वाली लंपी वायरस की बीमारी की रोकथाम और नियत्रंण के मद्देनजर लिए पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों की बैठक ली। उन्होंने पशु चिकित्सकों को निर्देष दिए कि विभागीय अमला पूरी तरह सजग और सक्रिय रहकर लंपी वायरस से बीमार पशुओं का उपचार करें । जहां आवष्यकता हो वहां टीकाकरण भी करें। उन्होंने उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. बी.के. पटेल से जिले में लंपी वायरस से गौवंषी पशुओं में बीमारी की स्थ्ति की जानकारी ली। बैठक में जिले के सभी विकासखंडों के पशु चिकित्सकगण उपस्थित थे।
उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. पटेल ने बताया कि सागर जिले को लंपी वायरस की वैक्सीन के डोज प्राप्त हो चुके है। जिसे प्रभावित पशु के एक किलोमीटर की परिधि में लगाया जाएगा। वर्तमान में सागर जिले में 6 गाय लंपी वायरस से प्रभावित हुई हेै । उनका उपचार किया जा रहा है। जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार है । गाय को अन्य पशुओं से अलग (आईसोलेट) कर दिया गया है। जिले के सभी पशु चिकित्सक लंपी वायरस के प्रति पूरी तरह चौकस रहकर कार्य कर रहे है। जिला स्तर और विकासख्ांड स्तर पर पशु चिकित्सा दलों की टीम बना दी गई है। कहीं से भी सूचना आने पर तत्काल उपचार किया जाएगा।
लंपी वायरस के लक्षण - लंपी रोग से पशुओं को शुरू में बुखार आता है और वे चारा खाना बंद कर देते हैं। इसके बाद चमड़ी पर गाँठें दिखाई देने लगती है, पशु थका हुआ और सुस्त दिखाई देता है, नाक से पानी बहना एवं लंगड़ा कर चलता है। यह लक्षण दिखाई देने पर पशुपालक तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु औषधालय से संपर्क कर बीमार पशुओं का उपचार कराएँ। पशु सामान्यतः 10 से 12 दिन में स्वस्थ हो जाता है। संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करें।
उपचार - पशु चिकित्सक से तत्काल उपचार आरंभ कराएँ। संक्रमित पशु प्रक्षेत्र, घर, गौ-शाला आदि जगहों पर साफ-सफाई, जीवाणु एवं विशाणु नाशक रसायनों का प्रयोग करें। पशुओं के शरीर पर होने वाले परजीवी जैसे- किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करें। स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराएँ और पशु चिकित्सक को आवश्यक सहयोग भी करें।
कलेक्टर की पशु पालकों से अपील
पशुओं को खुले में न छोडे़
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने जिले के पशु पालकों से अपील की है कि गौवंषी पशुओं में होने वाली लंपी वायरस की बीमारी के नियंत्रण के लिए अपने पशुओं को खुला न छोडे उन्हें घर पर ही बांध कर रखे और उन्हें घर पर ही खिलाए। इसी प्रकार उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. बी.के. पटेल ने पशु पालकों से अनुरोध किया है कि लंपी वायरस से होने वाली बीमारी के प्रति ऐहतियात बरते। उन्होंने पशुपालकों से कहा है कि वे गौवंषी पशुओं में होने वाली लंपी वायरस की बीमारी के रोकथाम के लिए अपने पशुओं को घर पर रखकर खिलाए उन्हें खुले में न छोडें।
जिला और विकासखंड स्तर पर रिस्पांस टीमों का गठन
जिले में गौवंषी पषुओं में होने वाले लंपी वायरस रोग की रोकथाम के लिए जिला स्तर एवं जिला अंतर्गत सभी विकासखंड एवं जिला मुख्यालय में आरआरटी रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।
आरआरटी रिस्पांस टीम किसी भी ग्राम से/पशुपालक से/अन्य माध्यम से रोग के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल मौके पर पहुंचेगी। टीम लंपी वायरस से संबंधित गाईड लाईन के अनुसार सर्वप्रथम रोगी पशु को अन्य पशुओं से पृथक कर अन्य जगह क्वारन्टाईन करवाईगी एवं पशु का सीरम का सेम्पल लेकर लक्षण जनित उपचार देगी।
आरआरटी रिस्पांस टीम मौके पर पहुंचकर परीक्षण कर संबंधित क्षेत्र के व्ही.ए.एस./ए. व्ही.एफ.ओ./गौसेवक को मौके पर बुलाकर ग्रसित पशु का फालोअप/उपचार देने हेतु निर्देशित करेगी।
संबंधित क्षेत्र के व्ही.ए.एस./ए.व्ही.एफ.ओ./गौसेवक का दायित्व होगा कि वह सुनिष्चित करेगे कि ग्रसित पशु किसी भी हाल मे क्वारेन्टाईन क्षेत्र से बाहर एवं अन्य पशुओं के संपर्क में नही आये। साथ ही लंपी वायरस से संबंधित प्राप्त गाईड लाईन के अनुसार नियमित उपचार दिया जाए। रिस्पांस टीम मौके पर परीक्षण कर यदि लंपी वायरस का लक्षण प्रतीत हो तो इसकी सूचना जनपद पंचायत सी.ई.ओ. के माध्यम से संबंधित ग्राम के सचिव को देगें ताकि उनका सहयोग प्राप्त हो।
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